31 मार्च को भी बहुमत साबित नहीं कर पाएंगे हरीश रावत: बहुगुणा

  1. Home
  2. Uttarakhand

31 मार्च को भी बहुमत साबित नहीं कर पाएंगे हरीश रावत: बहुगुणा

हाईकोर्ट के हरीश रावत सरकार को 31 मार्च को बहुमत साबित करने का मौका देने के फैसले के बाद हरीश रावत भले ही राहत महसूस करने के साथ ही भले ही बहुमत साबित करने का दावा कर रहे हों। (पढ़ें-हरीश रावत को कोर्ट से बड़ी राहत, 31 मार्च को साबित करना होगा बहुमत) लेकिन 18


31 मार्च को भी बहुमत साबित नहीं कर पाएंगे हरीश रावत: बहुगुणा

हाईकोर्ट के हरीश रावत सरकार को 31 मार्च को बहुमत साबित करने का मौका देने के फैसले के बाद हरीश रावत भले ही राहत महसूस करने के साथ ही भले ही बहुमत साबित करने का दावा कर रहे हों। (पढ़ें-हरीश रावत को कोर्ट से बड़ी राहत, 31 मार्च को साबित करना होगा बहुमत) लेकिन 18 मार्च को सरकार के खिलाफ बगावत कर ये स्थिति पैदा करने वाले कांग्रेस के बागियों का दावा है कि हरीश रावत 31 मार्च को बहुमत साबित नहीं कर पाएंगे। (पढ़ें-हरीश रावत ने किया कोर्ट के फैसले का स्वागत, कहा- साबित करेंगे बहुमत) पूर्व मुख्यमंत्री व बागियों के मुखिया में से एक विजय बहुगुणा का कहना है कि हरीश रावत 18 मार्च को भी बहुमत साबित नहीं कर पाए थे और 31 मार्च को भी ऐसा ही होगा। बहुगुणा ने कहा कि उन्होंने 18 मार्च को भी सरकार के खिलाफ थे और 31 मार्च को भी वे सरकार के खिलाफ ही वोट करेंगे। बहुगुणा ने बागियों को वोटिंग का अधिकार देने के हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। (पढ़ें-हाईकोर्ट के फैसले को भाजपा और कांग्रेस दोनों देंगे चुनौती !)

गौरतलब है कि नैनीताल हाईकोर्ट ने अपने आदेश में हरीश रावत को बहुमत साबित करने का मौका देने के साथ ही स्पीकर के फैसले से बाद उत्तराखंड विधानसभा की सदस्यता गंवा चुके बागी कांग्रेसियों को भी वोटिंग का अधिकार देने की बात कही है। जिसके बाद से सदस्यता गंवाने वाले बागी खुशी से फूले नहीं समा रहे हैं। कोर्ट के इस फैसले के बाद बागियों और बीजेपी के निशाने पर अब विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल हैं। (पढ़ें- बागी विधायकों को वोटिंग के अधिकार पर हम कानूनी राय ले रहे हैं: अंबिका सोनी)

बागियों का कहना है कि हाईकोर्ट के फैसले से साबित हो गया है कि विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल ने गलत तरीके से उनकी सदस्यता समाप्त की है। बागी कांग्रेसी सुबोध उनियाल ने कहा कि स्पीकर कुंजवाल ने असंवैधानिक तरीके से उनकी सदस्यता समाप्त की थी, जिसे आज कोर्ट ने भी मानते हुए हमें वोटिंग का अधिकार दिया है।

uttarakhand postपर हमसे जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक  करे , साथ ही और भी Hindi News (हिंदी समाचार ) के अपडेट के लिए हमे गूगल न्यूज़  google newsपर फॉलो करे