हरीश रावत से 4 साल पहले मुख्यमंत्री रहते हुई बड़ी गलती, अब किया स्वीकार
हरिद्वार (उत्तराखंड पोस्ट) पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने मंगलवार को धर्मनगरी हरिद्वार में स्वीकर किया कि चार साल पहले 2016 में उनसे बड़ी गलती हो गई थी। उन्होंने कहा कि एनजीटी ने गंगा तट से 200 के मीटर के दायरे में निर्माण ध्वस्त करने का आदेश दिया था। इससे हरिद्वार के तमाम भवनों पर
हरिद्वार (उत्तराखंड पोस्ट) पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने मंगलवार को धर्मनगरी हरिद्वार में स्वीकर किया कि चार साल पहले 2016 में उनसे बड़ी गलती हो गई थी।
उन्होंने कहा कि एनजीटी ने गंगा तट से 200 के मीटर के दायरे में निर्माण ध्वस्त करने का आदेश दिया था। इससे हरिद्वार के तमाम भवनों पर ढहने का संकट आ गया था।
इस पर मेरी सरकार ने फैसला किया कि इन भवनों को बचाने के लिए मां गंगा के प्रवाह को एक तकनीकी नाम (गंगनहर) दे दिया जाए।
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हरीश रावत ने कहा कि इस आदेश से भवनों का ध्वस्तीकरण तो रूक गया लेकिन उससे भावनात्मक गलती हो गई। रावत ने कहा कि मां गंगा जहां भी जिस रूप में हैं वो गंगा ही हैं। मां गंगा अपने पूर्ण स्वरूप में प्रवाहमान हर की पैड़ी पर मां गंगा अपने पूर्ण स्वरूप में प्रवाहमान हैं।
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पूर्व सीएम ने कहा कि सरकारें बदलती रहती हैं, यदि आज की सरकार उस वक्त की मेरी सरकार के फैसले को बदलती है तो उन्हें खुशी होगी।
हरीस रावत ने ये भी कहा कि यदि त्रिवेंद्र सरकार कोई फैसला नहीं लेती तो कांग्रेस 2022 में सत्ता में आने पर अपने पुराने आदेश को बदलेगी।
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