सियाचिन में चमत्कार, 6 दिन बाद बर्फ के नीचे से जिंदा निकला जवान

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सियाचिन में चमत्कार, 6 दिन बाद बर्फ के नीचे से जिंदा निकला जवान

जम्मू: कहते हैं, ‘जाको राखे साईंया मार सके न कोई’, सियाचिन में एक बार फिर से ये कहावत चरितार्थ हो गई, जब बचाव अभियान के दौरान सियाचिन हिमनद में हिमस्खलन के बाद 25 फुट मोटी बर्फ की परत के नीचे दबा सेना का एक जवान आज चमत्कारिक रूप से छह दिनों बाद जिंदा मिला। उसकी


जम्मू: कहते हैं, ‘जाको राखे साईंया मार सके न कोई’, सियाचिन में एक बार फिर से ये कहावत चरितार्थ हो गई, जब बचाव अभियान के दौरान सियाचिन हिमनद में हिमस्खलन के बाद 25 फुट मोटी बर्फ की परत के नीचे दबा सेना का एक जवान आज चमत्कारिक रूप से छह दिनों बाद जिंदा मिला। उसकी हालत गंभीर है। उत्तरी सैन्य कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल डी एस हुड्डा ने बताया, एक चमत्कारिक बचाव अभियान था। आज सुबह लांस नायक हनामन थापा को आर आर अस्पताल ले जाने के लिए सभी प्रयास किए गए।

उन्होंने बताया कि ‘अब तक पांच शव बरामद किये जा चुके हैं और चार की पहचान हो चुकी है। दुखद है कि अन्य सैनिक हमारे साथ नहीं हैं।  उन्होंने उम्मीद जतायी कि कर्नाटक के रहने वाले थापा के साथ एक और चमत्कार हो। पाकिस्तान से लगी नियंत्रण रेखा के करीब 19000 फुट की उंचाई पर चौकी के हिमस्खलन की चपेट में आने से एक जुनियर कमिशंड अधिकारी (जेसीओ) और मद्रास रेजिमेंट के अन्य नौ अधिकारी जिंदा दफन हो गए थे।  जहां पर ये बर्फानी तूफान आया आया वो जगह करीब 20 हजार फीट की ऊंचाई पर है। वहां का तापमान माइनस 45 डिग्री सेल्सियस के नीचे रहता है। सेना को ये सफलता चौबीसों घंटे चलाए गए अभियान के बदौलत मिली है। इसकी जितनी भी तारीफ की जाए वो कम ही है। सेना इस बचाव अभियान में दो खोजी कुत्ते की भी जान चली गई है।

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