जानिए किन सीट पर ‘हाथ’ को पहली बार मिल सकता है जनता का ‘साथ’
उत्तराखंड में राज्य गठन के बाद से अब तक हुए तीन विधानसभा चुनाव (2002, 2007 और 2012) में मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच ही रहा है। कांग्रेस 2002 और 2012 में सत्ता में रही तो भाजपा को 2007 में जनता का आशीर्वाद मिला। अब ख़बरें एक क्लिक पर इस लिंक पर क्लिक कर Download
उत्तराखंड में राज्य गठन के बाद से अब तक हुए तीन विधानसभा चुनाव (2002, 2007 और 2012) में मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच ही रहा है। कांग्रेस 2002 और 2012 में सत्ता में रही तो भाजपा को 2007 में जनता का आशीर्वाद मिला। अब ख़बरें एक क्लिक पर इस लिंक पर क्लिक कर Download करें Mobile App –https://play.google.com/store/apps/details?id=app.uttarakhandpost
इन तीनों विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की अगर बात करें तो करीब राज्य की 8 विधानसभा सीटें ऐसी हैं, जहां पर आज तक हाथ को जनता का साथ नहीं मिला। लेकिन इस बार कांग्रेस के लिए इन 8 विधानसभा सीटों में से 2 विधानसभा सीटें ऐसी हैं, जहां पर बीजेपी के बागी ही हाथ को जनता का साथ दिलाने में कांग्रेस की मदद कर सकते हैं।
इन सीटों पर हाथ को नहीं मिला जनता का साथ | राज्य गठन के बाद से हुए तीन विधानसभा चुनाव में जिन 8 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस के हाथ को जनता का साथ नहीं मिला, उनमें 5 विधानसभा सीटें देहरादून कैंट, हरिद्वार, रानीपुर, यमकेश्वर और भगवानपुर विधानसभा गढ़वाल की हैं तो 3 विधानसभा सीटें काशीपुर, डीडीहाट और गदरपुर विधानसभा कुमाऊं मंडल की हैं।
यहां हाथ को मिलेगा साथ ? | इस बार इन 8 विधानसभा सीटों में से 2 विधानसभा सीटें ऐसी हैं जहां पर भाजपा के अधिकृत उम्मीदवार के खिलाफ बीजेपी के बागी के मैदान में उतरने से हाथ की राह आसान हो सकती है। ये विधानसभा सीटें डीडीहाट और काशीपुर हैं।
डीडीहाट से कांग्रेस के उम्मीदवार प्रदीप सिंह पाल हैं तो काशीपुर से कांग्रेस ने मनोज जोशी को मैदान में उतारा है। वहीं भाजपा के लिए डीडीहाट से बिशन सिंह चुफाल मैदान में हैं तो काशीपुर से हरभजन सिंह चीमा। डीडीहाट में भाजपा के बागी किशन सिंह मैदान में हैं तो काशीपुर से राजीव अग्रवाल ताल ठोक रहे हैं। हालांकि चुफाल और चीमा दोनों की स्थिति अपने क्षेत्र में काफी मजबूत मानी जा रही है।
जाहिर है यहां पर बीजेपी के ये बागी बीजेपी के अधिकृत उम्मीदवार की जीत का गणित बिगाड़ेंगे ऐसी स्थिति में कांग्रेस के लिए इन सीटों पर जीत की संभावना बन सकती है।
बहरहाल बीजेपी के बागी बीजेपी के लिए कितने हानिकारक होंगे और कांग्रेस को कितना फायदा पहुंचाएंगे ये तो चुनावी नतीजे ही बताएंगे लेकिन इऩ 2 सीटों पर आज तक जीत का स्वाद चखने में नाकाम रही कांग्रेस कम से कम पहली बार हाथ तो जनता का साथ मिलने की उम्मीद तो कर ही सकती है।
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