मुख्य सचिव ने दिए चारधाम यात्रा से पहले सभी कार्य पूर्ण करने के निर्देश

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मुख्य सचिव ने दिए चारधाम यात्रा से पहले सभी कार्य पूर्ण करने के निर्देश

देहरादून [उत्तराखंड पोस्ट ब्यूरो] चारधाम यात्रा शुरू होने के पहले केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के सभी कार्य पूर्ण हो जाने चाहिए। भारी बर्फबारी के बावजूद विषम परिस्थितियों में केदारनाथ में निम, लोनिवि और सिंचाई विभाग द्वारा पुनर्निर्माण का कार्य किया जा रहा है। दिसम्बर के महीने में भी कार्य हो रहा है। केदारनाथ में


देहरादून [उत्तराखंड पोस्ट ब्यूरो] चारधाम यात्रा शुरू होने के पहले केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के सभी कार्य पूर्ण हो जाने चाहिए। भारी बर्फबारी के बावजूद विषम परिस्थितियों में केदारनाथ में निम, लोनिवि और सिंचाई विभाग द्वारा पुनर्निर्माण का कार्य किया जा रहा है। दिसम्बर के महीने में भी कार्य हो रहा है। केदारनाथ में कार्य हो सकता है तो बदरीनाथ में क्यों नहीं हो सकता। मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह मंगलवार को सचिवालय में स्टेट गंगा कमेटी के बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होने कार्यदायी संस्था को परियोजना समय से पहले पूर्ण करने का लक्ष्य दिया।

बैठक में बताया गया कि नमामि गंगे परियोजना के अंतर्गत म्यूनिसिपल सीवरेज की 21 परियोजनाओं में 18 का कार्य एवार्ड कर दिया गया है। इनमें से 12 परियोजनाओं पर कार्य भी शुरू हो गया है। बताया गया कि हरिद्वार में चंडीघाट का विकास किया जा रहा है। 11 स्नान घाट और 10 क्रेमेशन घाट बेपकास, 9 स्नान घाट और 11 क्रेमेशन घाट सिंचाई विभाग द्वारा बनाये जा रहे हैं। इसके अलावा वन विभाग द्वारा वृक्षारोपण, इको पार्क, नर्सरी आदि विकसित किये जायेंगे। बताया गया कि हरिद्वार में 18 एमएलडी का एसटीपी अहबाब नगर में, त्रिवेणी घाट में सीवरेज योजना, तपोवन में 3.5 एमएलडी एसटीपी, देव प्रयाग में 1.4 एमएलडी एसटीपी, जोशीमठ, गोपेश्वर, देवप्रयाग में डायवर्जन कार्य, गंगोत्री में एक एमएलडी एसटीपी और बदरीनाथ में डायवर्जन का कार्य पूर्ण हो गया है। देवप्रयाग, उत्तरकाशी और गंगोत्री में मरम्मत और पुनर्निर्माण का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। इसके अलावा 21 अन्य परियोजनाओं पर कार्य चल रहा है। बैठक में बताया गया कि रीवर फ्रंट डेवलपमेंट के अंतर्गत ऋषिकेश से देवप्रयाग तक पौड़ी में फूलचट्टी, रामकुंड, भरत घाट, टिहरी से देवप्रयाग तक 7 घाट, हरिद्वार से राज्य की सीमा तक घाट और क्रेमेशन घाट का निर्माण बेपकास द्वारा किया जा रहा है। इसके अलावा देवप्रयाग से उत्तरकाशी, उत्तरकाशी से मनेरी, रूद्रप्रयाग से कर्णप्रयाग और कर्णप्रयाग से विष्णु प्रयाग तक कार्य किया जा रहा है।

बताया गया कि 5 क्लस्टर में सालिड वेस्ट मैनेजमेंट का कार्य काशीपुर, जसपुर, रामनगर, बाजपुर, महुआ खेड़ा, रूड़की, भगवानपुर, झबरेड़ा, लक्सर, मंगलोर, ऋषिकेश, मुनि की रेती, स्वर्गाश्रम, नरेन्द्र नगर, डोईवाला, टिहरी में प्रस्तावित है। बताया गया कि 7 जनपदों हरिद्वार, देहरादून, पौड़ी, रूद्रप्रयाग, चमोली, उत्तरकाशी, टिहरी में जनपद गंगा समिति का गठन कर मानिटरिंग की जा रही है।

बैठक में सचिव पेयजल अरविंद सिंह हंयाकी, परियोजना निदेशक नमामि गंगे राघव लांगर, आईआईटी रूड़की के प्रोफेसर डाॅ. एएन काजमी, नेशनल इंस्टीट्यूट आॅफ हाइड्रोलाजी के वैज्ञानिक डाॅ. ए.के.लोहनी सहित अन्य अधिकारी और विशेषज्ञ उपस्थित थे। (उत्तराखंड पोस्ट के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैंआप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं)

 

 

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