मंदिरों के बोर्ड में शामिल किए जाएं पिछड़ी जाति के लोग: पाल

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मंदिरों के बोर्ड में शामिल किए जाएं पिछड़ी जाति के लोग: पाल

सितारगंज के पूर्व विधायक व कांग्रेसी नेता नारायण पाल ने भी मंदिर प्रवेश को लेकर हुए हंगामे पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि यह मामला राजनीति का विषय नहीं बल्कि सामाजिक सरोकार का हिस्सा होना चाहिए। उन्होंने मंदिरों के बोर्ड में अनुसूचित जाति व पिछड़ी जाति के लोगों को शामिल करने की मांग


सितारगंज के पूर्व विधायक व कांग्रेसी नेता नारायण पाल ने भी मंदिर प्रवेश को लेकर हुए हंगामे पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि यह मामला राजनीति का विषय नहीं बल्कि सामाजिक सरोकार का हिस्सा होना चाहिए। उन्होंने मंदिरों के बोर्ड में अनुसूचित जाति व पिछड़ी जाति के लोगों को शामिल करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि वह रविवार को विभिन्न संगठनों के पदाधिकारियों के साथ चकराता के मंदिर में जाने का प्रयास करेंगे।

पूर्व विधायक ने कहा कि जातिवाद का जहर आतंकवाद से ज्यादा जहरीला है। आतंकवाद में पिछले तीस सालों में हजारों लोगों की जान गई हैं तो वहीं तीन हजार साल से फैले जातिवाद के जहर में कई पीढि़यां बरबाद हो चुकी हैं। उन्होंने कहा कि एक ओर अंबेडकर के संविधान की चर्चा होती हैं वहीं दूसरी ओर उन्हें मंदिरों में प्रवेश नहीं करने दिया जाता। स्थिति यह है कि आज भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष उज्जैन में अनुसूचित जाति के लोगों के साथ अलग घाट बना कर स्नान कर रहे हैं। उन्हें इसकी परिभाषा स्पष्ट करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आज लोगों का दुस्साहस इतना बढ़ गया है कि एक सांसद पर हमला कर रहे हैं। यह स्थिति सोचनीय है। उन्होंने कहा कि अब पिछड़े वर्ग के लोगों को इसके खिलाफ आवाज उठानी ही होगी।

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