अल्मोड़ा, रानीखेत और नैनीताल को सबसे साफ कैंटोनमेंट का अवार्ड

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अल्मोड़ा, रानीखेत और नैनीताल को सबसे साफ कैंटोनमेंट का अवार्ड

नई दिल्ली (उत्तराखंड पोस्ट ब्यूरो) उत्तराखंड के अल्मोड़ा, रानीखेत और नैनीताल कैंटोनमेंट को स्व्च्छता के मामले में दूसरा, तीसरा और चौथा स्थान मिला है। पहले नंबर पर दिल्ली कैंटोनमेंट रहा है। स्वच्छता के मामले में सर्वश्रेष्ठ कैंटोनमेंट के लिए 6 पुरुस्कार थे, जिनमें से तीन पर उत्तराखंड ने बाजी मारी है। वहीं सबसे साफ शहरों की सूची


नई दिल्ली (उत्तराखंड पोस्ट ब्यूरो) उत्तराखंड के अल्मोड़ा, रानीखेत और नैनीताल कैंटोनमेंट को स्व्च्छता के मामले में दूसरा, तीसरा और चौथा स्थान मिला है। पहले नंबर पर दिल्ली कैंटोनमेंट रहा है। स्वच्छता के मामले में सर्वश्रेष्ठ कैंटोनमेंट के लिए 6 पुरुस्कार थे, जिनमें से तीन पर उत्तराखंड ने बाजी मारी है।

वहीं सबसे साफ शहरों की सूची में उत्तराखंड का कोई भी शहर स्थान नहीं बना पाया। मध्य प्रदेश के इंदौर और भोपाल एक बार फिर से देश के सबसे साफ शहरों में शुमार हो गए हैं। यह लगातार दूसरा साल है जब इस लिस्ट में इंदौर पहले नंबर पर और भोपाल दूसरे नंबर आया है। वहीं चंडीगढ़ का स्थान तीसरा है।

गौरतलब है किस्वच्छ भारत मिशन (शहरी) के तत्वाधान में केन्द्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय ने स्वच्छ सर्वेक्षण 2018 का आयोजन किया था। इसमें 4203 शहरी स्थानीय निकायों का मूल्यांकन किया गया। 2700 मूल्यांकन कर्मियों ने पूरे देश के 40 करोड़ लोगों से संबंधित स्थानीय निकायों का सर्वेक्षण किया। यह कार्यक्रम 4 जनवरी 2018 से 10 मार्च 2018 तक जारी रहा। 2017 में 434 नगरों में स्वच्छता सर्वेक्षण किया गया था। इस अवसर पर सचिव श्री दुर्गा शंकर मिश्रा, एसबीएम-शहरी के मिशन निदेशक श्री वीके जिंदल तथा मंत्रालय के अधिकारी उपस्थित थे।

अल्मोड़ा, रानीखेत और नैनीताल को सबसे साफ कैंटोनमेंट का अवार्ड

स्वच्छता सर्वेक्षण 2018 के दौरान 53.58 लाख स्वच्छता ऐप डाउनलोड किये गये हैं तथा 37.66 लाख नागरिकों के फीडबैक का संग्रह किया गया है। 2016 में 73 नगरों में स्वच्छता सर्वेक्षण का संचालन किया गया था। इसमें मैसूर को सर्वाधिक स्वच्छ नगर होने का दर्जा दिया गया था। 2017 में 434 नगरों में स्वच्छता सर्वेक्षण का संचालन किया गया था और इंदौर को सर्वाधिक स्वच्छ नगर का पुरस्कार दिया गया था। एक स्वतंत्र एजेंसी ने स्वच्छता सर्वेक्षण का कार्य किया है। इसके लिए 3 स्रोतों से आंकड़ें जुटाये गये।

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