पास हुआ GST बिल, पढ़ें- GST के बारे में पूरी जानकारी

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पास हुआ GST बिल, पढ़ें- GST के बारे में पूरी जानकारी

आजादी के बाद देश में कर क्षेत्र के सबसे बड़े सुधार का मार्ग प्रशस्त करते हुए राज्यसभा ने बुधवार को बहुप्रतीक्षित वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) विधेयक को संपूर्ण समर्थन के साथ पारित कर दिया। संसद के मानसून सत्र में जीएसटी पास कराने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील रंग लाई है और सदन में 203


आजादी के बाद देश में कर क्षेत्र के सबसे बड़े सुधार का मार्ग प्रशस्त करते हुए राज्यसभा ने बुधवार को बहुप्रतीक्षित वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) विधेयक को संपूर्ण समर्थन के साथ पारित कर दिया। संसद के मानसून सत्र में जीएसटी पास कराने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील रंग लाई है और सदन में 203 वोटों के साथ जीएसटी बिल को पास कर दिया गया है। जीएसटी कर प्रणाली के अमल में आने से केन्द्र और राज्य के स्तर पर लागू विभिन्न प्रकार के अप्रत्यक्ष कर इसमें समाहित हो जायेंगे और पूरा देश दुनिया का सबसे बड़ा साझा बाजार बन जाएगा।

जीएसटी बिल पर चर्चा के दौरान अरुण जेटली ने भरोसा दिलाया कि गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स की दर ना तो आम लोगों पर बोझ बढ़ाएगी और ना ही राज्यों को नुकसान होगा। उन्होंने कहा कि इस कानून से कर की चोरी रुकेगी और पूरी अर्थव्यवस्था को रफ्तार मिलेगी। जीएसटी अब तक का सबसे बड़ा कर सुधार है।

पीएम मोदी ने किया स्वागत | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जीएसटी संविधान संशोधन विधेयक पारित होने का स्वागत किया, इसे सही मायनों में एक ऐतिहासिक अवसर करार दिया और इसके लिए सभी दलों के नेताओं और सदस्यों का आभार व्यक्त किया> पीएम मोदी ने कहा जीएसटी सहयोगपूर्ण संघवाद का सर्वोत्तम उदाहरण होगा, हम सब मिल कर भारत को प्रगति की नयी उंचाइयों पर ले जाएंगे।

सरकार का लहजा बदला | जीएसटी पर राज्यसभा में चर्चा के दौरान पी. चिदंबरम ने जीएसटी बिल संशोधन पर अपना पक्ष रखते हुए कहा कि विपक्ष में खड़े होकर जीएसटी पर बात करने में दोहरी खुशी हो रही है। उन्होंने कहा कि जीएसटी पर केंद्र सरकार का लहजा बदला है जो इस बिल के पास होने के लिए अच्छा संकेत है।

अब भी कई खामियां | चिंदबरम ने कहा कि बिल में अब भी कई खामियां हैं। उन्होंने कहा कि कंसोलिडेटेड फंड पर केंद्र सरकार ने सफाई नहीं दी है. हालांकि उन्होंने कहा कि सरकार ने राज्यों को एक प्रतिशत अतिरिक्त टैक्स लगाने की अनुमति बिल से वापस ले ली है, जिसका मैं स्वागत करता हूं।

चार अहम बदलाव | विपक्ष के साथ सहमति बनाने के लिए मोदी सरकार ने बिल में चार अहम बदलाव किए।

पहला राज्यों के बीच कारोबार पर 1 फीसदी अतिरिक्त टैक्स नहीं लगेगा। मूल विधेयक में राज्यों के बीच व्यापार पर 3 साल तक 1 फीसदी अतिरिक्त टैक्स लगना था।

दूसरा जीएसटी से नुकसान होने पर अब 5 साल तक 100% मुआवजा मिलेगा। मूल विधेयक में 3 साल तक 100%, चौथे साल में 75% और 5वें साल में 50% मुआवजे का प्रस्ताव था।

तीसरा विवाद सुलझाने के लिए नयी व्यवस्था की गई है, जिसमें राज्यों की आवाज बुलंद होगी। पहले विवाद सुलझाने की व्यवस्था मतदान आधारित थी, जिसमें दो-तिहाई वोट राज्यों के और एक तिहाई केंद्र के पास थे।

चौथा- विधेयक में जीएसटी के मूल सिद्धांत को परिभाषित करने वाला एक नया प्रावधान जोड़ा जाएगा, जिसमें राज्यों और आम लोगों को नुकसान नहीं होने का भरोसा दिलाया जाएगा।

अब क्या होगा ? | संविधान संशोधन विधेयक पर संसद के दोनों सदनों की मुहर लगने के बाद कम से कम 15 राज्यों की विधानसभाओं की मंजूरी चाहिए होगी। इसके बाद राष्ट्रपति हस्ताक्षर करेंगे, जिससे ये कानून बनेगा। इसके बाद केंद्र सरकार को सेंट्रल जीएसटी और राज्य सरकारों को स्टेट जीएसटी से जुड़े कानून बनाने होंगे।

माना जा रहा है कि ये प्रक्रिया नवंबर तक पूरी होगी और दोबारा विचार के लिए विंटर सेशन में लाया जा सकता है। ये सारी प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही जीएसटी के नियम बनाए जाएंगे, जिन पर काम पहले से चल रहा है। केंद्र सरकार की योजना अगले साल पहली अप्रैल से जीएसटी लागू करने की है।

अब तक क्यों अटका रहा बिल  ? | 16 साल पहले वाजपेयी सरकार ने इसकी शुरुआत की थी, लेकिन बहुमत नहीं होने और विपक्ष के विरोध के कारण ये टलता रहा। 2009 में यूपीए सरकार बनने पर उसने भी इसे पारित कराने की कोशिश की, लेकिन बीजेपी के विरोध और ज्यादातर राज्यों में गैर-कांग्रेसी सरकारें होने के कारण उसे भी कामयाबी नहीं मिली।

जीएसटी बिल से फायदा | गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स केंद्र और राज्यों के 20 से ज्यादा अप्रत्यक्ष करों की जगह लेगा। इसके लागू होने पर एक्साइज, सर्विस टैक्स, एडिशनल कस्टम ड्यूटी, वैट, सेल्स टैक्स, मनोरंजन कर, लक्जरी टैक्स और ऑक्ट्रॉय एंड एंट्री टैक्स जैसे कई टैक्स खत्म हो जाएंगे। पूरे देश में एक समान टैक्स लागू होने से कीमतों का अंतर घटेगा।

हालांकि जीएसटी लागू होने के बाद भी पेट्रोल, डीज़ल, शराब और तंबाकू पर लगने वाले टैक्स में कोई बदलाव नहीं होगा। सरकार और उद्योग जगत दोनों का ही मानना है कि जीएसटी लागू होने से पूरे देश में कारोबार करना आसान होगा, जिससे जीडीपी में कम से कम 2 फीसदी की बढ़ोतरी हो सकती है।

क्या सस्ता क्या महंगा ? | GST  के लागू होने से देश भर में टैक्स की दरें बदलेंगी जिसका असर सामानों कीमतों पर भी पड़ेगा GST बिल में गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स की दर 18 फीसदी रखे जाने की चर्चा है।

  • डिब्बाबंद फूड प्रोडक्ट 12% तक महंगे हो सकते हैं,
  • कपड़े, रत्न-आभूषण महंगे हो सकते हैं, इन पर कम से कम 12 फीसदी टैक्स लगने के आसार हैं, जिससे इनके दाम बढ़ सकते हैं।
  • मोबाइल बिल, क्रेडिट कार्ड का बिल महंगे होने के आसार हैं, इसके अलावा डिस्काउंट वाले प्रोडक्ट महंगे पड़ेंगे क्योंकि जीएसटी में टैक्स एमआरपी पर लगेगा।
  • छोटी कारें और मिनी एसयूवी सस्ती हो सकती हैं।
  • घरेलू सामान एसी, फ्रिज, वॉशिंग मशीन, माइक्रोवेव ओवन सस्ते हो सकते हैं।
  • रेस्तरां का बिल कम होगा क्योंकि जीएसटी के तहत सिर्फ एक ही टैक्स लगेगा।
  • जीएसटी से एंटरटेनमेंट टैक्स कम होगा. इससे सिनेमा के टिकट सस्ते होने की उम्मीद की जा सकती है।
  • उद्योगों को जीएसटी लागू होन पर 18 तरह के टैक्स नहीं भरने पड़ेंगे। टैक्स भरने की प्रक्रिया भी आसान होगी।

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