रावत ने ‘लोकतंत्र बचाओ यात्रा’ और सोशल मीडिया को बनाया हथियार

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रावत ने ‘लोकतंत्र बचाओ यात्रा’ और सोशल मीडिया को बनाया हथियार

उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद भले ही ये मामला नैनीताल हाईकोर्ट में लंबित हो लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का कहना है कि उत्तराखंड में लोकतंत्र की हत्या की गई और जनता की अदालत में वे इस मुद्दे को उठाएंगे। इसकी शुरुआत हरीश रावत ने ‘लोकतंत्र बचाओ यात्रा’ के रूप में शुरु


उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद भले ही ये मामला नैनीताल हाईकोर्ट में लंबित हो लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का कहना है कि उत्तराखंड में लोकतंत्र की हत्या की गई और जनता की अदालत में वे इस मुद्दे को उठाएंगे। इसकी शुरुआत हरीश रावत ने ‘लोकतंत्र बचाओ यात्रा’ के रूप में शुरु कर दी है। हरीश रावत इस यात्रा के दौरान जनता के बीच जा रहे हैं और जनता के बीच अपनी बात रखने में पूरे जोर-शोर से जुटे हुए हैं। खासकर रावत उन क्षेत्रों को प्रमुखता दे रहे हैं, जिस क्षेत्र से वो नौ कांग्रेसी विधायक हैं, जिन्होंने बागी होकर उत्तराखंड में राजनीतिक अस्थिरता पैदा करने की शुरुआत की। (पढ़ें-हरक ने मिलाए BJP के सुर में सुर, कहा- हरीश और मंत्रियों की संपत्ति की हो जांच)

सोशल मीडिया का सहारा

जनता से जुड़ने के लिए ना सिर्फ हरीश रावत यात्राएं कर रहे हैं बल्कि सोशल मीडिया के माध्यम से जनता से जुड़ने की कोशिश भी कर रहे हैं। खासकर उत्तरांखंड में सोशल मीडिया के सबसे प्रमुख माध्यम फेसबुक के जरिए हरीश रावत जनता तक खासकर युवाओं तक अपनी बात पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं कि उनकी सरकार को बहुमत साबित करने का मौका दिए बिना बर्खास्त कर दिया गया और राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया। (पढ़ें-“गंगा आरती छोड़ें, गंगा में डुबकी लगाएं अजय भट्ट”) (पढ़ें-‘लोकतंत्र बचाओ’ यात्रा के जवाब में BJP निकालेगी ‘उत्तराखंड बचाओ’ यात्रा) (पढ़ें-लोकतंत्र की हत्या करने वाले चला रहे हैं लोकतंत्र बचाओ अभियान: BJP)

रावत के फेसबुक पेज पर डेढ़ लाख से ज्यादा लाइक

हरीश रावत उत्तराखंड में फेसबुक पर खासे लोकप्रिय हैं और उनके फेसबुक पेज पर करीब डेढ़ लाख से ज्यादा लाईक हैं। ऐसे में इस माध्यम का वे भरपूर इस्तेमाल कर रहे हैं। वे ना सिर्फ फेसबुक के माध्यम से लोगों से जुड़ रहे हैं बल्कि अपने कार्यकाल की उपलब्धियों का बखान भी खूब कर रहे हैं। (पढ़ें-सहिष्णुता के ऊपर निरंकुशता को थोप रही है मोदी सरकार : हरीश रावत) (पढ़ें- BJP के दावों से घबराई कांग्रेस ने राज्यपाल को चिट्ठी में क्या लिखा ?)

बहरहाल उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन का मामला फिलहाल नैनीताल हाईकोर्ट में लंबित है और इस पर 18 अप्रैल को अगली सुनवाई होनी है, ऐसे में देखना अहम होगा कि कोर्ट हरीश रावत के पक्ष में फैसला देकर उन्हें उत्तराखंड विधानसभा में बहुमत साबित करने का मौका देता है या फिर कोर्ट से हरीश रावत निराश होंगे। (पढ़ें-नोटों के बैग लेकर विधायकों को खोज रही है भाजपा : हरीश रावत)

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