उत्तराखंड के इस गांव में है भूतों का बसेरा, जानें पूरी खबर
चंपावत (उत्तराखंडपोस्टब्यूरो) आजकल के आधुनिक समय में शायद ही दुनिया में कोई होगा जो मानता हो कि भूत सच में होते है। लोगों से जब भूत के बारे में पूछा जाए तो सबकी अपनी-अपनी राय होती है। कुछ तो कहते है कि भूत होते है औऱ कुछ भूत के होने जैसी बातों को सिरे से खारिज कर
चंपावत (उत्तराखंडपोस्टब्यूरो
शहर में कुछ ही जगह होती है जहां सुनसानी पसरी रहती है मगर पहाड़ो में ऐसी बहुत सी जगह होती है। पहाड़ी इलाको में हर एक जगह की अपनी एक कहानी होती है।
उत्तराखंड के चंपावत जिले के एक गांव कि भी कुछ ऐसी ही कहानी है, जिसके बारे में कहा जाता है कि यहां पर भूतों का बसेरा है और वहां इंसानों का कोई वजूद ही नहीं। भूत- प्रेतों का कहर इस गांव पर कुछ इस तरह टूटा कि ये पूरा गांव ही वीरान हो गया। आखिर क्या हुआ था उस गांव में, आइए जानते हैं। ये गांव है उत्तराखंड के चंपावत जिले का और इसका नाम है स्वाला।
इस गांव के ऐसा होने के पीछे एक दुर्घटना की अजीब सी कहानी है। स्थानीय लोग के मुताबिक स्वाला गांव के पास 1952 में पीएसी की एक बटालियन गाड़ी खाई में गिर गई थी। गाड़ी के अंदर फंसे जवान अपने बचाव के लिए गांव के लोगों के पुकारते रहे, लेकिन गांव के लोगों ने उनकी कोई मदद नहीं की, बल्कि ने उनका सामान लूट कर भाग गए। जवानों की तड़प-तड़प कर गाड़ी में ही मौत हो गई।
कहते है कि तब से जवानों की आत्माओं ने इस गांव में ऐसा कोहराम मचाया कि लोग इस गांव को छोड़कर भाग गए। जानकार बताते हैं कि आज भी इस इस गांव में इनकी आत्माएं घूमती रहती हैं। इसलिए इस गांव में कोई नही रहता है। जिस जगह पर पीएसी के जवानों की गाड़ी गिरी थी, वहां पर एक मंदिर बनाया गया है और इस रास्ते से गुजरने वाली हर गाड़ी यहां जरूर रुकती है।
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