लोकायुक्त पर मुख्यमंत्री की सफाई- चयन प्रक्रिया में अपनाई पारदर्शिता

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लोकायुक्त पर मुख्यमंत्री की सफाई- चयन प्रक्रिया में अपनाई पारदर्शिता

मुख्यमंत्री हरीश रावत ने लोकायुक्त मसले पर राज्यपाल डॉ. केके पाल की ओर से फाइल लौटाने के बाद लग रहे आरोपों पर सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि अपनाई गई। उन्होंने कहा कि समिति में प्रदेश के अच्छे व बेदाग छवि वाले लोग शामिल थे। समिति के लोगों पर आरोप लगाने का अधिकार किसी


मुख्यमंत्री हरीश रावत ने लोकायुक्त मसले पर राज्यपाल डॉ. केके पाल की ओर से फाइल लौटाने के बाद लग रहे आरोपों पर सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि अपनाई गई।

उन्होंने कहा कि समिति में प्रदेश के अच्छे व बेदाग छवि वाले लोग शामिल थे। समिति के लोगों पर आरोप लगाने का अधिकार किसी को नहीं है। उन्होंने कहा कि वे इस मसले पर राज्यपाल से वार्ता करेंगे।

मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि लोकायुक्त को लेकर मानकों का पालन न करने की बात को लेकर जो भ्रांति फैलाई गई है वह गलत है। सरकार ने एक्ट और अपेक्षाओं के अनुसार कार्य किया है। प्रत्येक निर्णय सर्वसम्मति, विचार विमर्श व प्रचार प्रसार के बाद लिया गया है।

उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं पता कि दिक्कत कहां है। राज्य को प्रत्येक संस्था मिले, इसके लिए सरकार प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि जो आरोप लगा रहे हैं, वे समिति का अपमान कर रहे हैं। इसी प्रवृति के चलते सूचना आयोग में नियुक्तियों में भी दिक्कतें आ रही हैं। संवैधानिक संस्थाओं में राजनीति से हटकर फैसले होने चाहिए। पहले भी ये संस्थाएं गठित हुई हैं लेकिन तब सवाल नहीं उठे, अब जानबूझ कर सवालों को उठाया जा रहा है।

राज्यपाल के कदम पर उन्होंने टिप्पणी करने से इन्कार किया। उन्होंने कहा कि सरकार संवैधानिक संस्थाओं का सम्मान करती है, मगर दूसरे राज्यों में जो परंपराएं चल रही हैं, वे इसे अपने यहां शुरू नहीं होने देंगे।

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