मां ने शहीद हुए जवान की अर्थी को दिया कंधा और 7 माह के बेटे ने दी मुखाग्नि, डेढ़ साल पहले हुई थी शादी

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मां ने शहीद हुए जवान की अर्थी को दिया कंधा और 7 माह के बेटे ने दी मुखाग्नि, डेढ़ साल पहले हुई थी शादी

बटाला (पंजाब) (उत्तराखंड पोस्ट) जम्मू कश्मीर में श्रीनगर के पास माछिल सेक्टर में तैनात पंजाब के बटाला के गांव पब्बांराली कलां निवासी लांस नायक राजिंदर सिंह आतंकवादियों की घुसपैठ की कोशिश को नाकाम करते हुए शहीद हो गए। यह खबर जब उनके घर पहुंची तो कोहराम मच गया। रविवार को उनका पार्थिव शरीर जब उनके


मां ने शहीद हुए जवान की अर्थी को दिया कंधा और 7 माह के बेटे ने दी मुखाग्नि, डेढ़ साल पहले हुई थी शादी

बटाला (पंजाब) (उत्तराखंड पोस्ट) जम्मू कश्मीर में श्रीनगर के पास माछिल सेक्टर में तैनात पंजाब के बटाला के गांव पब्बांराली कलां निवासी लांस नायक राजिंदर सिंह आतंकवादियों की घुसपैठ की कोशिश को नाकाम करते हुए शहीद हो गए। यह खबर जब उनके घर पहुंची तो कोहराम मच गया।

रविवार को उनका पार्थिव शरीर जब उनके पैतृक गांव पहुंचा तो तिरंगे में लिपटे पार्थिव शव को साथी सैनिकों द्वारा गाड़ी से उतारा गया तो कोहराम मच गया। वहीं ग्रामीणों ने भारत माता के जयकारे लगाए। आज शहीद राजिंदर सिंह का अंतिम संस्कार सरकारी सम्मान के साथ उनके गांव पब्बांराली में ही किया गया। शहीद की अर्थी को मां पलविंदर कौर ने कंधा दिया। शहीद के भाई दलविंदर सिंह और सात महीने के बेटे गुरनूर सिंह ने चिता को मुखाग्नि दी।

शहीद की मां पलविंदर कौर ने कहा कि वह गर्व महसूस कर रही है। उसके बेटे ने देश की खातिर शहादत दी और यह बलिदान कभी भी भुलाया नही जा सकता। शहीद की पत्नी रंजीत कौर ने कहा कि अब आर पार की लड़ाई होनी चाहिए, ताकि और किसी सुहागन का घर न उजड़े।

मां ने शहीद हुए जवान की अर्थी को दिया कंधा और 7 माह के बेटे ने दी मुखाग्नि, डेढ़ साल पहले हुई थी शादी

शहीद राजिंदर सिंह चार साल पहले ही राष्ट्रीय रायफल 57 आरआर में भर्ती हुए थे और श्रीनगर में तैनात थे। डेढ़ साल पहले शादी हुई थी, जिसके बाद बेटा गुरनूर हुआ। मां ने बताया कि डेढ़ साल में राजिंदर सिर्फ दो बार घर आया। आखिरी बार मार्च 2019 में वह घर आया था। तीन दिन पहले ही उसकी परिजनों से बात हुई थी, लेकिन सोचा नहीं था कि यह आखिरी बार होगी। शहीद के भाई ने बताया कि राजिंदर के परिवार की आर्थिक हालत अच्छी नहीं थी। इसलिए वह सेना में भर्ती हुआ था। देश सेवा का जुनून तो उसमें बचपन से ही था। उसके सेना में जाने से परिवार भी संभल गया था।

मंत्री रंधावा ने पंजाब सरकार की तरफ से शहीद के परिवार को एक्स ग्रेसिया ग्रांट के तहत 12 लाख रुपये और एक सदस्य को शिक्षा के आधार पर सरकारी नौकरी देने का ऐलान किया। गांव के स्कूल का नाम भी शहीद के नाम पर रखने के लिए कहा।

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