केदारनाथ धाम पर बीजेपी ने मोदी के नाम से किया ये दावा, सच्चाई जानकर रह जाएंगे हैरान

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केदारनाथ धाम पर बीजेपी ने मोदी के नाम से किया ये दावा, सच्चाई जानकर रह जाएंगे हैरान

केदारनाथ (उत्तराखंड पोस्ट) बीजेपी ने अपने ट्विटर से उत्तराखंड में स्थित केदारनाथ धाम को लेकर एक ट्वीट किया है, जिसमें केदारनाथ धाम की 2011 की तस्वीर की तुलना 2019 की तस्वीर से की गई है। बीजेपी ने इस ट्वीट के जरिए केदारनाथ धाम में मोदी सरकार के बेहतर काम को दिखाने की कोशिश की है


केदारनाथ धाम पर बीजेपी ने मोदी के नाम से किया ये दावा, सच्चाई जानकर रह जाएंगे हैरान

केदारनाथ (उत्तराखंड पोस्ट) बीजेपी ने अपने ट्विटर से उत्तराखंड में स्थित केदारनाथ धाम को लेकर एक ट्वीट किया है, जिसमें केदारनाथ धाम की 2011 की तस्वीर की तुलना 2019 की तस्वीर से की गई है। बीजेपी ने इस ट्वीट के जरिए केदारनाथ धाम में मोदी सरकार के बेहतर काम को दिखाने की कोशिश की है लेकिन बीजेपी के इस ट्वीट पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं।

दरअसल, बीजेपी ने इस ट्वीट के जरिए बताने की कोशिश की है कि 2011 में केदारनाथ मंदिर के सामने का मार्ग संकरा था और उसमें से भक्तों को बड़ी मुश्किलों से मंदिर तक पहुंचना पड़ता था, दावा किया गया है कि 2019 में केदारनाथ धाम में अब वह मार्ग संकरा रास्ता नहीं है और मंदिर तक पहुंच कर दर्शन करना सुगम हो गया है।

मंदिर के सामने के मार्ग का संकरा होना और अब सुगम हो जाना ये दोनों ही दावे तो सही हैं लेकिन इसमें सवाल इसलिए खड़े हो रहे हैं क्योंकि इस संकरे मार्ग में पड़ने वाली प्रसाद की दुकानें, धर्मशाला, पुजारियों के निवास स्थान को दर्शन सुगम करने के लिए मोदी सरकार ने हटाया या तोड़ा नहीं है बल्कि 2013 में केदारनाथ धाम में आई भीषण आपदा में ये दुकानें, धर्मशाला, पुजारियों के निवास स्थान सब बह गए थे। जिसके बाद केदारनाथ धाम में बड़े पैमाने पर पुर्ननिर्माण कार्य किए गए और नए सिरे से पुर्ननिर्माण के दौरान मंदिर के अहाते के साथ ही सामने के मार्ग को चौड़ा किया गया।  मतलब राज्य की बीजेपी और केंद्र की मोदी सरकार में केदारनाथ धाम की तस्वीर तो बदली लेकिन 2011 से 2019 की तुलना का ये दावा फिट नहीं बैठ रहा है।

बीजेपी ने अपने ट्विटर हैंडल में 2011 और 2019 की तस्वीरों की तुलना तो की लेकिन ये नहीं बताया कि ये दर्शन सुगम होने की बड़ी वजह वो भयानक त्रासदी थी, जो 2013 में केदारनाथ धाम में हजारों लोगों की मौत की वजह बनी।

इसलिए 2011 की तस्वीर को 2019 की तस्वीर के सामने रखकर तुलना की ही नहीं जा सकती। हालांकि बीजेपी के कार्यकर्ता और समर्थक इस मोदी सरकार की उपलब्धि करार दिए जाने वाले बीजेपी के इस ट्विट को खूब शेयर कर रहे हैं जबकि सच्चाई कुछ और है।

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