प्रदेश के बजट को लेकर कांग्रेस ने अब राष्ट्रपति से लगाई गुहार

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प्रदेश के बजट को लेकर कांग्रेस ने अब राष्ट्रपति से लगाई गुहार

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय के नेतृत्व में कांग्रेस पदाधिकारियों के एक प्रतिनिधिमण्डल ने राज्यपाल से मुलाकात कर राष्ट्रपति जी के नाम संबोधित 9 सूत्रीय मांगों से सम्बन्धित ज्ञापन सौंपा। अपने ज्ञापन में कांग्रेस ने कहा है कि केन्द्र में भारतीय जनता पार्टी नीत सरकार आने के बाद केन्द्र सरकार द्वारा निरंतर उत्तराखण्ड की उपेक्षा


प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय के नेतृत्व में कांग्रेस पदाधिकारियों के एक प्रतिनिधिमण्डल ने राज्यपाल से मुलाकात कर राष्ट्रपति जी के नाम संबोधित 9 सूत्रीय मांगों से सम्बन्धित ज्ञापन सौंपा। अपने ज्ञापन में कांग्रेस ने कहा है कि केन्द्र में भारतीय जनता पार्टी नीत सरकार आने के बाद केन्द्र सरकार द्वारा निरंतर उत्तराखण्ड की उपेक्षा की जा रही है जो अत्यंत चिन्तनीय एवं सोचनीय विषय है। अगर उत्तरखण्ड का नियोजन उसकी आवश्यकताओं के अनुरूप नहीं होगा तो इसका प्रतिकूल प्रभाव देश पर ही नहीं बल्कि पूरे विश्व पर भी पड़ेगा, शायद केन्द्र सरकार जानते हुए भी उत्तराखण्ड के प्रति उपेक्षा एवं अवहेलना का भाव अपना रही है। केन्द्र में भाजपा नीत सरकार बनने से लेकर अब तक केन्द्र सरकार के दर्जनों मंत्री उत्तराखण्ड का भ्रमण कर चुके हैं और उत्तराखण्डवासियों को शब्द जाल में उलझाने के अलावा उन्होंने कोई भी राहत देने का काम नहीं किया है।

राष्ट्रपति से की ये मांग | किशोर उपाध्याय ने ज्ञापन में कहा कि उत्तराखण्ड विधानसभा में पारित 2016-2017 के विनियोग विधेयक को अविलम्ब स्वीकृति प्रदान की जाए। उत्तराखण्ड की युवा पीढ़ी रोजगार के अवसरों की अनुपलब्धता के कारण गहन असंतोष की भावना से ग्रसित है तथा पलायन को मजबूर है जिसका कालान्तर में गम्भीर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। सम्पूर्ण उत्तराखण्ड को केन्द्र सरकार की सरकारी सेवाओं में आरक्षण की परिधि में लाया जाय। पूर्व प्रधानमंत्री स्व0 श्रीमती इन्दिरा गांधी जी द्वारा उत्तराखण्ड के सम्पूर्ण क्षेत्र को विषेश क्षेत्र के रूप में बजट की व्यवस्था की गई थी और राज्य बनने के बाद उत्तराखण्ड को विषेश राज्य का दर्जा प्राप्त था, जिसे केन्द्र की मोदी सरकार ने समाप्त कर दिया है, उसे पुनः बहाल किया जाय। भाजपा-अकाली दल के कारण उत्तराखण्ड के विशेष औद्योगिक पैकेज को समाप्त किया गया, इसे पुनः लागू किया जाय। राज्य सरकार द्वारा केन्द्र सरकार को भेजे गये नमामि गंगे के प्रस्तावों को अविलम्ब स्वीकृति प्रदान की जाय। पर्वतीय क्षेत्र होने के कारण उत्तराखण्ड राज्य की भौगोलिक परिस्थितियां देश के अन्य राज्यों से भिन्न हैं। अतः उत्तराखण्ड के लिए आपदा राहत मानकों को राज्य की आवश्यकताओं के अनुरूप परिवर्तित किया जाय। राज्य सरकार द्वारा केन्द्र सरकार को भेजे गये ग्रीन बोनस के प्रस्ताव को अविलम्ब स्वीकृति प्रदान की जाय। राष्ट्रीय राज मार्गों, विशेषकर चारधाम यात्रा मार्गों के लिए केन्द्र सरकार अविलम्ब कम से कम 5 हजार करोड़ की राशि अवमुक्त करे तथा राज्य की स्थायी राजधानी के निर्माण के लिए कम से कम 10 हजार करोड़ रूपये की राशि केन्द्र सरकार स्वीकृत करे।

कांग्रेस ने राष्ट्रपति से सभी मुद्दों पर केन्द्र की भाजपा नीत सरकार से समय रहते सकारात्मक कदम उठाने का निर्णय लेने के निर्देश जारी करने का अऩुरोध किया।

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