पर्वतीय क्षेत्रों में कृषि से सम्बन्धित समस्याओं को दूर करना जरूरी: राज्यपाल

  1. Home
  2. Uttarakhand
  3. Udhamsinghnagar

पर्वतीय क्षेत्रों में कृषि से सम्बन्धित समस्याओं को दूर करना जरूरी: राज्यपाल

पर्वतीय क्षेत्रों की खाद्य एवं आर्थिक असुरक्षा को देखते हुए यहां की कृषि से सम्बन्धित प्रमुख समस्याओं पर ध्यान देकर उन्हें दूर किया जाना आवश्यक है। यह बात उत्तराखण्ड के राज्यपाल, डा. के.के. पॉल ने आज पंतनगर विश्वविद्यालय में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् (आई.सी.ए.आर.), नई दिल्ली, की क्षेत्रीय समिति संख्या 1 की 24वीं बैठक


पर्वतीय क्षेत्रों की खाद्य एवं आर्थिक असुरक्षा को देखते हुए यहां की कृषि से सम्बन्धित प्रमुख समस्याओं पर ध्यान देकर उन्हें दूर किया जाना आवश्यक है। यह बात उत्तराखण्ड के राज्यपाल, डा. के.के. पॉल ने आज पंतनगर विश्वविद्यालय में भारतीय   कृषि अनुसंधान परिषद् (आई.सी.ए.आर.), नई दिल्ली, की क्षेत्रीय समिति संख्या 1 की 24वीं बैठक का उद्घाटन करते हुए कही। यह बैठक परिषद् द्वारा पंतनगर में आयोजित की जा रही है, जो उत्तराखण्ड, हिमाचल प्रदेश तथा जम्मू एवं कश्मीर राज्यों के कृषि एवं सम्बन्धित विषयों की समस्याओं पर शोध एवं विकास के लिए गठित की गयी है।

राज्यपाल ने कहा कि उत्तर-पश्चिमी हिमालय का अत्यंत क्षरणशील क्षेत्र पारिस्थितिकी तंत्र की विविधता, संवेदनशीलता, वर्षाधीन कृषि, पहुंच से दूर, इत्यादि विशेषताओं व समस्याओं वाला है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में मिश्रित खेती, स्थान विशेष के अनुसार कृषि पद्धति के मॉडल, जैविक खेती को अधिक फायदेमंद बनाने, पर्वतीय क्षेत्रों की फसलों हेतु पंजीकृत बीज एवं पौध, जंगली जानवरों की समस्याओं से निपटने, श्रम को कम करने वाले  कृषि यंत्रों का विकास, किसानों को बाजार से जोड़कर उन्हें उनके विशेष उत्पादों पर अधिक मुनाफा दिलवाने जैसे बिन्दुओं पर इस समिति द्वारा शोध के बिन्दुओं को उजागर करना आवश्यक होगा। डा. पॉल ने प्रसंता व्यक्त करते हुए कहा कि यह समिति आई.सी.ए.आर. के शोध संस्थानों, राज्य के कृषि विश्वविद्यालयों एवं भारत सरकार व राज्य सरकारों के रेखीय विभागों के बीच समन्वय एवं आपसी वार्तालाप स्थापित कर कृषि औद्यानिकी, पशुपालन, मछली पालन, इत्यादि विषयों पर शोध एवं विकास की दिशा निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। उन्होंने आशा प्रकट की कि यह समिति इस बैठक में गहन विचार-विमर्श कर इस क्षेत्र की कृषि के टिकाऊ एवं लम्बी अवधि के विकास हेतु उचित रणनीति तैयार करेगी।
इस अवसर पर जम्मू एवं कश्मीर के कृषि मंत्री, गुलाम नबी लोन (हंजूरा); भारत सरकार के सचिव (डेयर) एवं आई.सी.ए.आर. के महानिदेशक, डा. त्रिलोचन महापात्र; राज्यपाल के सचिव, अरूण कुमार ढौंडियाल; पंतनगर विश्वविद्यालय के कुलपति, डा. मंगला राय; आई.सी.ए.आर. के उप-महानिदेशक (औद्यानिकी) एवं इस समिति के नोडल अधिकारी, डा. एन.के. कृष्ण कुमार; तथा समिति के सदस्य सचिव एवं भारतीय मृदा एवं जल संरक्षण संस्थान, देहरादून के निदेशक, डा. पी.के. मिश्र आदि उपस्थित थे।

uttarakhand postपर हमसे जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक  करे , साथ ही और भी Hindi News (हिंदी समाचार ) के अपडेट के लिए हमे गूगल न्यूज़  google newsपर फॉलो करे