एशिया के सबसे बड़े टिहरी बांध पहुंचे नेपाल के प्रधानमंत्री

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एशिया के सबसे बड़े टिहरी बांध पहुंचे नेपाल के प्रधानमंत्री

नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने रविवार को अपने मंत्रिमंडल के सदस्यों के साथ एशिया के सबसे बड़े टिहरी बांध का दौरा किया। ओले के साथ केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल भी थे। टिहरी बांध के दौरे पर पहुंचे उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने दोनों देशों के संयुक्त सहयोग से काली नदी पर बनने वाले


एशिया के सबसे बड़े टिहरी बांध पहुंचे नेपाल के प्रधानमंत्री

एशिया के सबसे बड़े टिहरी बांध पहुंचे नेपाल के प्रधानमंत्रीनेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने रव‌िवार को अपने मंत्रिमंडल के सदस्यों के साथ एशिया के सबसे बड़े टिहरी बांध का दौरा किया। ओले के साथ केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल भी थे। टिहरी बांध के दौरे पर पहुंचे उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने दोनों देशों के संयुक्त सहयोग से काली नदी पर बनने वाले पंचेश्वर बांध के निर्माण के मद्देनजर ने टिहरी बांध के पावर हाउस के निर्माण, विद्युत उत्पादन की तकनीकी जानकारी के साथ ही प्रभावित हुए गांवों के पुनर्वास के संबंध में जानकारी ली।

एशिया के सबसे बड़े टिहरी बांध पहुंचे नेपाल के प्रधानमंत्रीटीएचडीसी के अधिकारियों ने उन्हें बताया कि यहां पर भागीरथी और भिलंगना नदी का संगम था। वर्तमान में यहां पर टी वन और टी टू सुरंग है। यहीं से पानी अब पावर हाउस में जाता है। झील 42 वर्ग किमी क्षेत्र में फैली हुई है। पावर हाउस पहुंचने पर उन्होंने विद्युत उत्पादन और निर्माण की तकनीक के बारे में जानकारी ली। वहीं केंद्रीय ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि टिहरी बांध की झील में एक शहर और 125 गांव समाए हुए है, जिनका पुनर्वास नई टिहरी, हरिद्वार, ऋषिकेश और देहरादून में किया गया है। गोयल ने बताया कि परियोजना की शुरूआती लागत 600 करोड़ आंकी गई थी लेकिन लोगों के पुनर्वास के बाद इस परियोजना पर कुल 19 हजार करोड़ खर्च हुए। वर्तमान में परियोजना से 10 से 15 करोड़ की आय प्रतिदिन हो रही है।

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