बच्चों को मिट्टी में खेलने से न रोकें, इसके पीछे है ये बड़ी वजह
नई दिल्ली (उत्तराखंड पोस्ट ब्यूरो) अक्सर हम खुद तो मिट्टी और कीचड़ से दूर भागते हैं, साथ ही अपने बच्चों को भी इससे दूर रखते है।हमें लगता है कि बच्चे मिट्टी में खेलेंगें तो बीमार पड़ जाएंगे, अब एक नए अध्ययन से पता चला है कि मिट्टी में खेलने से बच्चे बीमार नही होते, बल्कि
नई दिल्ली (उत्तराखंड पोस्ट ब्यूरो) अक्सर हम खुद तो मिट्टी और कीचड़ से दूर भागते हैं, साथ ही अपने बच्चों को भी इससे दूर रखते है।हमें लगता है कि बच्चे मिट्टी में खेलेंगें तो बीमार पड़ जाएंगे, अब एक नए अध्ययन से पता चला है कि मिट्टी में खेलने से बच्चे बीमार नही होते, बल्कि शरीर मजबूत होता है। इससे शरीर में बैक्टीरिया से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता विकसित होती है।
अमेरिका के एरिजोना स्टेट यूनिवर्सिटी में अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि मिट्टी की कम से कम एक किस्म में सीआरई एवं एमआरएसए जैसी प्रतिरोधी बैक्टीरिया सहित एस्चेरीचिया कोलाई और स्टाफिलोकोकस ऑरियस बैक्टीरिया से लड़ने वाले प्रतिजैविक प्रतिरोधी (एंटीबैक्टेरियल) प्रभाव होते हैं।
कई बैक्टीरिया में उनके प्लैंक्टोनिक (प्लवक) और बायोफिल्म दोनों स्थितियों में मिट्टी का लेप प्रभावी होता है। प्लैंक्टन एक प्रकार के प्राणी या वनस्पति हैं जो आम तौर पर जल में पाये जाते हैं जबकि बायोफिल्म बैक्टीरिया में पाई जाने वाली एक तरह की जीवन शैली है. अधिकतर बैक्टीरिया बायोफिल्म नामक बहुकोशिकीय समुदाय बनाते हैं जो कोशिकाओं को पर्यावरण के खतरों से सुरक्षित रखते हैं।
अमेरिका के माइक्रोबायोलॉजिस्ट रॉबिन पटेल ने कहा, ‘‘कि प्रयोगशाला की स्थितियों में कम आयरन वाली मिट्टी बैक्टीरिया की कुछ किस्मों को खत्म कर सकती है और यह भी आगाह किया गया है कि हर तरह की मिट्टी फायदेमंद नहीं होती।
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