विस्तार से | 12वीं पास अजय टम्टा से लेकर कैंसर स्पेशलिस्ट तक बने मंत्री

  1. Home
  2. Uttarakhand
  3. Almora

विस्तार से | 12वीं पास अजय टम्टा से लेकर कैंसर स्पेशलिस्ट तक बने मंत्री

मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट का विस्तार किया गया जिसमें 19 नए राज्य मंत्रियों को शपथ दिलवाई गई। इनमें 12वीं पास से लेकर कैंसर स्पेलशलिस्ट तक शामिल हैं। उत्तराखंड की अल्मोड़ा संसदीय सीट से सांसद अजय टम्टा 12वीं पास हैं तो महाराष्ट्र के धुले से सांसद सुभाष भामरे पेशे से डॉक्टर हैं और


मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट का विस्तार किया गया जिसमें 19 नए राज्य मंत्रियों को शपथ दिलवाई गई। इनमें 12वीं पास से लेकर कैंसर स्पेलशलिस्ट  तक शामिल हैं। उत्तराखंड की अल्मोड़ा संसदीय सीट से सांसद अजय टम्टा 12वीं पास हैं तो महाराष्ट्र  के धुले से सांसद सुभाष भामरे पेशे से डॉक्टर हैं और कैंसर स्पेशलिस्ट हैं। जो राज्य मंत्री बनाए गए हैं उनमें से कोई पत्रकार रहा है तो किसी ने सरकारी नौकरी छोड़कर राजनीति में कदम रखा है। कोई कैंसर स्पेशलिस्ट् है तो कोई कलेक्टकर रह चुका है। नए चेहरों के चयन में शिक्षा को महत्व  दिया गया है।

ये रहे मोदी के मंत्री

अजय टम्टा- उत्तराखंड के अल्मोड़ा से सांसद। उत्तराखंड में बड़ा दलित चेहरा। 12वीं पास टम्टा पहली बार केंद्रीय मंत्री बने। 2007 में पहली बार विधायक बने।

सीआर चौधरी- राजस्थान के नागौर से सांसद। सरकारी नौकरी से राजनीति में आए।

पीपी चौधरी- राजस्थान के पाली से सांसद। 2014 में पहली बार लोकसभा चुनाव जीते। पेशे से वकील चौधरी को संविधान की काफी जानकारी है।

सुभाष भामरे- महाराष्ट्र  के धुले से सांसद। पेशे से डॉक्टर भामरे कैंसर स्पेशलिस्ट  हैं।

अर्जुनराम मेघवाल- बीकानेर से सांसद। राजस्थान में पार्टी का दलित चेहरा। राजनीति में आने से पहले मेघवाल कलेक्टर रह चुके हैं।

अनिल माधव दवे- राज्यमसभा सांसद, मध्य प्रदेश। 2009 से राज्य सभा सांसद हैं। कई किताबें लिख चुके हैं।

पुरुषोत्तम रुपाला- राज्यसभा सांसद, गुजरात। गुजरात में कृषि मंत्री रहे। पहली बार राज्यसभा सांसद बने और केंद्रीय मंत्री बने। गुजरात की राजनीति का बड़ा चेहरा और पटेल नेता। मोदी के करीबी हैं रुपाला।

एमजे अकबर- राज्यसभा सांसद, मध्य प्रदेश। पेशे से पत्रकार अकबर भाजपा के प्रवक्ता रहे हैं। अकबर ने कई बड़े अखबरों के संपादक के पद पर काम किया है। 1989 में पहली बार सांसद बने। अहलुवालिया के बाद मंत्रिमंडल दूसरे अल्पसंख्यक नेता।

एसएस अहलुवालिया- पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग से सांसद। 1986 से 2012 तक राज्य्सभा सांसद रहे। इससे पहले केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं। अहलुवालिया ने नगरीय विकास के अलावा संसदीय कार्यमंत्री का पद भी संभाला है। 2012 में राज्यलसभा चुनाव हारने के बाद लोकसभा सांसद बने। मंत्रिमंडल में अल्पसंख्यक चेहरा।

फग्गन सिंह कुलस्ते– मध्य  प्रदेश के मंडला से सांसद। वाजपेयी सरकार में राज्ययमंत्री रह चुके हैं। मध्य प्रदेश में आदिवासी चेहरा। 1996 में लोकसभा सांसद बने। कुलस्ते 11वीं, 12वीं, 13वीं व 14 वीं लोकसभा में लगातार चुनकर गए थे। इसके अलावा 2012 में राज्यसभा सांसद रहे।

रमेश चंदप्पा– सांसद, बीजापुर कर्नाटक, पांच बार लोकसभा सांसद, 1998 में पहली बार सांसद बने, दलित चेहरा। कर्नाटक के गृहमंत्री रहे।

विजय गोयल- राज्यसभा सांसद, राजस्थान, वाजपेयी सरकार में मंत्री रहे। 1977 से राजनीति की शुरुआत। 1996 से लगातार तीन बार राज्य सभा सांसद रहे। दिल्ली में भाजपा का बड़ा चेहरा।

रामदास अठावले- महाराष्ट्र से राज्य‍सभा सांसद। 3 बार लोकसभा सदस्य रहे। सांगली से हैं और दलित चेहरा। रिपब्लिकन पार्टी के नेता।

राजेन गोहेन- नगांव असम से सांसद, नगांव भाजपा अध्यपक्ष रहे। पहली बार केंद्र में मंत्री बन रहे हैं। 1999 से लगातार सांसद हैं।

जसवंत सिंह भभोर– गुजरात के दाहोद से सांसद। 1995 से 2014 तक 5 बार विधायक रहे। आदिवासी समुदाय से आते हैं। गुजरात में आदिवासी विकास मामलों के मंत्री रह चुके हैं।

महेंद्र नाथ पांडे- यूपी के चंदौली से सांसद। पहली बार सांसद और केंद्रीय मंत्री बने। यूपी में शहरी विकास मंत्री रहे हैं।

कृष्णाम राज- यूपी के शाहजहांपुर से लोकसभा सांसद। दो बार यूपी में विधायक रहीं। सक्रिय नेता कहीं जाती हैं। दलित समुदाय का चेहरा। दूसरी दलित महिला जिन्होंने शपथ ली।

मनसुख मंडाविया- गुजरात से राज्यसभा सांसद। 2002 में पहली बार विधायक बने। भावनगर के रहने वाले हैं।

अनुप्रिया पटेल- यूपी के मिर्जापुर से सांसद। अपना दल की सांसद हैं। कुर्मी जाति के बड़े नेता की बेटी हैं। 2012-14 तक विधायक रहीं।

uttarakhand postपर हमसे जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक  करे , साथ ही और भी Hindi News (हिंदी समाचार ) के अपडेट के लिए हमे गूगल न्यूज़  google newsपर फॉलो करे