बड़ी खबर | अब बीएड और डीएलएड होंगे बंद,12वीं के बाद इसमें मिलेगा दाखिला

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बड़ी खबर | अब बीएड और डीएलएड होंगे बंद,12वीं के बाद इसमें मिलेगा दाखिला

देहरादून (उत्तराखंड पोस्ट) एनसीटीई ने जल्द ही डीएलएड और बीएड ये दो कोर्स खत्म करने का फैसला लिया है। अमर उजाला की खबर के अनुसार एनसीटीई ने दो नए कोर्स लांच कर दिए हैं। अब इन पाठ्यक्रमों में सीधे 12वीं के बाद दाखिला मिलेगा। इन कोर्स की अधिसूचना जारी कर दी गई है। अब तक प्री प्राइमरी से


 देहरादून (उत्तराखंड पोस्ट) एनसीटीई ने जल्द ही डीएलएड और बीएड ये दो कोर्स खत्म करने का फैसला लिया है।

अमर उजाला की खबर के अनुसार एनसीटीई ने दो नए कोर्स लांच कर दिए हैं।  अब इन पाठ्यक्रमों में सीधे 12वीं के बाद दाखिला मिलेगा। इन कोर्स की अधिसूचना जारी कर दी गई है।

अब तक प्री प्राइमरी से प्राइमरी स्तर से शिक्षण के लिए डीएलएड जरूरी था। अपर प्राइमरी से सेकेंडरी स्तर तक शिक्षण के लिए बीएड करना अनिवार्य था। इस बीच एनसीटीई ने चार वर्षीय इंटिग्रेटेड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम(आईटीईपी) शुरू कर दिए हैं।एक आईटीईपी प्री प्राइमरी से प्राइमरी स्तर तक पढ़ाने के लिए होगा जबकि दूसरा आईटीईपी कोर्स अपर प्राइमरी से सेकेंडरी स्तर तक पढ़ाने के लिए होगा। दोनों ही पाठ्यक्रमों की अवधि चार वर्ष की होगी और इनमें 12वीं के बाद दाखिला मिलेगा। इन पाठ्यक्रमों के लिए ग्रेजुएशन की जरूरत नहीं होगी।

कोई भी वह कॉलेज, जिसमें बीएड के साथ एमएड या बीए, बीएससी, बीकॉम जैसे पाठ्यक्रम पढ़ाए जाते हों (कंपोजिट कॉलेज), वह आईटीईपी की मान्यता ले सकता है। अभी तक डीएलएड की संबद्धता राज्य सरकार के शिक्षा विभाग और बीएड की संबद्धता संबंधित विश्वविद्यालय से मिलती थी लेकिन इन दोनों पाठ्यक्रमों की संबद्धता सीधे विश्वविद्यालय से मिलेगी और मान्यता एनसीटीई की रहेगी।

एनसीटीई की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक आईटीईपी के लिए एक यूनिट 50 सीटों की होगी। बीएड-एमएड वाले संस्थान को इस कोर्स के लिए 500 वर्ग मीटर भूमि और 400 वर्ग मीटर बिल्डिंग तैयार करनी होगी। किसी नए संस्थान को यह कोर्स संचालित करने के लिए बीए, बीएससी, बीकॉम जैसे कोर्स के साथ यह कोर्स मिलेगा।इसके लिए उन्हें कम से कम 3000 वर्ग मीटर भूमि खरीदनी होगी। यह मानक केवल 50 सीटों के लिए है। एक कॉलेज इससे अधिक सीटें भी ले सकता है, जिसके हिसाब से भूमि और इमारत की सीमा बढ़ जाएगी।

एनसीटीई ने दो नए पाठ्यक्रम लांच किए हैं, जिनकी संबद्धता सत्र 2019-20 से मिलेगी। एनसीटीई का कदम सराहनीय है। अब शिक्षण के क्षेत्र में केवल वही युवा आएंगे, जिनकी पहले से इस क्षेत्र में रुचि होगी। आने वाले समय में केवल सरकारी नौकरी के लिए डिग्री लेने का प्रचलन निश्चित तौर पर खत्म होगा।लिहाजा, फिलहाल दो वर्षीय बीएड और एक वर्षीय डीएलएड कोर्स चलता रहेगा। अभी एनसीटीई ने इन्हें बंद करने की कोई घोषणा नहीं की है।

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