बड़ा फैसला | सरकारी नौकरियों के लिए विवादित आरक्षण व्यवस्था खत्म
ढ़ाका (उत्तराखंड पोस्ट) बांग्लादेश ने सिविल सेवा की नौकरियों में विवादास्पद आरक्षण व्यवस्था को बुधवार को खत्म कर दिया। इस आरक्षण व्यवस्था के खिलाफ पिछले दिनों देश के विभिन्न हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हुए थे। कैबिनेट ने दशकों से चली आ रही नीति को खत्म किए जाने की घोषणा की। इस नीति के तहत आधी से
ढ़ाका (उत्तराखंड पोस्ट) बांग्लादेश ने सिविल सेवा की नौकरियों में विवादास्पद आरक्षण व्यवस्था को बुधवार को खत्म कर दिया। इस आरक्षण व्यवस्था के खिलाफ पिछले दिनों देश के विभिन्न हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हुए थे।
कैबिनेट ने दशकों से चली आ रही नीति को खत्म किए जाने की घोषणा की। इस नीति के तहत आधी से ज्यादा सरकारी नौकरियां देश के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के बच्चों और वंचित जातीय अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित हैं।
कैबिनेट सचिव मोहम्मद शफीउल आलम ने कहा कि लोक सेवा के शीर्ष स्तरीय पदों के लिए कोटा व्यवस्था पूरी तरह से खत्म होगी लेकिन निचले स्तर पर कुछ आरक्षण रहेगा।
उन्होंने कहा कि सबसे अधिक मांग वाली नौकरियों के लिए भर्ती केवल परीक्षा द्वारा होगी। उन्होंने कहा कि इस संबंध में सरकारी आदेश इसी सप्ताह जारी किया जाएगा। विवादास्पद कोटा व्यवस्था के खिलाफ अप्रैल में कई रैलियां आयोजित की गयी थीं।
बता दें कि अप्रैल में बांग्लादेश में छात्रों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए सरकार ने सरकारी नौकरियों में आरक्षण हटा दिया था। दरअसल नौकरियों में आरक्षण नीति के खिलाफ पूरे बांग्लादेश में हजारों छात्र सड़कों पर उतरे थे। छात्रों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए प्रधानमंत्री शेख हसीना ने सरकारी नौकरियों में आरक्षण समाप्त करने का ऐलान किया था। उन्होंने संसद में एक बयान में कहा था, ‘आरक्षण समाप्त किया जाएगा क्योंकि छात्र इसे नहीं चाहते हैं’।
हालांकि प्रधानमंत्री हसीना ने कहा था कि सरकार उन लोगों के लिए नौकरियों में खास व्यवस्था करेगी जो विकलांग हैं या पिछड़े अल्पसंख्यक तबके से आते हैं।
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