अकेले भाजपा की पूरी फौज पर भारी पड़ रहे हैं हरीश रावत !

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अकेले भाजपा की पूरी फौज पर भारी पड़ रहे हैं हरीश रावत !

उत्तराखंड में चुनावी मौसम में राजनीतिक दल अपने-अपने पक्ष में चुनावी माहौल बनाने की लिए जुट गए हैं। भाजपा ने जहां केद्रीय मंत्रियों की पूरी फौज को उत्तराखंड में उतार दिया है, वहीं कांग्रेस का किला बचाने के लिए फिलहाल मुख्यमंत्री हरीश रावत अकेले मोर्चा संभाले हुए हैं। खास बात ये है कि हरीश रावत


उत्तराखंड में चुनावी मौसम में राजनीतिक दल अपने-अपने पक्ष में चुनावी माहौल बनाने की लिए जुट गए हैं।

भाजपा ने जहां केद्रीय मंत्रियों की पूरी फौज को उत्तराखंड में उतार दिया है, वहीं कांग्रेस का किला बचाने के लिए फिलहाल मुख्यमंत्री हरीश रावत अकेले मोर्चा संभाले हुए हैं।

खास बात ये है कि हरीश रावत अकले इन सभी को टक्कर देते हुए भी दिखाई दे रहे हैं।

भारतीय जनता पार्टी की अगर बात करें तो बीजेपी ने अब तक 16 मंत्रियों को पहाड़ में भेज कर उत्तराखंड में अपने पक्ष में माहौल बनाना शुरू कर दिया है, वहीं मुख्‍यमंत्री हरीश रावत अकेले ही बीजेपी को टक्कर देने के लिए धुंआधार प्रचार में जुट गए हैं।

भाजपा की परिवर्तन यात्रा के साथ ही कांग्रेस की सतत विकास यात्रा चल रही है लेकिन भीड़ की अगर बात करें तो भाजपा की परिवर्तन रैलियों में केंद्रीय नेताओं की भारी भरकम फौज के बाद भी उतनी भीड़ नहीं जुट पा रही है, जितनी हरीश रावत अकेले जुटा ले रहे हैं।

भाजपा के कद्दावर नेताओं की अगर बात करें तो अब तक भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के साथ ही केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद, सुरेश प्रभु, धर्मेंद्र प्रधान, उमा भारती, मनोहर पर्रिकर, राजनाथ सिंह, जेपी नड्डा, राधा मोहन सिंह के साथ ही भाजपा नेता  श्याम जाजू, , कैलाश विजय वर्गीय और पार्टी के सभी पांच सांसद जनता के बीच जा रहे हैं।

हरीश रावत की रैलियों में भीड़ देखकर जहां भाजपा की नेताओं की नींद उड़ी हुई है, वहीं हरीश रावत भी अब चाहते हैं कि केंद्रीय नेता आकर उत्तरांड में मोर्चा संभाले। इसको लेकर ही बीते दिनों हरीश रावत दिल्ली में आलाकमान से मुलाकात भी कर आए हैं, जिसके बाद उन्होंने कहा था कि वे चुनावी रैलियों पर चर्चा करने दिल्ली पहुंचे थे

कांग्रेस जहां अघोषित रुप से हरीश रावत को ही एक तरह से आगामी चुनाव में अपना चेहरा घोषित कर चुकी है, वहीं भाजपा ने किसी को अपना चेहरा घोषित नहीं किया है और माना ये ही जा रहा है कि भाजपा मोदी के चेहरे पर ही उत्तराखंड में सत्ता परिवर्तन की अपनी लड़ाई लड़ेगी।

बहरहाल सत्ता की इस लड़ाई में मुख्यमंत्री हरीश रावत को जनता का फिर से साथ मिलता है या फिर भाजपा सत्ता परिवर्तन में कामयाब होती है इसका फैसला तो जनता ही करेगी लेकिन फिलहाल जनता को लुभाने में दोनों ही राजनीतिक दलों ने कोई कसर नहीं छोड़ी है।

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