कोरोना का कहर | लॉकडाउन को तीन जोन में बांटने की तैयारी, जानिए पूरी खबर
नई दिल्ली (उत्तराखंड पोस्ट) देश में कोरोना लगातार रफ्तार पकड़ रहा है। करोनो संक्रमितों की संख्या 8356 तक पहुंच गई है।वहीं कोरोना वायरस से अब तक देश में 273 लोगों की मौत हो गई है। हालांकि 715 लोग ठीक होकर अस्पताल से घर भी जा चुके हैं। देश में कोरोना वायरस के लगातार बढ़ रहे ख़तरे
नई दिल्ली (उत्तराखंड पोस्ट) देश में कोरोना लगातार रफ्तार पकड़ रहा है। करोनो संक्रमितों की संख्या 8356 तक पहुंच गई है।वहीं कोरोना वायरस से अब तक देश में 273 लोगों की मौत हो गई है। हालांकि 715 लोग ठीक होकर अस्पताल से घर भी जा चुके हैं।
देश में कोरोना वायरस के लगातार बढ़ रहे ख़तरे को देखते हुए केंद्र सरकार देश को 3 अलग-अलग जोन में बांटकर लॉकडाउन की तारीख को आगे बढ़ा सकती है। कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या के आधार पर ये जोन बनाए जा सकते हैं
माना जा रहा है कि सुरक्षित इलाकों में कुछ सेवाओं की बहाली हो सकती है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, स्कूल और कॉलेज तो बंद रहेंगे लेकिन कुछ छोटे उद्योगों एवं शराब की दुकानों को खोलने की इजाजत दी जा सकती है। एक सरकारी सूत्र के मुताबिक, सरकार अलग-अलग चरणों में लॉकडाउन खोल सकती है।सूत्रों के मुताबिक, लॉकडाउन को आगे बढ़ाने की आम सहमति के बीच सरकार देश को 3 अलग-अलग जोन में बांटेगी- रेड, ऑरेंज और ग्रीन। ये जोन किसी खास क्षेत्र में कोरोना वायरस से संक्रमण के मामलों को ध्यान में रखकर बनाए जाएंगे।
रेड जॉन में पूरी तरह लॉकडाउन होगा, और इसमें वे इलाके शामिल होंगे जहां संक्रमित लोगों की संख्या बहुत ज्यादा है। इस जोन कोरोना हॉटस्पॉट और सील इलाके शामिल होंगे ।ऑरेंज जोन में वे इलाके शामिल होंगे जहां काफी कम मामले सामने आए हैं और पॉजिटिव मामलों की संख्या मे कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है। इन इलाकों में फसलों को काटने और लिमिटेड पब्लिक ट्रांसपोर्ट की इजाजत दी जा सकती है।
जहां एक भी कोरोना केस नहीं होगा उसे ग्रीन जोन में रख सकते है।ग्रीन जोन वाले जिलों के सरकारी दफ्तरों में पहले की तरह काम शुरू करने की व्यवस्था हो सकती है. इसके अलावा ग्रीन जोन में कुछ छोटे उद्योगों को खोलने की इजाजत दी जा सकती है। सूत्रों ने कहा कि लगभग सभी राज्यों के मुख्यमंत्री बड़े स्तर पर लोगों की एक राज्ये से दूसरे राज्य में आवाजाही के खिलाफ थे। वहीं, शराब की दुकानें फिर से खुल सकती हैं क्योंकि ज्यादातर राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने इस पर जोर दिया और कहा कि राजस्व का बढ़ा हिस्सा इससे आता है।
Youtube – http://www.youtube.com/c/UttarakhandPost
Twitter– https://twitter.com/uttarakhandpost
Facebook Page– https://www.facebook.com/Uttrakhandpost
पर हमसे जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करे , साथ ही और भी Hindi News (हिंदी समाचार ) के अपडेट के लिए हमे गूगल न्यूज़ पर फॉलो करे