PM मोदी की केदारनाथ यात्रा आध्यात्मिक, न कि राजनीतिक: भसीन

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PM मोदी की केदारनाथ यात्रा आध्यात्मिक, न कि राजनीतिक: भसीन

देहरादून (उत्तराखंड पोस्ट ब्यूरो) कांग्रेस नेताओं द्वारा प्रधानमंत्री की केदारनाथ यात्रा पर प्रश्न उठाने व यात्रा के दौरान होने वाले लेज़र शो की आलोचना करने पर भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी डॉ देवेंद्र भसीन ने कांग्रेस पर प्रहार करते हुए कहा कि कांग्रेस नेताओं की मनोवृत्ति इतनी कलुषित हो गई है कि वे आस्था के मामलों


देहरादून (उत्तराखंड पोस्ट ब्यूरो) कांग्रेस नेताओं द्वारा प्रधानमंत्री की केदारनाथ यात्रा पर प्रश्न उठाने व यात्रा के दौरान होने वाले लेज़र शो की आलोचना करने पर भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी डॉ देवेंद्र भसीन ने कांग्रेस पर प्रहार करते हुए कहा कि कांग्रेस नेताओं की मनोवृत्ति इतनी कलुषित हो गई है कि वे आस्था के मामलों को भी राजनीतिक रूप देने की कोशिश करने लगते हैं और यहाँ तक कि वे हिंदू आराध्य देव स्वरूपों को क्षेत्र आधार पर विभाजित करने की कोशिश पर भी उतर आए हैं।

डॉ देवेंद्र भसीन ने एक बयान में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व भाजपा मुख्यमंत्रियों की होने वाली केदारनाथ धाम यात्रा मूलतः आध्यात्मिक है। केदारनाथ जी सहित उत्तराखंड चारधामों व अन्य स्थलों के प्रति प्रधानमंत्री की जो आस्था है उसका एक बड़ा प्रमाण चारधाम सड़क परियोजना, ऑल वेदर रोड है। जो बहुत तेजी से बन रही है। यह सड़क उत्तराखंड के विकास के लिए महत्वपूर्ण आधार सिद्ध होने वाली है। साथ ही प्रधानमंत्री जी निर्देशन में केदारनाथ धाम का जो विकास किया जा रहा है वह भी ऐतिहासिक है। लेकिन कांग्रेस को यह सब न दिखाई देता है और न पसंद है।

PM मोदी की केदारनाथ यात्रा आध्यात्मिक, न कि राजनीतिक: भसीन

उन्होंने कांग्रेस पर विकास व उत्तराखंड विरोधी होने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस नेताओं को याद दिलाया कि केदारनाथ धाम में 2013 में आई भारी आपदा के समय नरेन्द्र मोदी जो उस समय प्रधानमंत्री नहीं अपितु गुजरात के मुख्यमंत्री थे ने उत्तराखंड में तत्कालीन कांग्रेस सरकार के सामने केदारनाथ धाम के विकास का प्रस्ताव रखा था। इतना ही नहीं उस समय मोदी आपदा प्रभावितों के लिये बहुत बड़ी मात्रा में गुजरात से सहायता सामग्री भी लाये थे पर कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष के कहने पर राज्य की कांग्रेस सरकार ने न तो मोदी जी के विकास के प्रस्ताव को स्वीकार किया और न ही उनके द्वारा लाई गई सहायता सामग्री आपदा पीड़ितों में बंटने दी।

डॉ भसीन ने आगे कहा कि अब जब प्रधानमंत्री जी पुनः केदारनाथ धाम दर्शन के लिये आ रहे हैं तो कांग्रेस नेता परेशान हैं। इसी मानसिक परेशानी में कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत जो केन्द्र में कांग्रेस सरकार में मंत्री भी रहे ने एक ऐसा बयान दिया है जो कांग्रेस द्वारा अपने राजनीतिक लाभ के लिए हिन्दुओ को विभाजित करने के षड्यंत्र के साथ अब हिन्दुओ के आराध्य देवों के स्वरूपों को भी क्षेत्र के आधार पर विभाजित करने की कोशिश का अंग है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की यात्रा के दौरान होने वाले लेजर शो जिसमें भगवान शिव के संबंध में दर्शन कराए जाएंगे में उनके नटराज व त्रिनेत्र रूप के बारे में श्री हरीश रावत ने जो टिप्पणी की है वह कांग्रेस की कलुषित सोच का प्रमाण है व निंदा योग्य है। हम सब जानते हैं कि हिंदू आस्था में भगवान शिव पूरे ब्राह्मण्ड के महादेव है और उनका हर रूप पूरे विश्व में हर स्थान पर पूजनीय है। ऐसे में भगवान के रूपों को क्षेत्रों में विभाजित करने की सोच को स्वीकार नहीं किया जा सकता। इसके लिये कांग्रेस व श्री हरीश रावत को सभी हिंदुओं से माफ़ी मांगनी चाहिए।

डॉ भसीन ने कांग्रेस नेताओं को सलाह दी है कि वे पहले हिन्दू शास्त्रों को पढ़ें और फिर कुछ बोलें। जनेऊ धारण करने से जग दिखावा तो हो सकता है पर आस्था तब तक नहीं आ सकती जब तक हॄदय, बुद्धि व आत्मा में उसका भाव न हो।

 

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