रेशम बोर्ड से जुड़ी समितियों को प्रोत्साहन राशि देगी सरकार: CM रावत

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रेशम बोर्ड से जुड़ी समितियों को प्रोत्साहन राशि देगी सरकार: CM रावत

उत्तराखंड में रेशम के विकास लिए सरकार ने रेशम बोर्ड से जुड़ी लगभग 60 समितियों को प्रोत्साहन राशि देने का फैसला किया है। साथ ही उत्तराखंड में पैदा होने वाले रेशम से स्थानीय स्तर पर ही वस्त्र निर्माण की क्षमता विकसित की जाएगी। मंगलवार को देहरादून के पास सेलाकुई में केटेलिटिक डेवलपमेंट योजना व राष्ट्रीय


रेशम बोर्ड से जुड़ी समितियों को प्रोत्साहन राशि देगी सरकार: CM रावत

रेशम बोर्ड से जुड़ी समितियों को प्रोत्साहन राशि देगी सरकार: CM रावतउत्तराखंड में रेशम के विकास लिए सरकार ने रेशम बोर्ड से जुड़ी लगभग 60 समितियों को प्रोत्साहन राशि देने का फैसला किया है। साथ ही उत्तराखंड में पैदा होने वाले रेशम से स्थानीय स्तर पर ही वस्त्र निर्माण की क्षमता विकसित की जाएगी। मंगलवार को देहरादून के पास सेलाकुई में केटेलिटिक डेवलपमेंट योजना व राष्ट्रीय कृषि विकास के तहत रेशम रीलिंग इकाई व अत्याधुनिक तकनीकी युक्त हॉट एयर ड्रायर का लोकार्पण करते हुए मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि तकनीकी क्षमता बढ़ जाने से अब हमारा फोकस कोकून उत्पादन को बढ़ाने पर होना चाहिए। रावत ने कहा कि जीका व आजीविका में रेशम की गतिविधियों को शामिल करने की सम्भावना देखी जाएगी। साथ ही सरकार पंचायती भूमि पर टसर, शहतूत व अन्य संबंधित पेड़ों के रोपण को प्रोत्साहित करेगी।

रेशम बोर्ड से जुड़ी समितियों को प्रोत्साहन राशि देगी सरकार: CM रावतमुख्यमंत्री रावत ने कहा कि पिछले वर्ष उत्तराखंड की विकास दर 13 प्रतिशत से अधिक रही है और सरकार की कोशिश है कि राज्य की विकास दर 18 प्रतिशत तक हो जाए। वहीं प्रदेश के कृषि, उद्यान, रेशम मंत्री डा. हरक सिंह रावत ने कहा कि पिछले दो वर्षों में देश भर में रेशम उद्योग लड़खड़ाया है लेकिन उत्तराखंड सरकार ने कुछ इस तरह के प्रयास किए जिससे इन दो वर्षों में उत्तराखण्ड रेशम का क्षेत्र सम्भला है। हम उत्कृष्ट  श्रेणी के रेशम को 50 रूपए, मध्यम श्रेणी के रेशम को 40 रूपए व इससे नीचे की श्रेणी के रेशम पर 30 रूपए प्रति किलो बोनस दे रहे हैं।

रेशम बोर्ड से जुड़ी समितियों को प्रोत्साहन राशि देगी सरकार: CM रावतहरक सिंह रावत ने कहा कि हमने न केवल रेशम बल्कि मंडुवा, माल्टा, नींबू, सेब आदि फसलों पर समर्थन मूल्य भी घोषित किए हैं। रेशम के 5 क्लस्टर बनाए गए हैं। जिला योजना में रेशम को भी एक मद के तौर पर शामिल करने की प्रक्रिया प्रारम्भ कर दी गई है। अब यहां केवल कोकून ही नहीं होगा बल्कि धागा भी यहीं बनेगा। हमारा प्रयास है कि रेशम के वस्त्र बनाने की इकाईयां भी स्थापित हों ताकि हमारे किसानों को रेशम की उचित कीमत मिल सके।

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