सौगात | भीमताल में 10 करोड़ की योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास

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सौगात | भीमताल में 10 करोड़ की योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास

मुख्यमंत्री हरीश रावत एवं श्रममंत्री हरीश चन्द्र दुर्गापाल ने भीमताल में 9 करोड 26 लाख की विकास योजनाओं के साथ ही खनस्यू में जनपद की 9वीं तहसील एवं पतलोट मे डिग्री कालेज का उद्घाटन एवं 06 सडकों का शिलान्यास किया। विधानसभा भीमताल में पश्यों जूनियर हाईस्कूल से पश्यों गांव तक मोटर मार्ग का नव निर्माण


मुख्यमंत्री हरीश रावत एवं श्रममंत्री हरीश चन्द्र दुर्गापाल ने भीमताल में 9 करोड 26 लाख की विकास योजनाओं के साथ ही खनस्यू में जनपद की 9वीं तहसील एवं पतलोट मे डिग्री कालेज का उद्घाटन एवं 06 सडकों का शिलान्यास किया।

विधानसभा भीमताल में पश्यों जूनियर हाईस्कूल से पश्यों गांव तक मोटर मार्ग का नव निर्माण कार्य लागत 1.20 लाख का शिलान्यास, चांफी-अलचैना-मलुवाताल मोटर मार्ग का विस्तार लागत 153.73 लाख का शिलान्यास, राज्य योजना अन्तर्गत विनायक-हेडियागांव मोटर मार्ग का सुधारीकरण लागत 182.44 लाख का शिलान्यास, पदमपुरी बबियाड -टपुवा मोटर मार्ग का सुधारीकरण लागत 144.50 लाख का शिलान्यास, ईलाईजर चमोली मोटर मार्ग का सुधारीकरण लागत 218.78 लाख का शिलान्यास, ग्राम देवलीधार से सुरंग तक मोटर मार्ग का नव निर्माण लागत 105 लाख की लागत का शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि ओखलकांडा क्षेत्र बहुत पिछडा क्षेत्र है इसका चहुंमुखी विकास किया जायेगा। सरकार विकास के लिए चितिंत है।

उन्होंने कहा 2018 तक सभी गांवों को सडकों से जोडे जाने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा प्रदेश में सडकों के चहुंमुखी विकास हेतु 2600 करोड की धनराशि दी गयी है। रावत ने कहा कि प्रदेश में इस वर्ष 1000 किमी नई सडकों का निर्माण किया जा रहा  है।

प्रदेश में 2017 तक 24 घन्टे विद्युत प्रदान किया जायेगा। उन्होंने कहा इस वर्ष 36 विद्युत सब स्टेशन बनाये जा रहे है, और क्षेत्र में 09 विद्यालयों का उच्चीकरण किया गया है। उन्होने कहा इस वर्ष अन्त तक 90 प्रतिशत विद्यालयों में प्रधानाचार्यो की नियुक्ति कर दी जायेगी। रावत ने खनस्यू रामलीला कमेटी को 10 लाख रूपये देने की घोषणा की।

रावत ने कहा कि सक्रिय स्वयं सहायता समूहों को  25 हजार सीडमनी के रूप में दी जायेगी, साथ ही महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा उत्पादित सामग्री का विपणन हेतु जिलाधिकारियों द्वारा साप्ताहिक हाट बाजारों का आयोजन किया जायेगा, ताकि ग्रामीण महिलाओ द्वारा उत्पादित वस्तुओं को स्थानीय बाजार मिल सके। पहाडी क्षेत्रों में ईको टूरिज्म, हस्तशिल्प,जैविक खेती, फल,दालें आदि उत्पादन कर आत्मनिर्भर बनाकर पलायन को रोके जाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। मलिन बस्तियों का भी विनियमितीकरण किया जायेगा साथ ही जनआवास के तहत 35 हजार गरीबों को घर भी आवंटित किये जायेगें। प्रदेश में लगभग 7 लाख 13 हजार गरीब पात्र लोगों को समाज कल्याण द्वारा पेंशन दी जा रही है, पेंशन धनराशि 800 रूपये से बढाकर 1000 रूपये कर दी गयी है।

उन्होंने कहा कि 2017 तक 10 लाख पात्र लोगो को पेंशन देने का लक्ष्य रखा गया है। उत्तराखण्ड पहला प्रदेश है जहा पर पेंशन धनराशि सर्वाधिक है। उन्होंने कहा जगरियां, डंगरिया, कलाकार, शगुन आखर वालों के साथ ही बौना लोगों को भी पेंशन लागू कर दी गयी है।

उन्होंने कहा पिछले दो वर्ष पूर्व हमारे प्रदेश की कृषि विकास दर 3 प्रतिशत थी, जो आज बढकर 5.5 प्रतिशत हो गयी है। हम भारत के उन 06 राज्यों मे शामिल हो चुके हैं जो विकास मे सबसे आगे है, हम 13 प्रतिशत वार्षिक विकास दर बनाये हुये है, जिसे 2017 तक 18 प्रतिशत तक ले जाया जायेगा।

उन्होंने कहा कि 2014 मे हमारी प्रतिव्यक्ति आय मात्र 84 हजार थी, जो आज बढकर 1.73 लाख हो गयी है, जो देश की प्रतिव्यक्ति आय के लगभग दोगुनी है। हमें सभी को साथ लेकर विकास की मुख्यधारा से जोडते हुये समावेशी विकास करना होगा। ऐसे में जरूरी है कि ग्रामीण स्तर पर लोगों को रोजगार मिले। लोग हस्तशिल्प से जुडे और उत्तराखण्ड का पुराना वैभव साकार हो सके। इसलिए प्रदेश सरकार हस्तशिल्पियों, कलाकारों, धार्मिक अनुष्ठान कराने वालों लोगों को आर्थिक विकास हेतु पेंशन दे रही है।

अपने सम्बोधन में प्रदेश के श्रममंत्री हरीश चन्द्र दुर्गापाल ने कहा कि उन्होने कहा कि  दुग्ध व्यवसाय स्वरोजगार का सर्वोच्च माध्यम है। पढ़े-लिखे नौजवान व महिलायें आधुनिक तरीके से दुग्ध उत्पादन कर डेरी व्यवसाय को आजीविका के रूप में अपना रहे है। उन्होने कहा श्वेत क्रांति के क्षेत्र में उत्तराखण्ड अग्रणीय राज्यों मे खडा हो रहा है। राज्य सरकार दुग्ध उत्पादकों को प्रति लीटर 4 रूपये प्रोत्साहन राशि दे रही है। उत्तराखण्ड देश का प्रथम राज्य है जो उत्पादको को 4 रूपये प्रोत्साहन राशि देता है। उन्होंने कहा सरकार द्वारा दुग्ध उत्पादक हितों के लिए अनेक कल्याणकारी योजनायें संचालित किये जा रहे है। राज्य सरकार  द्वारा 2014 से चलाई जा रही गंगा गाय महिला डेरी योजना के सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। इस योजना के माध्यम से महिलायें अथवा महिला समूह आर्थिक रूप से सुदृढ व आत्मनिर्भर हो रहे है। उन्होने कहा कि गंगा गाय योजना के अन्तर्गत गाय खरीदने के लिए दिये जा रहे 52 हजार में 27 हजार अनुदान व 20 हजार ऋण है, जिसमें मात्र 5 हजार रूपये मार्जिन मनी के रूप में लाभार्थियो द्वारा दी जाती है। उन्होने कहा प्रदेश में एक लाख श्रमिको को टूलकिट वितरित किये जा चुके है तथा दो लाख टूल किट वितरण का लक्ष्य रखा गया है। इस अवसर पर कोपरेटिव बैक के अध्यक्ष राजेन्द्र सिह नेगी द्वारा महिला स्वयं सहायता समूहो को बैक द्वारा 50 लाख के ऋण वितरित किये गये।

कार्यक्रम में अध्यक्ष जिला पंचायत सुमित्रा प्रसाद,ब्लाक प्रमुख सतीश नैनवाल, पुष्कर नयाल, दानसिह भण्डारी, आनन्द आर्य,कुवर सिह नेगी, डॉ हरीश विष्ट, अंजू नयाल, कृपाल मेहरा, बीसी कफलटिया, जया विष्ट, पुष्कर मेहरा, गोपाल विष्ट, प्रमोद कोटलिया, डॉ केदार पलडिया, आशा आर्या, प्रेम सिह, लक्ष्मण सिह, जगदीश सिह,भावना नौलिया बलवंत बोरा, गुलाब सिह मेहता, प्रताप सिह, हरेन्द्र सिह बर्गली, बिरराम, दीवान सिह, प्रकाश नौलिया के अलावा मुख्य विकास अधिकारी प्रकाश चन्द्र, अपर जिलाधिकारी जसवन्त सिह राठौर, मुख्य अभियन्ता लोनिवि बीसी बिनवाल,एएसपी यशवन्त सिह चैहान, अधिशासी अभियन्ता लोनिवि एचएस रावत, इन्द्रलाल आर्य के अलावा बडी संख्या में जनप्रतिनिधि एवं ग्रामीण उपस्थित थे।

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