युवाओं ने जो शिक्षा अर्जित की है, उसे संवारने की जरूरत: राज्यपाल

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युवाओं ने जो शिक्षा अर्जित की है, उसे संवारने की जरूरत: राज्यपाल

राज्यपाल डा. केके पाल ने आज पंतनगर में डा. रतन सिंह आडिटोरियम में पीएचडी चैम्बर आफ कामर्स एवं जिला प्रषासन के तत्वाधान में स्किलिंग उत्तराखण्ड विष्व प्रतिस्पर्धा विषयक पर आयोजित सेमिनार का वतौर मुख्य अतिथि दीप प्रज्जवलित कर उद्घाटन किया। राज्यपाल ने अपने सम्बोधन में कहा कि कौषल विकास के इस तरीके के कार्यक्रम पीएचडी


राज्यपाल डा. केके पाल ने आज पंतनगर में डा. रतन सिंह आडिटोरियम में पीएचडी चैम्बर आफ कामर्स एवं जिला प्रषासन के तत्वाधान में स्किलिंग उत्तराखण्ड विष्व प्रतिस्पर्धा विषयक पर आयोजित सेमिनार का वतौर मुख्य अतिथि दीप प्रज्जवलित कर उद्घाटन किया।

राज्यपाल ने अपने सम्बोधन में कहा कि कौषल विकास के इस तरीके के कार्यक्रम पीएचडी कामर्स की अच्छी पहल है। उन्होंने कहा कि चैम्बर्स द्वारा प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों के कुछ हिस्सों में कौषल विकास के लिये चयनित करना होगा । उन्होंने कहा कि प्रदेष के युवाओं ने जो शिक्षा अर्जित की है उसे संवारने की आवष्यकता है ताकि वह स्वंय अपने विवेक से स्वरोजगार अपनाकर आत्म निर्भर हो सकं।उन्होंने यहां के युवा काफी मेहनती है उनमें हर क्षेत्र में आगे बढने की अपार सम्भावनायें है। उन्होंने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में मानव संसाधन के कौषल विकास की नितान्त आवष्यकता है। राज्य के चहुमुखी विकास के लिये इंटरप्रियोन्योर एवं कौशल विकास में सामनजस्य आवष्यक है ताकि यहां के लोगो को और अधिक रोजगार मिले और पलायन रूक सकें। उन्होने कहा कि राज्य में बेरोजगारी के निदान के लिये उद्योगों की मुख्य भूमिका है । उन्होंने स्पश्ट किया कि आय के संसाधन बढाने हेतू जरूरी नही है कि रोजगार दिया जाय बल्कि रोजगार के अवसर बढाये जाय। राज्यपाल ने उत्पादकता बढाने के लिये कोैषल विकास पर जोर दिया।

उन्होंने विकसित देश जापान का जिक्र करते हुये कहा कि जापान लोहे में नही बल्कि स्टील में अग्रणी है जापान की ए0सी0 व स्टीरियों कारें प्रथम नम्बर पर है । जापानी इसलिये प्रथम है क्योकि वहां के उद्यमी कार्यकुषलता में माहिर है। उन्होंने कहा कि कोषल विकास की परिकल्पना से ही कोई भी राश्ट्र विकसित बन सकता है । उन्होंने कहा कि श्रमिकों में कोषल विकास की त्वरित गति प्रदान करनी होगी तथा कोषल विकास के साथ ही ज्ञान के उपयोग हेतु रेाड मैप तैयार करना होगा। उन्होंने कहा कि आज हमारी षिक्षा भी परीक्षा देने तक सीमित रह गई जबकि आज जरूरत है कि विद्यार्थियों के अन्दर विचारषीलता बढाने के साथ ही उनमें अभिनव क्षमता भी विकसित की जाय। उन्होंने चैम्बर का आहवान किया  िकइस तरह के सेमिनार शैक्षिणिक संस्थानों में चलाये जाय तथा उद्यमियों को सामाजिक दायित्वों को ध्यान रखते हुये षिक्षण संस्थानों के साथ मिलकर कार्य करना होगा। उन्होंने चैम्बर की गतिविधियों को बढावा देने के लिये ब्लाक स्तर व जिला स्तर पर संवाद स्थापित कराना समय की मांग है। उन्होंने कहा कि उद्योग यहां पर स्थापित प्रषिक्षण संस्थानों से भी सामनजस्य बनाकर अपना समाजिक दायित्व पूरा कर सकते है ।

स्वास्थ्य एवं समाज कल्याण मंत्री सुरेन्द्र सिंह नेगी ने कहा कि चैम्बर ने स्किल डवलपमंट पर गोश्ठी आयेाजित कर अभिनव प्रयास किया है जो सराहनीय है। उन्होंने कहा कि यदि चैम्बर इस ओर गंभीरता से विचार करें तो हमारें प्रदेष के 60 प्रतिषत युवाओं का भविश्य संवर सकता है । उन्होंने कहा कि चैम्बर के इस प्रकार के सेमिनार कान्फ्रेंस हाल तक ही सीमित न रहे बल्कि चैम्बर्स की योजनाओं का लाभ षिक्षित युवाओ को मिले लिहाजा प्रदेष के विकास खण्ड स्तर पर इस तरह की गोश्ठियों आयोजित कर युवाओं को जागरूक किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि आज प्रदेष में मानव संसाधन कोषल विकास में दक्ष किये जाने की आवष्यकता है जिसमें उद्यमियों की मुख्य भूमिका होगी। श्री नेगी ने चैम्बर एवं जिलाधिकारी अक्षत गुप्ता के सहयोग से आयोजित कराई गई गोश्ठी के लिये सराहना की तथा कहा कि यह अच्छी पहल है जिससे क्षेत्र के युवाओं को अवष्य लाभ मिलेगा। उन्होंने जिलाधिकारी से कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम जनपद के विकास खण्डों में चैम्बर के सहयोग से आयोजित कर युवाओं को लाभान्वित करायें। उन्होंने कुलपति डाॅ0 मंगला राय से भी कहा कि कृशि विष्व विद्यालय में भी कौषल विकास के कार्यक्रम सम्पन्न करायें ताकि युवाओं को लाभ मिल सकें।

श्रम एवं दुग्ध विकास मंत्री हरीष चन्द्र दुर्गापाल ने कहा कि प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियां भिन्न है । पर्वतीय क्षेत्रों से युवाओं का पलायन रोकने के लिये स्किलिंग डवलवमेंट के जरिये यहा के युवाओं एवं महिला षक्ति को रोजगार के क्षेत्र में नई दिषा मिल सकती है । उन्होंने कहा कि सरकार भी स्किलिंग डवलपमेंट पर फोकस किये हुयं है जिसके जरिये यहां के छोटे तकनीकी संस्थानों व लघु उद्यमियों को भी बल मिलेगा। उन्होंने पर्वतीय फलों,सब्जियों एवं फूलों के उत्पाद को बढावा देने के साथ ही सोयाबीन की खेती को भी अपनानी होगी। उन्होंने कहा कि चैम्बर्स व जिलाधिकारी के प्रयासों से यहां के युवाओं को जागरूक करने के लिये यह एक विष्वसनीय कदम है

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