पहाड़ों से पलायन बड़ी चिंता, स्वरोजगार से रोका जा सकता है पलायन: CM

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पहाड़ों से पलायन बड़ी चिंता, स्वरोजगार से रोका जा सकता है पलायन: CM

उत्तराखण्ड के सर्वागीण विकास के लिए हमें नये पहलुओं को खोजने की आवश्यकता है ताकि तरक्की की इबादत लिखी जा सके यह बात रविवार को अल्मोड़ा के गुरूड़ाबॉज में आयोजित मण्डलीय सहकारी प्रदर्शनी (सहकारी कौतिक) के उद्घाटन के अवसर पर मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कही। उन्होंने कहा कि महिला स्वयं सहायता समूह को सशक्त बनाकर


उत्तराखण्ड के सर्वागीण विकास के लिए हमें नये पहलुओं को खोजने की आवश्यकता है ताकि तरक्की की इबादत लिखी जा सके यह बात रविवार को अल्मोड़ा के गुरूड़ाबॉज में आयोजित मण्डलीय सहकारी प्रदर्शनी (सहकारी कौतिक) के उद्घाटन के अवसर पर मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कही। उन्होंने कहा कि महिला स्वयं सहायता समूह को सशक्त बनाकर सहकारिता की परिकल्पना को साकार करना होगा ताकि ग्रामीण अर्थव्यस्था को भी मजबूती मिल सके। उन्होंने कहा कि ग्रामीण व शहरी परिवेश को सम्मलित कर गुरूड़ाबॉज क्षेत्र को भी हमें विकसित करना होगा।

पलायन चिंता का विषय | मुख्यमंत्री ने कहा कि पलायन हमारी बहुत बड़ी चिन्ता का विषय है। स्वरोजगार एवं आजीविका के माध्यम से पलायन को रोका जा सकता है। अपनी संस्कृति को आगे बढ़ाने के लिए इस तरह के कौतिक हमारे विकास के लिए भी लाभकारी सिद्ध होंगे। ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकाधिक लोगों को स्वरोजगार से जोड़ने में सहकारिता की बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। इससे पलायन को रोकने में भी मदद मिलेगी।

महिलाओं की भूमिका अहम | मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि प्रदेश में 8 हजार स्वयं सहायता समूहों को 23 करोड़ रुपए ऋण के रूप में दिए जा चुके है जिसे बढ़ाकर 50 करोड़ करने का हमारा लक्ष्य है। किसी भी क्षेत्र के विकास के लिए महिलाओं की अहम भूमिका रहती है इसलिए महिलाओं को कृषि के साथ ही मनरेगा से जोड़ने का हमने निर्णय लिया है ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकाधिक विकास हो सके।

जल संरक्षण जरूरी | राज्य सहकारिता विभाग कृषि विभाग सामूहिक खेती की परिकल्पना को लेकर आगे बढ़ने का काम करें निश्चित रूप से हम सहकारिता के क्षेत्र में आगे बढ़ पायेंगे। मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि पानी के संरक्षण पर सरकार विशेष महत्व दे रही है जिन क्षेत्रों में तालाब व चाल-खाल बनाकर पानी का संरक्षण किया जाएगा, वहां पर लोगों को बोनस भी दिया जाए। शिल्प व शिल्पी के विकास के लिए हमें ठोस निर्णय लेने होंगे। ग्रामीण क्षेत्रों में हरि ग्रामों को माडल ग्राम के रूप में विकसित किया जायेगा। उन्होंने कहा कि सहकारिता आन्दोलन का आकलन सहकारी संस्थाओं से नहीं अपितु उनका संचालन करने वालो की नैतिकता से किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास के लिए धन की कमी आड़े नहीं आने दी जायेगी विशेषकर पेयजल की समस्या के लिए धन की व्यवस्था कर योजनाओं के निर्माण का प्रयास किया जायेगा।

15 प्रतिशत तक ले जाएंगे विकास दर | मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य देश के 07 विकसित राज्यों में अपना अलग स्थान रखता है जिसकी विकास दर वर्तमान में 13 प्रतिशत है जिसे बढ़ाकर 15 प्रतिशत तक ले जाने का हमारा लक्ष्य है यह तभी सम्भव हो पायेगा जब हम पूरी निष्ठा के साथ कार्य कर आगे बढेंगे। महिला स्वयं सहायता समूहों को महत्व देकर हम एक मौन आर्थिक क्रान्ति को स्वरूप दे रहे है। जैविक खेती को आगे बढ़ाने का हमने संकल्प लिया है। स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से ग्रामीण विकास योजनाओं के कन्र्वजशन पर अच्छा प्रयास किया जा रहा है ताकि पलायन का दवाब कर हो सके। ग्रामीण अभियन्त्रण, मत्स्य, उद्यान व सहकारिता विभाग के सहयोग से सहकारिता को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया गया है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री रावत ने लगभग 2730.47 लाख की कुल 46 योजनाओं का लाकार्पण व शिलान्यास भी किया।

कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष गोविन्द सिंह कुंजवाल ने कहा कि हम सब को सहकारिता के क्षेत्र में एक नया कीर्तिमान स्थापित करना होगा तभी हम आगे बढ़ पायेंगे यह तभी सम्भव है जब हम एकजुट होकर कार्य करेंगे। उन्होंने कहा कि सहकारिता से आजीविका को बढ़ाने में नये आयाम विकसित होंगे। सहकारिता के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों से हो रहे पलायान को रोकने में मदद मिलेगी। इस अवसर पर उन्होंने पेयजल समस्याओं को लेकर अपनी चिन्ता जताते हुए कहा कि हमें इस विषय की ओर गम्भीरता से सोचना होगा।

सहकारिता मंत्री यशपाल आर्या ने कहा कि बदलते आर्थिक परिवेश में सहकारितायें बाजारोन्मुख हो इस हेतु भी हमें विचार करना होगा। कृषि ऋण सहकारी समितियों में ग्रामीण बचत केन्द्रों की स्थापना के साथ-साथ में हमने वित्तीय समावेशन को गति प्रदान करने का प्रयास किया है। परम्परागत सहकारिताओं के साथ-साथ स्वंय सहायता समूहों के माध्यम से गठित स्वायत्त सकारिताओं ने आशातीत सफलता प्राप्त की है।

इस अवसर पर राज्य सभा सांसद प्रदीप टम्टा, संसदीय सचिव मनोज तिवारी, राज्य सहकारी बैंक के अध्यक्ष संजीव आर्या के साथ ही जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष प्रशान्त भैसोड़ा, मण्डल आयुक्त अवनेन्द्र सिंह नयाल, सचिव सहकारिता विजय कुमार ढौढ़ियाल, जिलाधिकारी सविन बंसल, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक केएस नगन्याल, मुख्य विकास अधिकारी प्रकाश चन्द्र, अपरजिलाधिकारी इला गिरी, उपजिलाधिकारी विवेक राय, एनएस नगन्याल, जिला विकास अधिकारी मोहम्मद असलम, परियोजना निदेशक डी0डी0 पंत सहित अन्य लोग उपस्थित थे।

इस दौरान संस्कृति विभाग के माध्यम से अनेक रंगारंग कार्यक्रम हुए और सूचना विभाग द्वारा प्रचार साहित्य का वितरण किया गया। साथ ही विभिन्न विभागों और स्वयं सहायता समूहों  ने स्टॉल भी लगाए।

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