इन पांच विधानसभा सीटों पर पहली बार खिलेगा कमल !

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इन पांच विधानसभा सीटों पर पहली बार खिलेगा कमल !

उत्तराखंड में राज्य गठन के बाद से अब तक हुए तीन विधानसभा चुनाव (2002, 2007 और 2012) में मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच ही रहा है। कांग्रेस 2002 और 2012 में सत्ता में रही तो भाजपा को 2007 में जनता का आशीर्वाद मिला। अब ख़बरें एक क्लिक पर इस लिंक पर क्लिक कर


इन पांच विधानसभा सीटों पर पहली बार खिलेगा कमल !

उत्तराखंड में राज्य गठन के बाद से अब तक हुए तीन विधानसभा चुनाव (2002, 2007 और 2012) में मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच ही रहा है। कांग्रेस 2002 और 2012 में सत्ता में रही तो भाजपा को 2007 में जनता का आशीर्वाद मिला। अब ख़बरें एक क्लिक पर इस लिंक पर क्लिक कर Download करें Mobile App –https://play.google.com/store/apps/details?id=app.uttarakhandpost

इन तीनों विधानसभा चुनाव में भाजपा की अगर बात करें तो करीब राज्य की 11 विधानसभा सीटें ऐसी हैं, जहां पर आज तक कमल नहीं खिल पाया है। लेकिन इस बार भाजपा के लिए इन 11 विधानसभा सीटों में से 5 विधानसभा सीटें ऐसे हैं, जहां पर कांग्रेस के बागी ही कमल खिलाने में भाजपा की मदद कर सकते हैं।

इन पांच विधानसभा सीटों पर पहली बार खिलेगा कमल !

इन 11 विधानसभा में आज तक नहीं खिला कमल | राज्य गठन के बाद से हुए तीन विधानसभा चुनाव में जिन 11 विधानसभा सीटों पर भाजपा का कमल नहीं खिल पाया, उऩमें 7 विधानसभा सीटें यमुनोत्री, टिहरी, देवप्रयाग, नरेंद्रनगर, धर्मपुर, पौड़ी और चकराता विधानसभा गढ़वाल की हैं तो 4 सीटें द्वाराहाट, जसपुर, धारचूला और जागेश्वर कुमाऊं मंडल की हैं।

इन पांच विधानसभा सीटों पर पहली बार खिलेगा कमल !

यहां पहली बार खिलेगा कमल ? | इस बार इन 11 विधानसभा सीटों में से 5 विधानसभा सीटें ऐसी हैं जहां पर भाजपा का कमल खिलाने के लिए कांग्रेस के बागी उम्मीदवार भाजपा की मदद कर सकते हैं। दरअसल इनमें से 5 विधानसभा सीटों देवप्रयाग, यमुनोत्री, धर्मपुर, टिहरी और पौड़ी में कांग्रेस के बागी चुनाव मैदान में हैं।

जाहिर है यहां पर कांग्रेस के ये बागी कांग्रेस के अधिकृत उम्मीदवार की जीत का गणित बिगाड़ेंगे ऐसी स्थिति में भाजपा के लिए इन सीटों पर जीत की संभावना बन सकती है। हालांकि इसमें से एक सीट टिहरी विधानसभा ऐसी भी है जहां पर निर्दलीय दिनेश धनै की जीत की संभावना है, ऐसे में यहां पर कांग्रेस के बागी से भाजपा को लाभ होने की संभावना न के बराबर है।

इन पांच विधानसभा सीटों पर पहली बार खिलेगा कमल !

बहरहाल कांग्रेस के बागी कांग्रेस के लिए कितने हानिकारक होंगे और भाजपा को कितना फायदा पहुंचाएंगे ये तो चुनावी नतीजे ही बताएंगे लेकिन इऩ 5 सीटों पर कांग्रेस के बागियों को चुनाव मैदान में उतरने से भाजपा कम से कम पहली बार कमल खिलने की उम्मीद तो कर ही सकती है।

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