होलोग्राम टेंडर आवंटन में रावत सरकार ने किया बड़ा घोटाला: BJP

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होलोग्राम टेंडर आवंटन में रावत सरकार ने किया बड़ा घोटाला: BJP

प्रदेश का आबकारी विभाग एक बार फिर नये प्रकार के घोटाले को लेकर चर्चा में आया हैं, ब्लैक लिस्टेड कंपनी को चार गुना दरों पर टेंडर दिये जाने के खुलासे के बाद बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता मुन्ना सिंह चौहान ने सीएम हरीश रावत पर तंज कसते हुए कहा है कि हरीश रावत तो घोटालों के सरगना


प्रदेश का आबकारी विभाग एक बार फिर नये प्रकार के घोटाले को लेकर चर्चा में आया हैं, ब्लैक लिस्टेड कंपनी को चार गुना दरों पर टेंडर दिये जाने के खुलासे के बाद बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता मुन्ना सिंह चौहान ने सीएम हरीश रावत पर तंज कसते हुए कहा है कि हरीश रावत तो घोटालों के सरगना हैं। वित्तीय घपले करना उनकी आदत हो चुकी है। वहीं उनके खास मंत्री भी उनके संरक्षण में घोटालों को अंजाम दे रहे हैं। आरोप है कि जिन दो कंपनियो यू फ्लैक्स और मॉनटेज ने टेंडर में भाग लिया वे एसोसिएट कंपनियां हैं।

राज्य सरकार ने टेंडर में जानबूझकर ऐसी शर्ते रखी जो केवल यह दो कंपनियां ही पूरा कर सकती है। ऐसे में यह टेंडर सोच समझ कर इन दो कम्पनी को लाभ देने के लिए दिया गया है।

राज्य सरकार ने जिस हालात में टेंडर किया है उससे अब घोटाले की बू आ रही है। विभाग ने नियम को ताक पर रखकर पहले से चार गुना अधिक दरों पर टेंडर को मंजूरी दी है। खास बात यह भी है कि टेंडर उस कंपनी को दिया गया जो शराब का कारोबार करती है। नियमो के मुताबिक जो कंपनी शराब का उत्पादन करती है उसे होलोग्राम का टेंडर नहीं दिया जा सकता है। हैरानी की बात यह है कि यू फ्लैक्स नाम की यह कंपनी पहले से ही शराब के कारोबार में गड़बड़ी को लेकर विवादो में है और यूपी सीबीआई जांच चलने के साथ ही कंपनी ब्लैक लिस्टेड भी है। लंबे समय से प्रदेश की आर्थिक स्थिति कमजोर होने का रोना रो रही सरकार खुद ही दोनों हाथो से सरकारी धन को लुटाने में लगी हुई है।

आबकारी विभाग द्वारा गत तीन-चार वर्षो से जो टेंडर सात पैसे प्रति होलोग्राम के हिसाब से दिया जाता था वह टेंडर इस बार राज्य सरकार ने 28 पैसे प्रति होलोग्राम के हिसाब से किया है। ऐसे में यह साढ़े पांच करोड़ का नुकसान तो सरकार को हुआ ही है। साथ ही नकली शराब बेचने की संभावनाएं भी बढ़ गयी है। शराब का उत्पादन करने वाली कंपनी को ही होलोग्राम का टेंडर दिया जाना कहीं न कहीं सवाल खड़े कर रहा है। ऐसे में भाजपा का आरोप है कि यह टेंडर नहीं बल्कि अवैध शराब का कारोबार करने का लाइसेंस है। जबकि इसी कम्पनी पर यूपी में घटिया और जहरीली शराब सप्लाई करने को लेकर पहले से ही जांच चल रही है। अब यह भी सवाल है कि राज्य सरकार ब्लैक लिस्ट कंपनी को टेंडर कैसे दे सकती है।

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