ऊखीमठ में महसूस हुआ भूकंप का झटका, 3.6 मापी गई तीव्रता

  1. Home
  2. Uttarakhand
  3. Rudraprayag

ऊखीमठ में महसूस हुआ भूकंप का झटका, 3.6 मापी गई तीव्रता

उत्तराखंड के साथ हीे देश के उत्तरी भूभाग में भूकम्प के तेज झटके पर भारत मौसम विज्ञान विभाग द्वारा उपलब्ध करवायी गयी सूचना से पता चला कि भूकम्प का अभिकेन्द्र रूद्रप्रयाग जनपद के ऊखीमठ तहसील में था और उक्त का परिमाण रिक्टर पैमाने पर 5.8 था व भूकम्प के केन्द्र की गहराई सतह से 33


उत्तराखंड के साथ हीे देश के उत्तरी भूभाग में भूकम्प के तेज झटके पर भारत मौसम विज्ञान विभाग द्वारा उपलब्ध करवायी गयी सूचना से पता चला कि भूकम्प का अभिकेन्द्र रूद्रप्रयाग जनपद के ऊखीमठ तहसील में था और उक्त का परिमाण रिक्टर पैमाने पर 5.8 था व भूकम्प के केन्द्र की गहराई सतह से 33 किलोमीटर थी।

दिनांक 7 फरवरी, 2017 की प्रातः 1.51 बजे फिर से ऊखीमठ तहसील में 3.6 परिमाण का भूकम्प महसूस किया गया जिसके केन्द्र की गहराई सतह से 10 किलोमीटर थी। भूकम्प के कारण रूद्रप्रयाग जनपद में 02 व्यक्तियों के घायल होने के अतिरिक्त जनपद बागेश्वर में 01 गौशाला के क्षतिग्रस्त होने की सूचना प्राप्त हुयी है।

भूकम्प का एहसास होते ही राज्य व जनपद स्तर पर 24×7 के प्रारूप में कार्यरत आपातकालीन परिचालन केन्द्र सक्रिय हो गये और जनपदों में आई.आर.एस. सक्रिय किया गया। जनपदों के द्वारा सबसे पहले विभिन्न माध्यमों से ग्राम स्तर से भूकम्प के प्रभावों व सम्भावित क्षति की सूचनायें ली गयी। विगत में जनपद स्तर पर निरन्तरता में आयोजित किये गये आई.आर.एस. सम्बन्धित प्रशिक्षणों एवं माॅक अभ्यास के कारण भूकम्प के उपरान्त जनपदों का रिस्पाॅन्स काफी संतोषजनक रहा। इन प्रशिक्षणों में आई.आर.एस. सिस्टम को सक्रिय किया गया था।

सभी जनपदों से भूकम्प से हुयी हानि के सम्बन्ध में अनवरत रूप से सूचनायें प्राप्त की जा रही हैं। सेना, अर्द्धसैनिक बलों व डी.जी.बी.आर. से ली गयी सूचना के अनुसार उनकी परिसम्पत्तियों या फिर दूर-दराज क्षेत्रों में उनकी तैनाती स्थल के आस-पास किसी भी प्रकार की क्षति की कोई सूचना नहीं है।

भूकम्प के विशेष परिपे्रक्ष्य में जनपद व राज्य स्तर पर की गयी कार्यवाही व तैयारियों की समीक्षा के लिये दिनंाक 7 फरवरी, 2013 को मुख्य सचिव, उत्तराखण्ड शासन की अध्यक्षता में सभी जनपदों के जिलाधिकारी एवं अन्य विभागीय अधिकारियों के साथ एक वीडियो काॅन्फे्रसिंग आयोजित की गयी। वीडियो काॅन्फे्रसिंग में प्रमुख सचिव, सिंचाई, आयुक्त गढ़वाल एवं कुमायूँ, सचिव, लोक निर्माण विभाग, शहरी विकास, सचिव, आपदा प्रबन्धन, अपर सचिव, आपदा प्रबन्धन, विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष व बी.एस.एन.एल के अधिकारी सम्मिलित हुये। वीडियो काॅन्फे्रसिंग दौरान विभिन्न बिन्दुओं पर विस्तृत विचार-विमर्श कर निम्नलिखित निर्देश दिये गयेः

1. जनपदों में आई.आर.एस. सिस्टम के अनुसार प्रतिवादन प्रक्रिया को और अधिक सुदृढ़ किया जाय।

2. राज्य के सुदूर क्षेत्रों में संचार व्यवस्था की स्थिति का आंकलन तथा उसे दुरूस्त किये जाना। पुलिस, वन विभाग, गढ़वाल मण्डल विकास निगम, आई.टी.बी.पी. व एस.एस.बी. के वाॅयरलैस संचार का आपस में बेहतर समन्वयन किया जाना।

3. राज्य आपदा प्रतिवादन बल, पुलिस, लोक निर्माण विभाग, खाद्य आपूर्ति विभाग, सिंचाई, पेयजल, ऊर्जा, पशुपालन, कृषि, चिकित्सा विभाग को कार्यवाही हेतु सतर्कता का उच्च स्तर बनाये रखना।

4. भूकम्प के पश्चात राज्य आपदा प्रतिवादन बल (एस.डी.आर.एफ.)को हाई अलर्ट पर रखा गया है। एस.डी.आर.एफ. के दलों को आधुनिक उपकरणों के साथ चमोली में पाण्डुकेश्वर व गौचर, रूद्रप्रयाग में सोनप्रयाग, केदारनाथ व गौरीकुण्ड, पिथौरागढ़ में पुलिस लाईन, उत्तकाशी में उजैली व भटवाड़ी, टिहरी में ढालवाला, अल्मोड़ा में सरियापानी, बागेश्वर में कपकोट, पौड़ी में सतपुली, देहरादून में चकराता के साथ ही नैनीताल में नैनीझील व उधमसिंह नगर में रूद्रपुर में त्वरित प्रतिवादन हेतु तैनात किया गया है। उक्त के अतिरिक्त सहस्त्रधारा व जौलीग्रान्ट हैली पैड पर 02 टीमों को सभी उपकरणों के साथ सम्भावित आपदाओं हेतु तैयार रखा गया है। एस.डी.आर.एफ. द्वारा भूकम्प की स्थिति में क्या करें व क्या न करें के सम्बन्ध में लोगों को जागरूक किया जा रहा है।

5. अल्मोड़ा जनपद में 14वें वित्त आयोग के अन्तर्गत पंचायतों में खोज एवं बचाव के उपकरण उपलब्ध करवाये गये हैं व साथ ही समस्त अधिकारियों को वाॅयरलैस सैट उपलब्ध करवाये गये हैं। इसके कारण पंचायतें आपदा प्रबन्धन सम्बन्धित कार्यों में सम्मिलित हैं। अन्य जनपदों को भी इस प्रकार की व्यवस्था किये जाने हेतु निर्देशित किया गया। साथ ही जनपदों को उनके स्तर पर किये जा रहे कार्यों को अन्य जनपदों के साथ साझां करने के सुझाव भी दिये गये।

6. आपदा प्रबन्धन विभाग एवं एस.डी.आर.एफ. द्वारा ग्राम स्तर पर जाकर युवक-युवतियों, ग्राम प्रहरियों, होमगाड्स को हजारों की संख्या में प्रशिक्षित किया गया है, अतः उनका उपयोग व सहयोग आपदा प्रबन्धन व जागरूकता कार्यक्रमों में लिया जाय।

7. राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण के सहयोग से आगामी चुनावों के पश्चात माॅक अभ्यास तथा तहसील स्तर पर आई.आर.एस. प्रशिक्षण करवाये जाने हेतु निर्देशित किया गया। इसमें सभी जिलों को सम्मिलित किया जायेगा।

8. जनपदों को उनके द्वारा वांछित  खोज एवं बचावा उपकरण एस.डी.आर.एफ. के अन्तर्गत जनपदों को उपलब्ध धनराशि के 05 प्रतिशत से क्रय किये जाने व आपदा उपरान्त वांछित वस्तुओं की समय पर आपूर्ति सुनिश्चित करने के उद्देश्य से विभिन्न आपूर्तिदाता फर्मों के साथ दरों का प्री-कान्टेªक्ट एग्रीमेन्ट करने के निर्देश दिये गये।

 

uttarakhand postपर हमसे जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक  करे , साथ ही और भी Hindi News (हिंदी समाचार ) के अपडेट के लिए हमे गूगल न्यूज़  google newsपर फॉलो करे