चीन की घुसपैठ पर मुलायम बोले- पाकिस्तान से संबंध रखिए ..चीन से नहीं

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चीन की घुसपैठ पर मुलायम बोले- पाकिस्तान से संबंध रखिए ..चीन से नहीं

उत्तराखंड में चीन की घुसपैठ का मुद्दा गुरुवार को लोकसभा में उठा। कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि हमारी पार्टी ने सबसे पहले चीनी घुसपैठ का मुद्दा उठाया। वहीं समाजवादी पार्टी अध्यक्ष मुलायम सिंह ने कहा कि जब मैं रक्षा मंत्री था तो चीन के 4 किलोमीटर अंदर तक सेना भिजवा दी थी। चीन


उत्तराखंड में चीन की घुसपैठ का मुद्दा गुरुवार को लोकसभा में उठा। कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि हमारी पार्टी ने सबसे पहले चीनी घुसपैठ का मुद्दा उठाया। वहीं समाजवादी पार्टी अध्यक्ष मुलायम सिंह ने कहा कि जब मैं रक्षा मंत्री था तो चीन के 4 किलोमीटर अंदर तक सेना भिजवा दी थी। चीन से सावधान हो जाइए..वह नहीं मानेगा। पाकिस्तान से संबंध रखिए ..चीन से नहीं।
लोकसभा में कुछ सदस्यों ने उत्तराखंड के चमोली जिले में पिछले दिनों चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के जवानों द्वारा घुसपैठ की खबरों पर चिंता जताते हुए सरकार से इस संबंध में सदन में बयान देने की मांग की। संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार ने सदस्यों की चिंताओं से संबंधित मंत्रियों को अवगत कराने का आश्वासन दिया।
शून्यकाल में इस विषय को उठाते हुए कांग्रेस के ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि गत 22 जुलाई को उत्तराखंड के चमोली जिले में सीमावर्ती क्षेत्र में पड़ने वाले बाड़ाहोती क्षेत्र में चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की घुसपैठ की खबरें आई हैं जो आंतरिक सुरक्षा के लिए बहुत गंभीर चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि जब जिले के अधिकारी क्षेत्र में गये तो चीनी सैनिकों ने चिल्लाकर कहा कि यह हमारी जमीन है, वापस जाओ।
सिंधिया ने कहा कि चीन के सैनिक सीमा के 200 मीटर अंदर तक आ गये। चीन के हेलीकॉप्टर को भी इलाके में उड़ते हुए देखा गया। कांग्रेस सदस्य ने आरोप लगाया कि घटना को एक सप्ताह से अधिक समय होने के बाद भी सरकार ने चुप्पी साध रखी है और इस मामले में ना तो प्रधानमंत्री ने और ना ही गृहमंत्री ने अब तक बयान दिया है। उन्होंने उत्तराखंड में चीनी घुसपैठ की खबरों पर सरकार से बयान की मांग की।
सदन में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि सरकार को आज ही इस मामले में जवाब देना चाहिए। इसी विषय को उठाते हुए तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय ने कहा कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी चीन की पीएलए की घुसपैठ की पुष्टि की है। हालांकि चीनी जवानों ने दोनों देशों द्वारा सीमांकित एक नहर को पार नहीं किया। तृणमूल सांसद ने कहा कि पहले भी देश के कुछ सीमावर्ती क्षेत्रों में चीन की घुसपैठ की घटनाएं सामने आती रहीं हैं और सरकार को चीनी घुसपैठ को रोकने के लिए तत्काल कदम उठाने चाहिए। इस मामले में गृह मंत्री और रक्षा मंत्री को सदन में बयान देना चाहिए।
एसपी के मुलायम सिंह यादव ने कहा, ‘मैं पहले भी आगाह करता रहा हूं कि हमें असली खतरा अपने पड़ोसी पाकिस्तान से नहीं बल्कि चीन से है। मैं जब रक्षा मंत्री था तो मैंने चीन की सेना को उचित जवाब दिया था।’ उन्होंने चीन से सावधान रहने की जरूरत बताते हुए कहा कि वह धोखेबाज देश है और घात लगाकर बैठा है। लेकिन हम उसे पुरजोर जवाब दे सकते हैं। हिंदुस्तान की फौज दुनिया में सबसे बहादुर है।
यादव ने यह भी कहा कि चीन ने पाकिस्तान से गठजोड़ कर लिया है जबकि पाकिस्तान से हमें दोस्ती करनी चाहिए। हमें पाकिस्तान को छोटा भाई मानकर संबंध रखने चाहिए। चीन से कोई संबंध नहीं रखने चाहिए। उन्होंने कहा कि चीन ने 1962 के युद्ध के समय भी भारत की बड़ी जमीन पर कब्जा कर लिया था।
उन्होंने कहा, ‘लोकसभा में प्रस्ताव पारित हुआ था कि जब तक चीन जमीन वापस नहीं दे देता, उससे कोई बातचीत नहीं होगी।’ एसपी अध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सरकार को सपा समेत अन्य दलों के नेताओं से राय लेनी चाहिए और अगर चीन धमकाता है तो उसे दोगुनी शक्ति से पीछे खदेड़ना चाहिए।
भाजपा सांसद और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी ने कहा कि सीमा की सुरक्षा महत्वपूर्ण विषय है और मामला गंभीर है। क्षेत्र से होने के नाते मैंने जिले के अधिकारियों से बात की है। बाड़होती इलाके का दौरा करने के बाद मेरा भी अनुभव है कि चीन के लोग सीमा क्षेत्र में आते हैं और हमारे जवानों के कहने पर वापस चले जाते हैं।
उन्होंने कहा, ‘इस मामले में क्या केवल केंद्र को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए, राज्य सरकार का कोई काम नहीं है।’ सदस्यों की चिंताओं पर संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि देश की एकता, अखंडता और सीमा सुरक्षा हमारे लिए सर्वोपरि है। भारतीय सेना बहुत बहादुर है और हम कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने कहा कि सदस्यों ने खबरों से संबंधित जो विषय उठाया है, संबंधित मंत्रियों का ध्यान उस ओर आकृष्ट करेंगे।

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