जरुर पढ़ें- बैंक में जमा आपके पैसों को लेकर सरकार ने दी यह गारंटी

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जरुर पढ़ें- बैंक में जमा आपके पैसों को लेकर सरकार ने दी यह गारंटी

नई दिल्ली [उत्तराखंड पोस्ट ब्यूरो] वित्तमंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को कहा कि प्रस्तावित एफआरडीआई विधेयक जमाकर्ताओं के हितों का संरक्षण करेगा। गौरतलब है कि मीडिया में इसको लेकर भ्रामात्मक खबरें फैलाई जा रही हैं कि केंद्र सरकार एक ऐसा विधेयक लेकर आ रही है जिसके पास हो जाने पर आपके बैंक में जमा धन


नई दिल्ली [उत्तराखंड पोस्ट ब्यूरो] वित्तमंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को कहा कि प्रस्तावित एफआरडीआई विधेयक जमाकर्ताओं के हितों का संरक्षण करेगा।

गौरतलब है कि मीडिया में इसको लेकर भ्रामात्मक खबरें फैलाई जा रही हैं कि केंद्र सरकार एक ऐसा विधेयक लेकर आ रही है जिसके पास हो जाने पर आपके बैंक में जमा धन पर आपका हक खत्म होने का खतरा पैदा हो सकता है। वित्तमंत्री जेटली ने इस तरह की खबरों को खारिज किया।

जेटली ने ट्वीट किया, ‘‘वित्तीय निपटान एवं जमा बीमा विधेयक, 2017 (एफआरडीआई) विधेयक स्थायी समिति के समक्ष लंबित है। सरकार का उद्देश्य वित्तीय संस्थानों तथा जमाकर्ताओं के हितों का पूर्ण संरक्षण करना है।’’ उन्होंने कहा कि सरकार अपने इस उद्देश्य को लेकर प्रतिबद्ध है।

आर्थिक मामलों के सचिव एससी गर्ग ने कहा कि एफआरडीआई विधेयक जमाकर्ताओं के मौजूदा अधिकारों के संरक्षण का प्रस्ताव करता है। गर्ग ने कहा कि यह संरक्षण में किसी तरह की कमी नहीं करता। वास्तव में यह मौजूदा संरक्षणों का और विस्तार करता है।

केन्द्र सरकार ने एफआरडीआई बिल 2017 को अगस्त में मानसून सत्र के दौरान लोकसभा में पेश किया था और तब इसे ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी के पास सुझाव के लिए भेज दिया गया था। अब एक बार फिर केन्द्र सरकार ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी की सुझावों को देखते हुए नए बिल का प्रस्ताव संसद में पेश करने पर विचार कर रही है।

गौरतलब है कि फाइनेंशियल रेजोल्यूशन एंड डिपॉजिट इंश्योरेंस बिल (एफआरडीआई बिल) वित्तीय संस्थानों के दिवालिया होने की स्थिति से निपटने के लिए बनाया गया है। मौजूदा व्यवस्था यह है कि बैंक में आपकी जो भी पूंजी जमा होती है, उसमें 1 लाख रुपये तक की राशि हमेशा सुरक्ष‍ित होती है। इसमें जमाकर्ता को मिलने वाला ब्याज भी शामिल होता है।

यह गारंटी डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन की तरफ से मिलती है। इसका सीधा सा मतलब यह है कि जब कोई बैंक दिवालिया हो जाता है और वह जमाकर्ताओं के पैसे लौटाने में सक्षम नहीं होता, तो भी इस स्थ‍िति में उसे जमाकर्ताओं को 1 लाख रुपये तक की राशि देनी होगी। (उत्तराखंड पोस्ट के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं, आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं)

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