सर्दियों का मज़ा लीजिए, उत्तराखंड में हैं कई पर्यटक स्थल

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सर्दियों का मज़ा लीजिए, उत्तराखंड में हैं कई पर्यटक स्थल

सर्दी के मौसम में आमतौर पर लोग ठंड से बचने के उपाय ढूंढते हैं लेकिन इससे उलट आप इस मौसम का मजा भी ले सकते हैं। उत्तराखंड में कई ऐसी मनमोहक जगह है जहां सर्दियों में जाना आप पसंद करेंगे नैनीताल झीलों का शहर नैनीताल उत्तराखंड का प्रसिद्ध पर्यटक स्थल है। बर्फ से ढके पहाड़ों


सर्दी के मौसम में आमतौर पर लोग ठंड से बचने के उपाय ढूंढते हैं लेकिन इससे उलट आप इस मौसम का मजा भी ले सकते हैं। उत्तराखंड में कई ऐसी मनमोहक जगह है जहां सर्दियों में जाना आप पसंद करेंगे

नैनीताल

झीलों का शहर नैनीताल उत्तराखंड का प्रसिद्ध पर्यटक स्‍थल है। बर्फ से ढके पहाड़ों के बीच बसा नैनीताल झीलों के घिरा हुआ है और इसलिए इसे झीलों का शहर भी कहा जाता है। इसमें सबसे प्रमुख झील नैनी झील है, जिसके नाम पर इस जगह का नाम नैनीताल पड़ा। दोस्तों के साथ घूमने-फिरने का प्लान बनाना हो या हनीमून का, नैनीताल इसके लिए परफेक्ट है। जहां गर्मियों में नैनीताल की खूबसूरती और ठंडा मौसम सैलानियों को अपनी ओर खींच लाता है, वहीं सर्दियों में बर्फबारी और विंटर स्पोर्ट्स के दीवानों के लिए नैनीताल स्वर्ग बन जाता है।

भीमताल

भीमताल, नैनीताल जिले में स्थित एक शहर है जो समुद्र स्‍तर से 1370 मीटर की ऊंचाई पर बसा हुआ है। पर्यटक यहां आकर विक्‍टोरिया बांध देख सकते हैं, जो भीमताल झील के अंत में बना हुआ है। भीमताल की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह सुन्दर घाटी में खिले हुए अंचल में स्थित है। इस ताल के बीच में एक टापू है, नाव से आप टापू पर जा सकते हैं। यह टापू पिकनिक स्थल के लिए मशहूर है।

मुनस्यारी

ये एक खूबसूरत हिल स्‍टेशन है जो उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले का सीमांत क्षेत्र है। ये एक तरफ तिब्‍बत सीमा और दूसरी ओर नेपाल सीमा से लगा हुआ है। मुनस्‍यारी चारों ओर से पर्वतों से घिरा हुआ है। समुद्र तल से 2290 मीटर ऊंचाई पर मुनस्यारी कुदरत को अपने आंचल में बसाए हुए है। यहां आपको खूबसूरत नजारे के साथ पेड़-पौधे और तमाम जड़ी-बूटियां भी मिल जाएंगी। मुनस्यारी पर कुदरत खासतौर पर मेहरबान है। इन्हीं खूबियों की वजह से ही स्थानीय लोग इसे ‘सात संसारी, एक मुनस्यारी’ कहते हैं।

कौसानी

कौसानी भारत का खूबसूरत पर्वतीय पर्यटक स्‍थल है। हिमालय की खूबसूरती के दर्शन कराता कौसानी पिंगनाथ चोटी पर बसा है। यहां से बर्फ से ढके नंदा देवी पर्वत की चोटी का नजारा बडा भव्‍य दिखाई देता है। कोसी और गोमती नदियों के बीच बसा कौसानी भारत का स्विट्जरलैंड कहलाता है। काफी समय पहले कासौनी अल्मोड़ा जिले का हिस्सा था और वलना के नाम से जाना जाता था। आपको बता दें कि प्रसिद्ध हिंदी कवि सुमित्रानंदन पंत की जन्मभूमि कौसानी ही है।

मसूरी

मसूरी पहाडों की रानी के नाम से जाना जाता है। पर्यटकों को आकर्षित करने वाली मसूरी सन 1826 तक वृक्षों और मंसूर झाड़ियों से ढंकी हुई थी। इस नगर की सुंदरता पर मोहित होकर वेल्स की राजकुमारी ने इसे पहाडों की रानी नाम दिया था। मसूरी के कुछ प्रसिद्ध दर्शनीय स्थल हैं- केम्पटी फ़ॉल, लेक मिस्ट, संतरा देवी मंदिर, म्युनिसिपल गार्डन, चाइल्डर्स लॉज, गन हिल, मसूरी झील, क्लाउड एंड। मसूरी गंगोत्री का प्रवेश द्वार भी है। हिमालय और दून घाटी के बीच बसा मसूरी का नज़ारा बर्फ़ से ढंके होने के कारण बहुत ही मनमोहक लगता है।

केम्प्टी फॉल

मसूरी से 15 किलोमीटर दूर 4500 फीट की ऊंचाई पर बना केम्प्टी फॉल बेहद खूबसूरत जगह है। पहाड़ी के नीचे इकट्ठे होने वाले पानी में नहाना और खेलना बच्चों व बड़ों, दोनों को ही एक अद्भुत उत्साह देता है। यह झरना पांच अलग-अलग धाराओं में बहता है, जो पर्यटकों के लिए खासा आकर्षण का केंद्र बना रहता है।

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