खतरे में आई उत्तराखंड में आयुष चिकित्सकों की नौकरी, ये है वजह
देहरादून (उत्तराखंड पोस्ट ब्यूरो) राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने उत्तराखंड के 11 जिलों में आयुष चिकित्सकों की ओपीडी को संतोषजनक नहीं माना है। जिसके बाद निदेशक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने ओपीडी में सुधार न होने पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी को आयुष चिकित्सकों की संविदा सेवाएं समाप्त करने की प्रक्रिया शुरू करने को कहा है। गौरतलब है कि
देहरादून (उत्तराखंड पोस्ट ब्यूरो) राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने उत्तराखंड के 11 जिलों में आयुष चिकित्सकों की ओपीडी को संतोषजनक नहीं माना है। जिसके बाद निदेशक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने ओपीडी में सुधार न होने पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी को आयुष चिकित्सकों की संविदा सेवाएं समाप्त करने की प्रक्रिया शुरू करने को कहा है।
गौरतलब है कि आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक इलाज के लिए उत्तराखंड में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत संविदा पर 68 आयुष चिकित्सक तैनात हैं, लेकिन अप्रैल 2017 से लेकर फरवरी 2018 तक हुए सर्वे में आयुष चिकित्सकों की ओर से ओपीडी में कम रोगी देखे जाने का खुलासा हुआ है। इसे प्रथमदृष्टया आयुष चिकित्सकों की ड्यूटी के प्रति उदासीनता और लापरवाही माना गया है। इससे एनएचएम के तहत चल रहे स्वास्थ्य कार्यक्रम प्रभावित हो रहे हैं।
अमर उजाला की खबर के अनुसार ऊधमसिंह नगर जिले में भी 13 आयुष चिकित्सकों की तैनाती के बावजूद ओपीडी संतोषजनक नहीं मिली है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की निदेशक डॉ. अंजलि नौटियाल ने बागेश्वर और रुद्रप्रयाग जिले को छोड़कर राज्य के 11 जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को चेतावनी पत्र लिखकर गंभीर नाराजगी जताई है। पत्र में कहा गया है कि 11 जिलों में किसी भी आयुष चिकित्सक की ओपीडी संतोषजनक नहीं है, यदि भविष्य में भी वह अपनी ड्यूटी में सुधार नहीं लाते हैं, तो उनकी संविदा सेवाएं समाप्त कर दी जाएंगी।
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