उत्तराखड के संजय को मलेशिया में फांसी की सजा, रिहाई की आस में परिवार
वर्ष 2013 में में मलेशिया के कुआलालम्पुर में ड्रग के बैग के साथ पकड़े गए उत्तराखंड की राजधानी देहरादून निवासी संजय सिंह चौहान को मलेशिया की पिनांग हाई कोर्ट ने फांसी की सजा सुनायी है। अब ख़बरें एक क्लिक पर इस लिंक पर क्लिक कर Download करें Mobile App – उत्तराखंड पोस्ट संजय के परिजन अपने बेटे की रिहाई
वर्ष 2013 में में मलेशिया के कुआलालम्पुर में ड्रग के बैग के साथ पकड़े गए उत्तराखंड की राजधानी देहरादून निवासी संजय सिंह चौहान को मलेशिया की पिनांग हाई कोर्ट ने फांसी की सजा सुनायी है। अब ख़बरें एक क्लिक पर इस लिंक पर क्लिक कर Download करें Mobile App – उत्तराखंड पोस्ट
संजय के परिजन अपने बेटे की रिहाई के लिए भटक रहे हैं लेकिन उन्हें राहत नहीं मिल पायी है। अब इस मामले को केंद्रीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के संज्ञान में लाया गया है।
संजय चौहान की मदद के लिए सुषमा स्वराज को ट्वीट किया गया था जिसके जवाब में आज केंद्रीय विदेश मंत्री ने तीन ट्वीट किए हैं। स्वराज ने कुआलालम्पुर स्थित भारतीय उच्चायोग से मामले से संबंधित जानकारी मांगी थी और उसी से संबंधित भारतीय उच्चायोग के ट्वीट को विदेश मंत्री ने री-ट्वीट किया है।
Our High Commission will extend necessary assistance to family. They are in touch with us 3/3 @SushmaSwaraj
— India in Malaysia (@hcikl) April 25, 2017
भारतीय उच्चायोग ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को जानकारी दी है कि संजय सिंह चौहान को पिनांग हाई कोर्ट से नशीले पदार्थों की तस्करी करने के लिए फांसी की सजा सुनायी गई है। संजय का परिवार इस बात से परिचित है, वो फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील कर सकते हैं। भारतीय उच्चायोग संजय के परिवार की हरसंभव मदद करेगा। वे हमारे साथ संपर्क में हैं।
गौरतलब है कि 22 वर्षीय संजय सिंह चौहान देहरादून के चकराता तहसील के अन्तर्गत बिरपा गांव का निवासी है। संजय को बचाने के लिए परिवार दर-दर की ठोकरें खा रहा है। देहरादून से लेकर दिल्ली और मलेशिया तक अपने निर्दोष बेटे को बचाने के लिए संजय के परिजन जा चुके हैं लेकिन अभी तक कोई सफलता नहीं मिली। संजय के पिता टीकम सिंह भी दुर्घटना में घायल होने के बाद बाहर आने जाने में असमर्थ है। संजय के चाचा अर्जुन सिंह ने सीएम त्रिवेंद्र से भी फरियाद लगाई है।
संजय बीटेक की पढ़ाई के बाद दिल्ली में इंदिरा गांधी एयरपोर्ट में प्रीमियम प्लाजा कम्पनी में नौकरी करता था। वर्ष 2013 में संजय की कम्पनी ने उसका पासपोर्ट और वीजा बनाकर उसे मलेशिया भेजा। जब संजय कुआलालम्पुर पहुंचा तो एयरपोर्ट में तलाशी के दौरान उसके बैग से ड्रग्स मिला। इसके बाद संजय को 2014 में फांसी की सजा का ऐलान हुआ था। मामला फिलहाल लंबित है।
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