भाजपा को बागियों से आस, इसलिए किया वफादारों को निराश !

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भाजपा को बागियों से आस, इसलिए किया वफादारों को निराश !

उत्तराखंड की सत्ता में वापसी को बेकरार भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस को उसी के हथियार से मात देने की तैयारी कर रही है। शायद यही वजह है कि भाजपा का पहली सूची में सालों से पार्टी का डंडा-झंडा उठाने वाले कार्यकर्ताओं और नेताओं पर कांग्रेस के बागियों औऱ दल-बदल कर पार्टी में शामिल होने वाले नेताओं


उत्तराखंड की सत्ता में वापसी को बेकरार भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस को उसी के हथियार से मात देने की तैयारी कर रही है। शायद यही वजह है कि भाजपा का पहली सूची में सालों से पार्टी का डंडा-झंडा उठाने वाले कार्यकर्ताओं और नेताओं पर कांग्रेस के बागियों औऱ दल-बदल कर पार्टी में शामिल होने वाले नेताओं को तरजीह दी गई है।

भारतीय जनता पार्टी ने अपने एक पूर्व प्रदेश अध्यक्ष जो कि मौजूदा विधायक हैं उनका तक टिकट काट दिया है। चौबट्टाखाल विधानसभा से मौजूदा विधायक औऱ भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष तीरथ सिंह रावत का टिकट काटकर भाजपा ने उस सीट से पुराने कांग्रेसी और वर्तमान में बीजपा नेता सतपाल महाराज को टिकट दे दिया।

जानिए किसके लिए BJP ने अपने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष का ही काट दिया टिकट

खबर है कि जिस तरह से कांग्रेस से भाजपा में शामिल होने वाले नेता के लिए बीजेपी ने तीरथ सिंह रावत का टिकट काटा है, उससे तीरथ सिंह रावत खासे खफा हैं।

कुछ ऐसा ही हाल दूसरी सीटों का भी है जहां पर भाजपा ने बरसों से पार्टी के सेवा कर रहे अपने नेताओं पर भरोसा ना करते हुए कांग्रेस की बागी रहे और हाल ही में भाजपा का दामन थामने वालों पर भरोसा दिखाया है। कांग्रेस सरकार में कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य और उनके बेटे ने सुबह भाजपा का दामन थामा और शाम को भाजपा ने यशपाल आर्य को बाजपुर विधानसभा से तो संजीव आर्य को नैनीताल विधानसभा से टिकट का ईनाम दिया। इसी तरह सुबह ही भाजपा का दामन थामने वाले कांग्रेस के पूर्व विधायक केदार रावत को भाजपा ने यमुनोत्री से टिकट दे दिया।

इसी तरह बीजेपी ने केदारनाथ विधानसभा से शैला रानी रावत को, नरेंद्रनगर से सुबोध उनियाल को, रायपुर से उमे शर्मा काउ को, रुड़की से प्रदीप बत्रा को, खानपुर से कुंवर प्रणब चैंपियन को, कोटद्वार से हरक सिंह रावत को, सोमेश्वर से रेखा आर्या को तो सितारगंज से पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के बेटे सौरभ बहुगुणा को टिकट दिया है।

इन सीटों पर भाजपा ने पांच साल से मेहनत कर रहे अपनी ही पार्टी के कई दावेदारों को ना सिर्फ नाराज किया है बल्कि बगावत की चिंगारी को भी हवा दे दी है। नरेंन्द्र नगर से भाजपा में बगावत की इस चिंगारी से तो आग भी निकलने लगी है और ओमगोपाल रावत ने भाजपा को कोसते हुए निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। माना ये जा रहा है कि आने वाले कुछ दिनों में टिकट की आस लगाए बैठे इन सीटों के कई और नेता बगावत का झंडा बुलंद कर बीजेपी की मुश्किल बढ़ा सकते हैं।

भाजपा को बागियों से आस, इसलिए किया वफादारों को निराश !

बहरहाल कांग्रेस के बागियों पर भरोसा कर भाजपा ने कांग्रेस के हथियार से ही कांग्रेस का मात देने का दांव खेला है। भाजपा का ये दांव कितना निशाने पर लगता है यो तो प्रदेश की जनता ही तय करेगी लेकिन भाजपा के लिए फिलहाल सबसे बड़ी मुश्किल इन सीटों पर बगावत का झंडा बुलंद करने की तैयारी करने वाले अपने नेताओं को मनाने की होगी।

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