कोहिनूर ब्रिटेन को उपहार में दिया गया था: केंद्र

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कोहिनूर ब्रिटेन को उपहार में दिया गया था: केंद्र

केंद्र सरकार ने सोमवार को सर्वोच्च न्यायालय से कहा कि ईस्ट इंडिया कंपनी कोहिनूर हीरे को भारत से लूटकर नहीं ले गई थी, बल्कि सिख सम्राट महाराजा दिलीप सिंह ने उसे ब्रिटेन को उपहार में दिया था। प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति टीएस ठाकुर तथा न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित की पीठ को सरकार ने अपने इस रुख


कोहिनूर ब्रिटेन को उपहार में दिया गया था: केंद्र

कोहिनूर ब्रिटेन को उपहार में दिया गया था: केंद्रकेंद्र सरकार ने सोमवार को सर्वोच्च न्यायालय से कहा कि ईस्ट इंडिया कंपनी कोहिनूर हीरे को भारत से लूटकर नहीं ले गई थी, बल्कि सिख सम्राट महाराजा दिलीप सिंह ने उसे ब्रिटेन को उपहार में दिया था।

प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति टीएस ठाकुर तथा न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित की पीठ को सरकार ने अपने इस रुख से अवगत कराया। न्यायालय गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) आल इंडिया ह्यूमन राइट्स एंड सोशल जस्टिस फोरम द्वारा दायर एक जनहित याचिका की सुनवाई कर रहा है। याचिका में न्यायालय से आग्रह किया गया है कि वह केंद्र सरकार को कोहिनूर हीरा ब्रिटेन से वापस लाने के लिए प्रयास करने का निर्देश दे।

न्यायालय ने सरकार को छह सप्ताह का अतिरिक्त समय दिया और कहा कि यदि न्यायालय याचिका को खारिज करता है और सरकार के रुख को स्वीकार कर लेता है, तो हीरे के ऊपर दावे के सभी रास्ते आगे हमेशा के लिए बंद हो जाएंगे।

महाधिवक्ता रंजीत कुमार ने न्यायालय से कहा कि उन्होंने हीरे के संबंध में अदालत से जो कुछ कहा है वह संस्कृति मामलों के मंत्रालय का रुख है। लेकिन, मामले में विदेश मंत्रालय भी एक पक्ष है और उसकी प्रतिक्रिया आनी अभी बाकी है। इस दलील के बाद न्यायालय ने छह सप्ताह का अतिरिक्त समय दिया।

वर्ष 1850 में अंग्रेजों-सिखों के बीच युद्ध के बाद 108 कैरट के इस हीरे को ब्रिटेन की तत्कालीन महारानी विक्टोरिया को भेंट किया गया था। युद्ध में सिखों की हार हुई थी और अंग्रेजों ने अविभाजित पंजाब के पूरे सिख साम्राज्य पर नियंत्रण कर लिया था।

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