गौरतलब है कि हर साल शीतकाल में 6 माह के लिए भगवान बदरीनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिए जाते हैं। बसंत पंचमी के दिन कपाट खुलने की तिथि और शुभ मुहुर्त का ऐलान किया जाता है।
बदरीनाथ धाम को भारत के चार पवित्रों धामों में सबसे प्राचीन बताया गया है। सतयुग, द्वापर, त्रेता और कलियुग इन चार युगों की शास्त्रों में जो महिमा कही गयी है उसके अनुसार उत्तर में सतयुग का बदरीनाथ, दक्षिण में त्रेता का रामेश्वरम, पश्चिम में द्वापर की द्वारिका और पश्चिम में कलियुग का पावन धम जगन्नाथ धाम हैं। उत्तर में स्थित हिमालय में गन्ध्मादन पर्वत पर स्थित पावन तीर्थ बदरीनाथ को विभिन्न युगों में मुक्तिप्रदा, योगसिति व बदरीविशाल नामों से जाना गया। नीचे क्लिक कर पढ़ें बदरीनाथ धाम की महिमा –