सोमवार को होगी बागी विधायकों की याचिका पर सुनवाई

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सोमवार को होगी बागी विधायकों की याचिका पर सुनवाई

नैनीताल हाईकोर्ट में शनिवार को कांग्रेस के नौ बागी विधायकों की सदस्यता समाप्त करने के विधानसभा अध्यक्ष के फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष कुंजवाल की ओर से वकील वरिष्ठ आधिवक्ता कपिल सिब्बल ने दलील पेश की। इसके बाद कोर्ट ने सोमवार के लिए सुनवाई टाल दी।


सोमवार को होगी बागी विधायकों की याचिका पर सुनवाई

सोमवार को होगी बागी विधायकों की याचिका पर सुनवाईनैनीताल हाईकोर्ट में शनिवार को कांग्रेस के नौ बागी विधायकों की सदस्यता समाप्त करने के विधानसभा अध्यक्ष के फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष कुंजवाल की ओर से वकील वरिष्ठ आधिवक्ता कपिल सिब्बल ने दलील पेश की। इसके बाद कोर्ट ने सोमवार के लिए सुनवाई टाल दी। अब मामले की सुनवाई सोमवार को होगी।

सुनवाई के दौरान कपिल सिब्बल ने आरोप लगाया कि बागी विधायकों की ओर से सुनवाई को लेकर कोर्ट की उपेक्षा की जा रही है। त्वरित न्याय के लिए कोर्ट आने की बात करने वाले अब पैरवी को नहीं आ रहे हैं। सिब्बल ने यह बात याचिगणों के अधिवक्ता विकास बहुगुणा के आज मामले को सोमवार तक आगे बढ़ाने की मांग पर कड़ी आपत्ति जताते हुए यह बात कही।

उन्होंने कहा कि यह कोर्ट का अपमान है। उन्होंने कहा कि कोर्ट को ऐसे में पिटीशन को खारिज कर देना चाहिए। इस के बाद लगभग 2:15 बजे से उन्होंने 9 बर्खास्त विधायकों के खिलाफ स्पीकर की कारवाई के पक्ष में तर्क दिए। इस में गवर्नर को 18 मार्च को दिए नेता प्रतिपक्ष अजय भट्ट के लेटर पेड़ में राज्यपाल को दिए संयुक्त पत्र का हवाला दिया।

सिब्बल ने आरोप लगाया कि 9 विधायक 18 को सुबह से ही भाजपा के सरकार गिराने के षड्यंत्र में शामिल थे। उन्होंने सुप्रीमकोर्ट के फैसलों को आधार बनाते हुए स्पीकर की कार्रवाई को जायज ठहराया। सिब्बल ने राष्ट्रपति शासन को लेकर हाई कोर्ट के टिप्पणी, जिसमें कहा था कि बागी विधायकों ने संवैधानिक पाप किया है, जिसकी सजा इन्हें मिलनी चाहिए की जानकारी भी अदालत को दी। कोर्ट ने सिब्बल की दलील के बाद सुनवाई के लिए सोमवार की तिथि तय कर दी।

अदालत ने बागी विधायकों के अधिवक्ता को सुबह 11:15 बजे से शुरू होने वाली सुनवाई में उपस्थित होने के निर्देश दिए हैं। अदालत इस पर 27 अप्रैल से पहले फैसला दे सकती है।

अगर हाईकोर्ट इन विधायकों की सदस्यता को रद्द करता है तो हरीश रावत के लिए ये बड़ी राहत की बात होगी। अगर सदस्यता बहाल हो जाती है तो भाजपा के लिए सरकार बनाने का दावा पेश करना आसान हो जाएगा।

इन बागियों पर होना है फैसला

कांग्रेस के जिन बागी विधायकों की सदस्यता को लेकर फैसला होना है उनमें विजय बहुगुणा, हरक सिंह रावत, अमृता रावत, प्रदीप बतरा, प्रणव सिंह, शैला रानी रावत, शैलेंद्र मोहन सिंघल, सुबोध उनियाल और उमेश शर्मा के नाम शामिल हैं।

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