हल्द्वानी | बच्चों-युवाओं को नशे की लत से ऐसे बचाएगा जिला प्रशासन, जानिए एक्शन प्लान

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हल्द्वानी | बच्चों-युवाओं को नशे की लत से ऐसे बचाएगा जिला प्रशासन, जानिए एक्शन प्लान

हल्द्वानी (उत्तराखंड पोस्ट) आधुनिक समाज में मादक पदार्थों का सेवन बड़ रहा है। युवाओं सहित स्कूलों मे अध्ययनरत बच्चोें का भी एक बड़ा वर्ग इसकी चपेट में है। जनपद में मादक पदार्थो के सेवन को रोकने के लिए जिलाधिकारी सविन बंसल की अध्यक्षता में कैम्प कार्यालय हल्द्वानी में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित हुई। जिसमें जिले


हल्द्वानी | बच्चों-युवाओं को नशे की लत से ऐसे बचाएगा जिला प्रशासन, जानिए एक्शन प्लान

हल्द्वानी (उत्तराखंड पोस्ट) आधुनिक समाज में मादक पदार्थों का सेवन बड़ रहा है। युवाओं सहित स्कूलों मे अध्ययनरत बच्चोें का भी एक बड़ा वर्ग इसकी चपेट में है। जनपद में मादक पदार्थो के सेवन को रोकने के लिए जिलाधिकारी सविन बंसल की अध्यक्षता में कैम्प कार्यालय हल्द्वानी में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित हुई। जिसमें जिले के आला अधिकारियों के साथ ही सरकारी व निजी विद्यालयों के प्रधानाचार्य, प्रबन्धक, ड्रग्स काउन्सलर, चिकित्सकोें, सेना के अधिकारी के साथ मादक पदार्थो के सेवन को रोकने के लिए गहन विचार विमर्श किया गया।

बैठक में जिलाधिकारी बंसल ने कहा कि समाज कल्याण विभाग द्वारा नेशनल एक्सन प्लान फार ड्रग डिमांड रिडक्सन मादक द्रव्य एवं नशीली दवाओं के सेवन से बचाव हेतु विशेष कार्य योजना बनाई गयी है। उन्होंनेे बताया कि भारत सरकार द्वारा देहरादून व नैनीताल जिले मे नश मुक्ति अभियान को संचालित करने के लिए 2 करोड 20 लाख की धनराशि आवंटित की गई है जिसमे से 1 करोड10 लाख की राशि जनपद नैनीताल में व्यय की जायेगी, इस कार्यक्रम को संचालित करने के लिए निदेशक समाज कल्याण को नोडल अधिकारी बनाया गया है।

हल्द्वानी | बच्चों-युवाओं को नशे की लत से ऐसे बचाएगा जिला प्रशासन, जानिए एक्शन प्लान

उन्होंने कहा कि प्रदेश मे नैनीताल व देहरादून जनपदों में प्रथम चरण में नशा रोकने का विशेष अभियान चलाया जा रहा है। उन्होने कहा चरस, भांग, शराब,अफीम, हीरोइन,कोकीन, ब्राउनशुगर जैसे नशीले पदार्थों के सेवन करने से लोगों का जीवन खराब हो रहा है। मादक पदार्थों का उपयोग एक गम्भीर चिन्ता बनकर उभर रहा है जो देश के भौतिक सामाजिक, आर्थिक दशा को बुरी तरह प्रभावित करता है। मादक द्रव्य की आदत ना केवल आदी व्यक्ति को ही प्रभावित करती है बल्कि परिवार व समाज को भी बडे पैमाने पर नुकसान पहुचाती है। श्री बंसल ने कहा कि मादक पदार्थो के सेवन के अनेक दुष्परिणाम सामने आते है। व्यक्ति अपने भविष्य के बारे मे नही सोचता है, नशीले पदार्थो के सेवन से मस्तिष्क, यकृत, हृदय, गुर्दों पर बुरा प्रभाव पड़ता है, साथ व्यक्ति अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों से विमुक्त हो जाता है। नशे के कारण ही समाज में अपराध बढता है साथ ही रोड दुर्घटनायें, घरेलु हिंसा, आत्महत्या, महिला अपराध जैसे अपराधों मे वृद्वि होती है।

जिलाधिकारी बंसल ने कहा कि मादक पदार्थो के सेवन को रोकना हम सभी की जिम्मेदारी है।इसके लिए अधिकारियों, सरकारी व निजी विद्यालयों के प्रधानाचार्य, प्रबन्धक, ड्रग्स काउन्सलर, चिकित्सक, अभिभावक, स्वंय सेवी संस्थाओं सभी को आगे आना होगा। उन्होने कहा कि युवाओं में नशे की प्रवृत्ति को मिटाने के लिए शिक्षण संस्थाओं मे अध्ययनरत विद्यार्थियों को नशे के दुष्परिणामों के प्रति जागरूक करना होगा। उन्होंने अभिभावकों व शिक्षकोें से बच्चों के नियमित गतिविधियों पर पैनी नजर रखने को कहा, साथ ही मादक पदार्थो का सेवन करने वाले युवाओं व विद्यार्थियों की काउन्सलिंग भी नियमित की जाए।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार मीणा ने कहा कि युवा पीढी का नशे की जद मे आना बहुत चिन्तनीय है। इससे समाज खोखला होता जा रहा है। हमें नशा मुक्ति के संयुक्त प्रयास करने होंगे, अभी तक नशा मुक्ति तथा नशा माफिया से निपटने का काम केवल पुलिस महकमे द्वारा किया जा रहा था। उन्होने आशा व्यक्त की कि संयुक्त प्रयास होने से हम इस सामाजिक बुराई को कम करने मे सफल होंगे। उन्होने बताया कि गोपनीय सुचनाओं के आधार पर जिले मे 170 लोगों को नशे का कारोबार करने वालों को जेल भेजा जा चुका है। उन्होने कहा कि इस बुराई को रोकने के लिए कोई भी उनके या पुलिस अधिकारियोें के मोबाइल नम्बरों पर सूचना दे सकता है, सूचना देने वालों का नम्बर गोपनीय रखा जायेगा।

निदेशक समाज कल्याण विनोद गिरी गोस्वामी ने कहा कि भारत सरकार द्वारा संचालित नेशनल एक्सन प्लान फार ड्रग डिमांड रिडक्सन (एनएपीडीडीआर) को उत्तराखण्ड राज्य में संचालित हेतु प्रथम चरण मे दो जनपद नैनीताल व देहरादून का चयन किया गया हैै। उन्होेने कहा कि भारत सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशोें के क्रम में प्रदेश में नशा मुक्ति के क्षेत्र में एक सुव्यवस्थित एवं सुनियोजित तरीके से इस योजना का चरणबद्व रूप से क्रियान्वयन किया जा रहा है ताकि अपेक्षित परिणाम प्राप्त हो सकें।

उन्होने बताया कि जनपद नैनीताल के प्रशिक्षण संस्थाओं मे अध्ययनरत छात्रों को नशे के प्रति जागरूक किये जाने के लिए विद्यालयोें के शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जायेगा तथा प्रथम चरण में इन्टर कालेजोे तथा उच्च शिक्षण संस्थाओं के प्रधानाचार्य के साथ ही दो अध्यापकों को प्रशिक्षण दिया जायेगा साथ ही प्रत्येक विद्यालय में दो-दो या चार-चार बच्चो को कैम्पस अम्बेसडर बनाया जायेगा। छात्रों को जागरूक करने के लिए विद्यालय प्रशासन के सहयोग से गोष्ठियोें व सेमिनारों का भी आयोजन भी किया जायेगा, साथ ही तहसील स्तर पर संचालित राजकीय/सामुदायिक चिकित्सालयों के मेडिकल स्टाफ व प्रत्येक चिकित्सालय मे एक चिकित्सक व दो पैरामेडिकल स्टाफ को नशा मुक्ति के सम्बन्ध में प्रशिक्षण दिया जायेगा।

जनपद मे ग्राम प्रधानोे, आंगनबाडी कार्यकत्रियों के साथ अन्य जनप्रतिधियों को नशा मुक्ति के बारे मे चरणबद्व प्रशिक्षण दिया जायेगा। उन्होने कहा कि एनएपीडीडीआर के क्रियान्वयन के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में एक टास्कफोर्स का गठन किया जायेगा जो जनपद की समस्त गतिविधियों का पर्यवेक्षण, अनुश्रवण व मार्गदर्शन करेगा साथ ही जनपद मे आयोजित होने वाले स्थानीय मेलांे, बहुउददेशीय शिविरों में नशे से होने वालेे दुष्प्रभाओें के सम्बन्ध में गोष्ठी, नुक्कड नाटक, पोस्टर, बैनर, प्रचार रथ के माध्यम से व्यापक प्रचार प्रसार किया जायेगा। बैठक मे विभिन्न स्कूलोें के प्रधानाचार्यो, प्रबन्धकों, चिकित्सकों, काउन्सलरों ने भी अपने सुझाव रखेे।

बैठक में सीएमओ डा. भारती राणा, सिटी मजिस्टेट प्रत्यूष सिह, एएसपी अमित श्रीवास्तव, उपजिलाधिकारी विजय नाथ शुक्ल, मुख्य शिक्षा अधिकारी के के गुप्ता, डीईओ एचएल गौतम के अलावा स्कूलोें के प्रधानाचार्य, प्रबन्धक, चिकित्सक, काउन्सलर आदि उपस्थित थे।

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