उत्तराखंड का जैविक खेती में बहुत बड़ा योगदान : राधामोहन सिंह

  1. Home
  2. Country

उत्तराखंड का जैविक खेती में बहुत बड़ा योगदान : राधामोहन सिंह

केन्द्र सरकार को कृषि और पशु महाविद्यालय की जमीन के मानकों में शिथिलता बरतनी चाहिए। मैदानी क्षेत्रों में 60 एकड़ के मानक सही हो सकते हैं, किंतु जिस प्रदेश में 13 में से नौ जनपद पूर्ण पर्वतीय क्षेत्र व दो जनपद अर्ध पर्वतीय क्षेत्र में आते हों और जहाँ कृषि क्षेत्र सीढ़ीनुमा आकर का हो


उत्तराखंड का जैविक खेती में बहुत बड़ा योगदान : राधामोहन सिंह

उत्तराखंड का जैविक खेती में बहुत बड़ा योगदान : राधामोहन सिंहकेन्द्र सरकार को कृषि और पशु महाविद्यालय की जमीन के मानकों में शिथिलता बरतनी चाहिए। मैदानी क्षेत्रों में 60 एकड़ के मानक सही हो सकते हैं, किंतु जिस प्रदेश में 13 में से नौ जनपद पूर्ण पर्वतीय क्षेत्र व दो जनपद अर्ध पर्वतीय क्षेत्र में आते हों और जहाँ कृषि क्षेत्र सीढ़ीनुमा आकर का हो वहां 60 एकड़ जमीन एकत्र करना बहुत मुश्किल काम है, अतः पर्वतीय राज्यों में इस तरह के मानकों में शिथलता बरती जानी चाहिए। प्रदेश के कृषि मंत्री डॉ हरक सिंह रावत ने नई दिल्ली में कृषि व पशु अनुसन्धान परिषद् (आईसीएआर) की 87वीं बैठक में ये बात कही। हरक सिंह रावत ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्र आज बड़े पैमाने पर जैविक बीजों की खेती कर रहा है जिसका लाभ देश को ही नहीं विदेशों तक को मिल रहा है। भारत सरकार को भी जैविक और परंपरागत बीजो में अनुसन्धान कर उसकी आधुनिक प्रजातियां विकसित करनी होंगी और इसको प्रोत्साहन भी देना होगा।

वहीं केन्द्रीय कृषि मंत्री एवं कृषि व पशु अनुसन्धान परिषद् (आईसीएआर) के अध्यक्ष राधा मोहन सिंह ने कहा कि देश के पर्वतीय राज्यों खासकर उत्तराखंड व सिक्किम का जैविक खेती में बहुत बड़ा योगदान है और केंद्र सरकार इस तरह की खेती को बढ़ावा देने वाले राज्यों का हर संभव सहयोग करेगी।

uttarakhand postपर हमसे जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक  करे , साथ ही और भी Hindi News (हिंदी समाचार ) के अपडेट के लिए हमे गूगल न्यूज़  google newsपर फॉलो करे