उर्दू के मशहूर शायर निदा फाजली का मुंबई में निधन

  1. Home
  2. Entertainment

उर्दू के मशहूर शायर निदा फाजली का मुंबई में निधन

मुंबई। उर्दू के मशहूर शायर निदा फाजली का आज मुंबई में हार्ट-अटैक से निधन हो गया। वह 78 वर्ष के थे। उनके निधन पर कई जानी-मानी हस्तियों ने शोक व्यक्त किया है। 12 अक्टूबर 1938 में ग्वालियर में जन्मे निदा का शुरुआत में नाम मुक्तदा हसन था। उनकी पढ़ाई भी यहीं पर हुई थी। उन्हें


उर्दू के मशहूर शायर निदा फाजली का मुंबई में निधन

12 अक्टूबर 1938 में ग्वालियर में जन्मे निदा का शुरुआत में नाम मुक्तदा हसन था। उनकी पढ़ाई भी यहीं पर हुई थी। उन्हें 1998 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से भी नवाजा गया था। 2013 में उन्हें पद्मश्री से नवाजा गया था।

निदा सिर्फ उर्दू शायरी में ही बड़ा नाम नहीं थे बल्कि बॉलीवुड में भी उनका कद काफी बड़ा था। हेमा मालिनी और धर्मेंद्र की फिल्म रजिया सुल्ताना में उन्होंने पहली बार बॉलीवुड से खुद का परिचय करवाया था। इसके बाद भी उन्होंने हिंदी फिल्मों के कई हिट गाने लिखे।

उनके लिखे शेर ‘घर से मस्जिद है बड़ी दूर, चलो ये कर लें। किसी रोते हुए बच्चे को हँसाया जाए॥’ को लेकर पाकिस्तान में कट्टरपंथी मुस्लिमों ने उनका जबरदस्त विरोध किया। एक बार जब उनसे इस बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि वह केवल इतना जानते हैं कि मस्जिद इंसान के हाथ बनाते हैं जबकि बच्चे को अल्लाह अपने हाथों से बनाता है।

बॉलीवुड में उनके हिट गाने

तेरा हिज्र मेरा नसीब है, तेरा गम मेरी हयात है (फ़िल्म रज़िया सुल्ताना)।
आई ज़ंजीर की झन्कार, ख़ुदा ख़ैर कर (फ़िल्म रज़िया सुल्ताना)
होश वालों को खबर क्या, बेखुदी क्या चीज है (फ़िल्म सरफ़रोश)
कभी किसी को मुक़म्मल जहाँ नहीं मिलता (फ़िल्म आहिस्ता-आहिस्ता)
तू इस तरह से मेरी ज़िंदग़ी में शामिल है (फ़िल्म आहिस्ता-आहिस्ता)
चुप तुम रहो, चुप हम रहें (फ़िल्म इस रात की सुबह नहीं)
दुनिया जिसे कहते हैं, मिट्टी का खिलौना है (ग़ज़ल)

uttarakhand postपर हमसे जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक  करे , साथ ही और भी Hindi News (हिंदी समाचार ) के अपडेट के लिए हमे गूगल न्यूज़  google newsपर फॉलो करे