किसान मर रहे हैं, त्रिवेंद्र सरकार के पास फुर्सत नहीं है: हरीश रावत
देहरादून (उत्तराखंड पोस्ट ब्यूरो) उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सितारगंज क्षेत्र के ग्राम बिज्टी में आर्थिक तंगी और फसल के नुकसान के चलते आत्महत्या करने वाले किसान सरकार मुख्तार सिंह के परिवार से मुलाकात कर अपने संवेदनाएं व्यक्त की। इस दौरान हरीश रावत ने राज्य की त्रिवेंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा और किसानों की
देहरादून (उत्तराखंड पोस्ट ब्यूरो) उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सितारगंज क्षेत्र के ग्राम बिज्टी में आर्थिक तंगी और फसल के नुकसान के चलते आत्महत्या करने वाले किसान सरकार मुख्तार सिंह के परिवार से मुलाकात कर अपने संवेदनाएं व्यक्त की।
इस दौरान हरीश रावत ने राज्य की त्रिवेंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा और किसानों की दयनीय स्थिति के लिए मौसम के साथ ही सरकार को भी जिम्मेदार ठहराया।
रावत ने कहा कि उत्तराखंड का किसान आज बर्बादी के किनारे पर आ गया है। निरंतर आ रही आंधी, बेमौसम की बारिश, ओलो ने उसकी सारे वर्ष भर की मेहनत को तबाह कर दिया है। साहब हैं, कि अभी उन्हें फुर्सत ही नहीं है, किसान की मदद करने की।
रावत ने आगे कहा कि किसान आत्महत्या कर रहा है, तो वो कहते हैं कि हम आत्महत्या को प्रोत्साहित नहीं करेंगे, हम मदद नहीं करेंगे किसानों की। अजीब सा तर्क है। किसान अपने ही गन्ने का मूल्य मांग रहा है, वो हम उसको नहीं देंगे, गेहूं का खरीद मूल्य घोषित करेंगे मगर गेहूं नहीं खरीदेंगे। किसान बहुत बदहाली में है।
आखिर में हरीश रावत कहते हैं कि भगवान बद्रीनाथ, केदारनाथ आप कृपा करो, अब बहुत हो गई ये बेमौसम की बारिश। जितना फल बचे हैं, सब्जियां बची हैं, वही बच जाएं, तो काफी है। बारिश हो मगर आंधी ना आए, तूफान ना आए ओले ना आए।
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