अच्छी ख़बर | अब आसान हुआ उत्तराखंड में निवेश करना

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अच्छी ख़बर | अब आसान हुआ उत्तराखंड में निवेश करना

अगर आप उत्तराखंड में निवेश करने की सोच रहे हैं तो अपके लिए एक अच्छी ख़बर है। उत्तराखंड सरकार ने अब निवेशकों के लिए सिंगल विंडो सिस्टम शुरु कर दिया है। एक पोर्टल के माध्यम से निवेशकों के सारे काम होंगे और उन्हें सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने से निजात मिलेगी। इसी के तहत मुख्यमंत्री


अच्छी ख़बर | अब आसान हुआ उत्तराखंड में निवेश करना

अगर आप उत्तराखंड में निवेश करने की सोच रहे हैं तो अपके लिए एक अच्छी ख़बर है। उत्तराखंड सरकार ने अब निवेशकों के लिए सिंगल विंडो सिस्टम शुरु कर दिया है। एक पोर्टल के माध्यम से निवेशकों के सारे काम होंगे और उन्हें सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने से निजात मिलेगी। इसी के तहत मुख्यमंत्री रावत ने बुधवार को निवेशकों के लिए ऑनलाईन सिंगल विंडो सिस्टम http://www.investuttarakhand.com/ पोर्टल का शुभारम्भ किया।

राज्य में निवेश प्रोत्साहन, रोजगार सृजन तथा उद्यमों को प्रदान की जाने वाली विभिन्न प्रकार की अनुज्ञाओं/अनापत्तियों/स्वीकृतियों आदि को एक ही स्थान पर समयबद्ध आधार पर उपलब्ध कराने के लिए ही सरकार ने उत्तराखण्ड उद्यम एकल खिड़की सुगमता एवं अनुज्ञापन अधिनियम पारित किया है। अधिनियम के क्रियान्वयन हेतु नियमावली भी राज्य सरकार द्वारा पारित कर दी गयी है। एकल खिड़की व्यवस्था को बुधवार से www.investuttarakhand.com  के जरिए ऑन-लाईन किया गया। है।

अच्छी ख़बर | अब आसान हुआ उत्तराखंड में निवेश करनामुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में व्यवसायीकरण का सरलीकरण करने के उद्देश्य से इस पोर्टल का शुभारम्भ किया गया है। अभी इसका टेस्ट होना बाकी है। आने वाले 6 महीनों में पता चलेगा कि यह सफल हुआ है या नहीं।

साथ ही रावत ने उद्योग जगत से जुड़े लोगों से कहा कि हमारे सीमित संसाधनों के बावजूद हम इस बात का विशेष ध्यान रख रहे हैं कि उद्योग जगत उत्तराखण्ड की ओर आकर्षित हो सके। राज्य सरकार उद्योग से जुड़े लोगों के साथ है, उन्हें राज्य के विकास में अपना सहयोगी समझती है। राज्य सरकार की कोशिश है कि उद्योगों को स्थापित होने में एक मददगार माहौल दिया जाए। उन्होंने कहा कि आज की आवश्यकताओं के अनुरूप हमारे युवाओं को तैयार किये जाने की जरूरत है। हमें बहु कौशल पर ध्यान देने की आवश्यकता है। इसके लिए हमारी शिक्षा प्रणाली में आवश्यक सुधार के लिए हमारे अधिकारी कार्य कर रहे हैं।

एकल खिड़की के मुख्य प्रावधान –

राज्य स्तर पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य प्राधिकृत समिति तथा जिला स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला प्राधिकृत समिति की व्यवस्था की गयी है। जिला प्राधिकृत समिति को सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम स्तर के आवेदनों पर कार्यवाही तथा निर्णय लेने का अधिकार प्राप्त है तथा राज्य प्राधिकृत समिति वृहद् तथा भारी उद्यमों की स्थापना हेतु प्राप्त आवेदनों पर कार्यवाही तथा छूट/षिथिलीकरण के आवेदनों पर विचार करने के लिए अधिकृत है। समिति का निर्णय अन्तिम तथा सभी विभागों पर बाध्यकारी है। राज्य स्तर पर राज्य उद्योग मित्र प्रकोष्ठ उद्योग निदेशालय में तथा जिला स्तर पर जिला उद्योग केन्द्र नोडल एजेंसी है।

नोडल एजेंसी सम्बंधित प्राधिकृत समिति के लिए कार्यालयी सहायता प्रदान करेगी। प्रत्येक विभाग में राज्य स्तर तथा जिला स्तर पर विभाग से सम्बंधित जानकारी देने के लिए नोडल अधिकारी की नियुक्ति जो विभागीय सक्षम प्राधिकारी द्वारा नामित किए गये हैं।

उद्यम की स्थापना के लिए अपेक्षित अनुज्ञापन चाहने वाला आवेदक कॉमन एप्लीकेशन फॉर्म-1 में आवेदन करेगा। कॉमन एप्लिकेशन फॉर्म नोडल एजेंसी द्वारा सम्बंधित सभी विभागों तथा सम्बंधित प्राधिकृत समिति को अग्रसारित किया जायेगा। 15 दिन के अन्दर सभी विभागों को प्रस्ताव पर टिपण्णी देनी होगी, प्राधिकृत समिति द्वारा निर्धारित समय-सीमा के अन्तर्गत इस आवेदन पर उद्यम स्थापना हेतु सैद्धान्तिक सहमति प्रदान की जाएगी। प्राधिकृत समिति द्वारा सैद्धान्तिक सहमति प्रदान किए जाने के पश्चात् सम्बंधित विभागों द्वारा निर्धारित समय के अन्तर्गत स्वीकृति/अनुज्ञा/अनुमति आदि प्रदान की जाएगी।

उद्यम की स्थापना के प्श्चात संचालन के लिए अनुमति चाहने वाला आवेदक एप्लीकेशन फऑर्म-2 पर आवेदन करेगा। नोडल एजेंसी द्वारा एप्लीकेशन फॉर्म-2 सम्बंधित विभागों को आवश्यक कार्यवाही हेतु अग्रसारित किया जाएगा तथा विभागों द्वारा प्राप्त आवेदन पर निर्धारित समय अवधि में कार्यवाही कर आवेदक तथा नोडल एजेंसी को सूचित किया जाएगा। प्राधिकृत समिति द्वारा प्राप्त आवेदनों की समीक्षा की जाएगी।

निर्धारित समय-सीमा में विभागों द्वारा कार्यवाही न किए जाने अथवा अकारण निरस्त किए गए आवेदनों पर प्राधिकृत समिति को डीम्ड स्वीकृति जारी करने के लिए  प्राधिकृत किया गया है। सक्षम अधिकारी के आदेशों से व्यथित होने पर राज्य प्राधिकृत समिति को, जिला प्राधिकृत समिति के आदेषों से व्यथित होने पर राज्य प्राधिकृत समिति को, राज्य प्राधिकृत समिति के आदेषों से व्यथित होने पर सरकार को, अपील किए जाने का प्राविधान किया है। नोडल एजेंसी, प्राधिकृत समिति तथा विभागों हेतु आवेदन पर कार्यवाही हेतु समय-सीमा निर्धारण हेतु राज्य सरकार अधिकृत है।

राज्य सरकार द्वारा उद्यम स्थापना पर निर्माण हेतु 15 दिन तथा उद्यम संचालन पर निर्णय हेतु अधिकतम 30 दिन की समय सीमा निर्धारित की गई है। मॉनीटरिंग व्यवस्था लागू होने के पश्चात सभी मामलों की जवाबदेही सम्भव हो सकेगी। कहां-कहां अनुमोदन लम्बित हैं यह सूचना भी उपलबध रहेगी। उद्यमी अपने विभिन्न आवेदनों की स्थिति  भी स्वयं जान सकेंगे और फाइनल एनओसी  अपने सिस्टम पर डाउनलोड कर सकेंगे।

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