चुनावी राज्यों में जनता दरबार और जन सुनवाइयों पर लगी रोक

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चुनावी राज्यों में जनता दरबार और जन सुनवाइयों पर लगी रोक

उत्तराखंड समेत विधानसभा चुनाव वाले पांचों राज्यों में चुनाव आयोग ने मुख्यमंत्री, अन्य मंत्री और राजनीतिक नियुक्ति वाले पार्टी पदाधिकारियों की जन सुनवाई या जनता दरबार पर चुनावी नतीजे आने तक रोक लगा दी है। ये आदेश चुनाव आचार संहिता के मद्देनजर दिया गया है। आयोग ने विधान सभा चुनाव की प्रक्रिया में लगे पांचों


चुनावी राज्यों में जनता दरबार और जन सुनवाइयों पर लगी रोक

उत्तराखंड समेत विधानसभा चुनाव वाले पांचों राज्यों में चुनाव आयोग ने मुख्यमंत्री, अन्य मंत्री और राजनीतिक नियुक्ति वाले पार्टी पदाधिकारियों की जन सुनवाई या जनता दरबार पर चुनावी नतीजे आने तक रोक लगा दी है। ये आदेश चुनाव आचार संहिता के मद्देनजर दिया गया है।

आयोग ने विधान सभा चुनाव की प्रक्रिया में लगे पांचों राज्यों के मुख्य सचिवों के नाम जारी चिट्ठी में हिदायत दी है कि आयोग को सूचना मिली है कि चुनाव घोषणा के साथ ही आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू होने के बावजूद राज्यों में जनसुनवाई या जनता दरबार वगैरह चल रहा है।

आयोग का कहना है कि सुनवाई या दरबार में आने वाली जनता पर चुनाव के माहौल में आसानी से असर डाला जा सकता है। ऐसे में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव की मूल भावना यानी सभी दलों या पक्षों या उम्मीदवारों को समान माहौल और मौका मुहैया कराने के पालन में दिक्कत आएगी।

आयोग ने हिदायत दी है कि सुनवाई के बगैर किसी परियोजना या विकास के पहले से मंजूर कार्य पर असर पड़ रहा हो या कोई ऐसी जरूरत ही पड़ जाए तो सेक्रेटरी स्तर के अधिकारी ये काम कर सकते हैं। ऐसी दशा में इसकी जानकारी राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी को भी देनी होगी, ये सख्ती चुनाव के नतीजे आने तक यानी 11 मार्च तक लागू रहेगी

 

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