बॉयो CNG प्‍लांट लगाकर कर सकते हैं मोटी कमाई, पूरी जानकारी यहां

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बॉयो CNG प्‍लांट लगाकर कर सकते हैं मोटी कमाई, पूरी जानकारी यहां

नई दिल्ली (उत्तराखंड पोस्ट) कृषि क्षेत्र से जुड़ी सहकारी संस्था NAFED ने कृषि अपशिष्ट से बॉयो सीएनजी (BIO CNG) बनाने के लिए देशभर में 100 प्लांट लगाएगी। वह निजी क्षेत्र से साझेदारी करके 5,000 करोड़ रुपये के का निवेश करेगी। बॉयो सीएनजी प्लांट लगाकर आप भी कारोबार शुरू कर सकते हैं। बॉयो सीएनजी को गाय-भैंस


बॉयो CNG प्‍लांट लगाकर कर सकते हैं मोटी कमाई, पूरी जानकारी यहां

नई  दिल्ली (उत्तराखंड पोस्ट) कृषि क्षेत्र से जुड़ी सहकारी संस्था NAFED  ने कृषि अपशिष्ट से बॉयो सीएनजी (BIO CNG) बनाने के लिए देशभर में 100 प्‍लांट लगाएगी। वह निजी क्षेत्र से साझेदारी करके 5,000 करोड़ रुपये के का निवेश करेगी।

बॉयो सीएनजी प्‍लांट लगाकर आप भी कारोबार शुरू कर सकते हैं। बॉयो सीएनजी को गाय-भैंस व अन्‍य पशुओं के गोबर-मल के अलावा सड़ी-गली सब्जियों और फलों से भी बनाया जाता है। बॉयो सीएनजी प्लांट गोबर गैस की तरह ही चलता है। लेकिन इसमें अलग से मशीनें लगाई जाती हैं।बॉयो CNG के प्‍लांट महाराष्‍ट्र, पंजाब, हरियाणा और कई अन्‍य राज्‍यों में चल रहे हैं। प्‍लांट में VPSA (Vacuum Pressure Swing Adsorption) टेक्नोलॉजी का इस्‍तेमाल होता है। इसके जरिए गोबर को प्यूरीफाई कर मीथेन बनाई जाती है।

इसके बाद मीथेन को कम्प्रेस करके सिलेंडर में भरा जाता है। प्‍लांट को लगाने में थोड़ी लागत जरूर आती है लेकिन यह कमाई का बेहतर जरिया बन सकता है। मोदी सरकार भी प्रदूषण स्‍तर घटाने के लिए बॉयो CNG को बढ़ावा दे रही है।बॉयो CNG की मांग दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है। जो लोग इस कारोबार से जुड़े हैं वह बॉयो CNG की सप्‍लाई सिलेंडर में भरकर करते हैं। यह अपने घरों में सप्‍लाई होने वाले LPG सिलेंडर जैसा ही है। यही नहीं बॉयो CNG बनाने के बाद जो गोबर बचता है, वह बेहतरीन खाद का काम करता है।

बॉयो CNG प्‍लांट लगाकर कर सकते हैं मोटी कमाई, पूरी जानकारी यहांउस खाद को किसानों को बेचकर कमाई और बढ़ाई जसकती है। सरकारी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद आप भी बॉयो CNG का व्‍यावसायिक इस्‍तेमाल कर सकते हैं।नाफेड के प्रबंध निदेशक संजीव के चड्ढा के मुताबिक संयंत्रों से जैव-सीएनजी खरीदने के लिए इंडियन ऑयल (Indian Oil) के साथ करार किया गया है। वह 48 रुपये प्रति किलोग्राम के दर से जैव-सीएनजी खरीदेगी। इसके लिए पहले 3 केंद्रों की स्थापना यूपी के मुजफ्फरनगर जिले में होगी। यहां गन्ने का सर्वाधिक उत्पादन होता है और वहां चीनी मिलों से निकलने वाला कचरा भारी मात्रा में उपलब्ध है।

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