देश के टैक्नोलॉजी एवं मैनेजमेंट संस्थानों में छठे स्थान पर IIT रूड़की

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देश के टैक्नोलॉजी एवं मैनेजमेंट संस्थानों में छठे स्थान पर IIT रूड़की

नयी दिल्ली: देश के टैक्नोलॉजी एवं मैनेजमेंट संस्थानों में उत्तराखंड में स्थित आईआईटी रूड़की को छठा स्थान मिला है। हाल में विवादों के केंद्र में रहे जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी एवं हैदराबाद यूनिवर्सिटी केंद्रीय विश्वविद्यालयों की सूची में शीर्ष पर हैं जबकि आईआईटी मद्रास एवं आईआईएम बेंगलूर टैक्नोलॉजी एवं मैनेजमेंट संस्थानों में अव्वल हैं। सरकार द्वारा


देश के टैक्नोलॉजी एवं मैनेजमेंट संस्थानों में छठे स्थान पर IIT रूड़की

देश के टैक्नोलॉजी एवं मैनेजमेंट संस्थानों में छठे स्थान पर IIT रूड़कीनयी दिल्ली: देश के टैक्नोलॉजी एवं मैनेजमेंट संस्थानों में उत्तराखंड में स्थित आईआईटी रूड़की को छठा स्थान मिला है। हाल में विवादों के केंद्र में रहे जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी एवं हैदराबाद यूनिवर्सिटी केंद्रीय विश्वविद्यालयों की सूची में शीर्ष पर हैं जबकि आईआईटी मद्रास एवं आईआईएम बेंगलूर टैक्नोलॉजी एवं मैनेजमेंट संस्थानों में अव्वल हैं। सरकार द्वारा सोमवार को जारी अभी तक की पहली घरेलू रैकिंग में इन संस्थानों को टॉप स्थान दिया गया है। (पूरी सूची देखने के लिए क्लिक करें)

देश के टैक्नोलॉजी एवं मैनेजमेंट संस्थानों में छठे स्थान पर IIT रूड़कीटैक्नोलॉजी संस्थानों में आईआईटी मुंबई को दूसरा स्थान मिला है जबकि इसके बाद आईआईटी खड़गपुर, आईआईटी दिल्ली एवं आईआईटी कानपुर का स्थान है। मणिपाल कॉलेज ऑफ फार्मेसी देश के फार्मेसी शिक्षण संस्थानों में सबसे आगे है।

मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी द्वारा जारी राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग रूपरेखा (एनआईआरएफ) में 4 श्रेणी के 3500 विभिन्न संस्थाओं को शामिल किया गया है। यूनिवर्सिटी श्रेणी में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस, बेंगूलर (जो एक मानद यूनिवर्सिटी है) को टॉप रैकिंग वाला संस्थान माना गया है जबकि रसायन टैक्नोलॉजी संस्थान (आईसीटी) मुंबई का स्थान इसके बाद है।

देश के टैक्नोलॉजी एवं मैनेजमेंट संस्थानों में छठे स्थान पर IIT रूड़कीविवादों के कारण पिछले दिनों सुखिर्यों में आया जेएनयू केंद्रीय विश्वविद्यालयों में अग्रणी स्थान पर है जबकि रोहित वेमुला की आत्महत्या के कारण विरोध प्रदर्शनों के केंद्र में रहा हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय चौथे स्थान पर है। विशेषज्ञों की समिति ने इस रैंकिंग के लिए जिन कारकों को चुना उनमें छात्रों, पूर्व छात्रों, अभिभावकों, कर्मचारियों एवं जनता के बीच धारणा प्रमुख है। शिक्षण एवं अध्ययन संसाधन, शिक्षा परिणाम, अनुसंधान आदि अन्य कारक हैं।

स्मृति ने बाद में संवाददाताओं से कहा कि इस बात का प्रयास है कि रैकिंग प्रणाली को वार्षिक आधार पर निकाला जाए तथा और श्रेणियों को जोडा जाए ताकि छात्र दाखिला लेने से पहले संस्थान के बारे में जान सके।

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