भोजन माता के मानदेय में 500 रुपए की बढ़ोतरी, जल्द जारी होगा शासनादेश

  1. Home
  2. Dehradun

भोजन माता के मानदेय में 500 रुपए की बढ़ोतरी, जल्द जारी होगा शासनादेश

प्रदेश में भोजनमाताओं को दस माह के बजाय 11 माह मानदेय दिया जायेगा, भोजनमाताओं को मानदेय मे की गई 500 रू की बढ़ोतरी का शासनादेश शीघ्र जारी कर दिया जायेगा, भोजनमाताओं को सेवानिवृति के समय एक मुश्त आर्थिक सहायता उपलब्ध करायी जायेगी इसके लिये एक करोड़ का कारपस फण्ड स्थापित किया जायेगा जबकि आगनबाड़ी के


प्रदेश में भोजनमाताओं को दस माह के बजाय 11 माह मानदेय दिया जायेगा, भोजनमाताओं को मानदेय मे की गई 500 रू की बढ़ोतरी का शासनादेश शीघ्र जारी कर दिया जायेगा, भोजनमाताओं को सेवानिवृति के समय एक मुश्त आर्थिक सहायता उपलब्ध करायी जायेगी इसके लिये एक करोड़ का कारपस फण्ड स्थापित किया जायेगा जबकि आगनबाड़ी के मामले में यह धनराशि 5 करोड़ होगी, दो बच्चो तक महिलाओं को 2 हजार रूपये मातृत्व लाभ के रूप मे दिये जायेंगे। प्रदेश में 75 एएनएम सेन्टर स्थापित किये जाने के साथ ही विकास नगर क्षेत्र के विकास के लिये हरिद्वार, ऋषिकेश, देहरादून मे प्रस्तावित मेट्रोसेवा के तहत सेलाकुई, सहसपुर, विकासनगर व कालसी को भी सम्मिलित किया जायेगा।

ये घोषणा मुख्यमंत्री हरीश रावत ने रविवार को सहसपुर में उत्तराखण्ड भोजनमाता संगठन द्वारा आयोजित कार्यक्रम में व्यक्त किये।  उन्होंने कहा कि प्रदेश में लाखो बच्चों को एक ही समय पर प्रतिदिन भोजन खिलाने का कार्य भोजनमाताये कर रही है। उन्होने निर्देश दिये कि बिना पर्याप्त कारण के किसी भी भोजनमाता को उसके पद से न हटाया जाय। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि ग्रामीण स्तर पर जितने भी महिला संगठन जैसे भोजन माता, आंगनबाड़ी, आशा आदि कार्यकत्रियों को सामुहिक बीमा योजना का लाभ दिये जाने की योजना बनायी जायेगी। उन्होने इन संगठनो से कहा कि उन्हे धरना प्रदर्शन करने की जरूरत नही है। उनकी समस्याओं के समाधान के लिये सरकार प्रयासरत है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में सामाजिक परिवर्तन लाने के लिये महिला, बाल कल्याण व गरीबो के उत्थान के लिये अनेक योजनाये संचालित की गई है। कन्या का जन्म लक्ष्मी के रूप में हो इसके लिये कन्या के जन्म पर उसकी मां को 5 हजार की एनएससी प्रदान की जा रही है। माह की प्रत्येक 5 तारीख को बच्चो का आंगनबाड़ी केन्द्र में स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है जो बच्चा बीमार व कुपोषित होगा उसके उपचार का व्यय राज्य सरकार द्वारा वहन किया जायेगा। आंगनबाड़ी तथा भोजनमाताओ को वाटर फिल्टर उपलब्ध कराये जा रहे है। गर्भवती व धात्री महिलाओ को हफ्ते में दो दिन दूध उपलब्ध कराने की व्यवस्था आंगनबाड़ी केन्द्रो में की जा रही है।

उन्होने कहा कि महिलाये ग्रामीण स्वरूप में बदलाव लाने गांवो की तस्वीर बदलने तथा बच्चो के उज्जवल भविष्य का माध्यम बने इसके लिये महिला कल्याण के प्रति विशेष ध्यान दिया जा रहा है। महिला स्वंय सहायता समूहो के खाते में अक्टूबर या नवम्बर तक 5 हजार रूपये खाते खोलने के लिये दिये जायेंगे। जो स्वंय सहायता समूह कार्य कर रहे है। उन्हे 20 से 25 हजार तक की आर्थिक मदद दी जायेगी।

उन्होने कहा कि महिला स्वयं सहायता समूह खेती पर भी विशेष ध्यान दे, गांवो मे लीज पर जमीन यदि उन्हे मिले तो कृषि उत्पादन के लिये एक लाख तक की मदद सरकार द्वारा दी जायेगी यही नही उत्पादन पर 5 प्रतिशत बोनस भी उन्हे मिलेगा। अपनी खेती में काम करने वाली महिलाओं को मनरेगा से मजदूरी दी जायेगी। शौचालय निर्माण भी मनरेगा से किये जाने की व्यवस्था की गई है। दाई व एएनएम के प्रशिक्षण की भी व्यवस्था की जायेगी। उन्होने कहा कि समाज के सभी वर्गो को सामाजिक पेंशन के दायरे में लाया गया है। पहले पेंशनर्स 1.84 लाख थे उनकी संख्या अब 7 लाख हो गई है। कोई भी निराश्रित, विधवा, विकलांग, परित्यकता, बौने अब पेंशन से वंचित नही रहेंगे।

इस अवसर पर महिला आयोग की अध्यक्षा सरोजनी कैंतुरा, उत्तराखण्ड भोजन माता संगठन की अध्यक्षा उषा देवी, ब्लाक अध्यक्ष सुमित्रा डोभाल, जगदीश गुप्ता, दीन मोहम्मद, यामीन अंसारी सहित बड़ी संख्या में भोजन माताये उपस्थित थी।

uttarakhand postपर हमसे जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक  करे , साथ ही और भी Hindi News (हिंदी समाचार ) के अपडेट के लिए हमे गूगल न्यूज़  google newsपर फॉलो करे