“कुछ लोगों को गैरसैंण में ठंड लगती है”, इसका विरोध करें, गैरसैंण जीतना चाहिए: हरीश रावत

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“कुछ लोगों को गैरसैंण में ठंड लगती है”, इसका विरोध करें, गैरसैंण जीतना चाहिए: हरीश रावत

देहरादून (उत्तराखंड पोस्ट) गैरसैंण में विधानसभा के शीतकालीन सत्र न कराए जाने को लेकर पूर्व सीएम हरीश रावत ने एक बार फिर से मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत पर निशाना साधा है। साथ ही हरीश रावत ने फिर दोहराया है कि वे 4 दिसंबर को गैरसैंण में उपवास पर बैठकर अपना विरोध प्रकाट करेंगे। हरीश रावत


“कुछ लोगों को गैरसैंण में ठंड लगती है”, इसका विरोध करें, गैरसैंण जीतना चाहिए: हरीश रावत

देहरादून (उत्तराखंड पोस्ट) गैरसैंण में विधानसभा के शीतकालीन सत्र न कराए जाने को लेकर पूर्व सीएम हरीश रावत ने एक बार फिर से मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत पर निशाना साधा है। साथ ही हरीश रावत ने फिर दोहराया है कि वे 4 दिसंबर को गैरसैंण में उपवास पर बैठकर अपना विरोध प्रकाट करेंगे।

हरीश रावत ने हालांकि कांग्रेस विधायकों को देहरादून में सदन में रहकर जनता के मुद्दे उठाने की सलाह दी है और कहा कि बाकी लोग जहां भी , जिस रुप में करें लेकिन इसका विरोध करें।

“कुछ लोगों को गैरसैंण में ठंड लगती है”, इसका विरोध करें, गैरसैंण जीतना चाहिए: हरीश रावत

हरीश रावत ने इस संबंध में अपने फेसबुक पेज पर लिखा कि गैरसैंण को लेकर कुछ भ्रामक बातें कही जा रही हैं, गैरसैंण को लेकर कुछ दुष्चक्र भी रचा जा रहा है, खैर ऐसा करने वाले भी सामने आ जायेंगे। माननीय मुख्यमंत्री जी के बयान के बाद कि, गैरसैंण में ठंड लगती है। अब राजनीति में या तो गैरसैंण समर्थक हैं, ठंडे समर्थक हैं, जो ठंड में भी खड़े होने को तैयार हैं और दूसरी तरफ ओ लोग हैं, जिनको सुविधा चाहिये, जिनको कोजी-कोजी वातावरण चाहिये। देखते हैं, विधायकों से मैंने स्वयं अनुरोध किया है कि, उनको गैरसैंण नहीं आना चाहिये, वो विधानसभा में रहें।

हरीश रावत ने आगे लिखा कि जनता के बहुत सारे सवाल हैं, उनको उठायें। मगर गैरसैंण के झण्डे को ऊंचा उठाकर के रखने वाले लोग इस अवसर पर गैरसैंण में जुटेंगे ही, क्योंकि यदि हम अपना गुस्सा नहीं दिखायें, अपनी तकलीफ नहीं बतायेंगे, तो फिर यह ठंड गैरसैंण के साथ, उत्तराखण्ड के साथ चिपक जायेगी।फिर हर कोई ठंड का बहाना लेकर गैरसैंण और गैरसैंण जैसी जगहों से कन्नी काटने लगेगा।

पूर्व सीएम ने आगे कहा कि मेरी मजबूरी है कि, मुख्यमंत्री जी के इस बहुत दुःखद बयान के बाद, मैं चुप बैंठू यह सम्भव नहीं है। इसलिये 4 तारीख को मैं सांकेतिक ही सही अपने उपवास के जरिये, अपना विरोध प्रकट करूंगा।आप भी जहां हैं, जैसे भी हैं, जिस रूप में हैं, अपना विरोध अवश्य प्रकट करें, “गैरसैंण” जीतना चाहिये।

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