भैया दूज के दिन बंद होंगे केदरनाथ और यमुनोत्री धाम के कपाट
उत्तराखंड के चार धामों में से यमुनोत्री और केदारनाथ धाम के कपाट भैया दूज के दिन एक नवंबर को शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। वहीं बदरीनाथ धाम के कपाट 16 नवंबर को श्रद्धालुओं के लिए बंद होंगे। भगवान शिव के पंच केदारों में प्रथम केदार के रुप में पहचान रखने वाले केदानाथ धाम
उत्तराखंड के चार धामों में से यमुनोत्री और केदारनाथ धाम के कपाट भैया दूज के दिन एक नवंबर को शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। वहीं बदरीनाथ धाम के कपाट 16 नवंबर को श्रद्धालुओं के लिए बंद होंगे।
भगवान शिव के पंच केदारों में प्रथम केदार के रुप में पहचान रखने वाले केदानाथ धाम के कपाट एक नवम्बर को सुबह साढ़े आठ बजे बंद होंगे।
तीन नवम्बर को बाबा केदार की चल विग्रह उत्सव डोली नगाड़ों के साथ अपने शीतकालीन गद्दीस्थल ओमकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में स्थापित की जाएगी। द्वितीय केदार मधमहेश्वर धाम के कपाट 22 नवम्बर को सुबह आठ बजकर 22 मिनट पर बंद होंगे। अपने चौथे पड़ाव में बाबा मधमहेश्वर की डोली भी ओमकारेश्वर मंदिर में पहुंचेगी।
वहीं यमुनोत्री धाम के कपाट भैया दूज के ही दिन एक नवंबर को दोपहर 12 बजकर 15 मिनट बंद होंगे। इसी दिन यमुनोत्री से मां यमुना की भोग मूर्ती खरसाली स्थित यमुना मंदिर को रवाना होगी। करीब पांच किलोमीटर का सफर तय करने के बाद इसे इसी दिन यमुनोत्री मंदिर में स्थापित कर दिया जाएगा।
वहीं बदरीनाथ धाम के कपाट 16 नवंबर को बंद होंगे। भगवान विष्णु के प्रसिद्ध मंदिर बदरीनाथ धाम के कपाट 16 नवंबर दोपहर तीन बजकर 45 मिनट पर बंद होंगे।
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